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मुंबई की सड़कों पर रहने वाला लड़का आज अमेरिका में कर रहा है पढ़ाई

जिसकी मां दो वक्त की रोटी के लिए सड़कों पर बिनती थी कचरा आज उसका बेटा अमेरिका में कर रहा है पढ़ाई...

मुंबई की सड़कों पर रहने वाला लड़का आज अमेरिका में कर रहा है पढ़ाई

Thursday January 04, 2018 , 4 min Read

यह कहानी है एक ऐसे बच्चे की जो मुंबई की सड़कों और फुटपाथों पर पला बढ़ा है। पर उसकी किस्मत ने करवट ले ली है और वो फिलहाल ह्यूस्टन, टेक्सास में पढ़ाई कर रहा है।

सलमान पहले और बाद में, साभार: स्क्रॉल

सलमान पहले और बाद में, साभार: स्क्रॉल


सलमान सैयद एक ऐसी मां का बेटा है जो 2 वक्त की रोटी कमाने के लिये सड़कों पर कचरा बीनती थीं। मां की मदद करने के लिये सलमान को स्कूल तक छोड़ना पड़ा।

सलमान की कहानी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, लोगों के दिलों को छू रही है। साथ ही उन लोगों के लिये किसी प्रेरणा से कम नहीं जिन्होंने अपने मुफलिसी के दिनों को ही अपनी किस्मत समझ लिया है।

गरीबी एक ऐसा जाल है जो अपनी तरफ लोगों को खींचता रहता है। एक पुरानी कहावत है कि अगर आप गरीब पैदा होते हैं तो ये आपकी गलती नहीं है लेकिन अगर जीवनपर्यंत गरीब ही रहते हैं तो ये आप की ही गलती है। गरीबी से लड़ने का दो ही तरीका है, विद्या हासिल करना और उसको रोजगार पाने में सही इस्तेमाल करना। भारत एक बड़ा लेकिन गरीबों का देश है। सैकड़ों लोग अपनी जीवन बसर के लिये कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। उनमें से कई बहुत कामयाब हो रहे हैं। बस जरूरत है तो सही दिशा में मेहनत करने और एक मजबूत इरादे की।

यह कहानी है एक ऐसे बच्चे की जो मुंबई की सड़कों और फुटपाथों पर पला बढ़ा है। पर उसकी किस्मत ने करवट ले ली है और वो फिलहाल होस्टन, टेक्सास में पढ़ाई कर रहा है। सलमान सैयद एक ऐसी मां का बेटा है जो 2 वक्त की रोटी कमाने के लिये सड़कों पर कचरा बीनती थीं। मां की मदद करने के लिये सलमान को स्कूल तक छोड़ना पड़ा। परिवार की ज़रूरतें बढ़ीं, तो सलमान ने ट्रैफिक सिग्नल पर किताबें बेचनी शुरू कर दीं।

इसी सिग्नल ने उसकी किस्मत बदल दी, क्योंकि यहां मिली सलमान को उसकी कैरोलिन दीदी, जिन्हें वो प्यार से एंजल दीदी बुलाता है। एंजल दीदी की लगातार कोशिशों और अकांक्षा फाउंडेशन की बदौलत सलमान ने 12 साल की उम्र में एक बार फिर पढ़ाई शुरू कर दी। फिल्म डायरेक्टर/लेखक राम सुब्रमण्यन के बनाए एक वीडियो में सलमान अपनी ज़िंदगी के बारे में बताता है कि कैसे उसने दसवीं में फेल होने वाले के बाद भी उम्मीद नहीं छोड़ी। खुद को बाकी बच्चों के जैसा ही समझा और कड़ी मेहनत करता रहा।

सलमान सैयद के मुताबिक, “कई अब भी सिग्नल्स पर फंसे हैं, जैसे मैं था। अपने पूरे बचपन को बल्कि सड़कों पर ही बिताया है मैंने, जब तक कि मैं समझ पाया कि मुझे कुछ करना है। आज मैं उन सब की मदद करना चाहता हूं, जो अपनी जिंदगी के किसी एसे ही मोड़ पर खड़े हैं। मेरी ज़िंदगी का अब यही मकसद है।“ सलमान के. सी. कॉलेज में सोशियोलॉजी की पढ़ाई कर रहा है और अपनी पढ़ाई के लिये पैसों की ज़रूरतों को भी खुद ही गाईड बनकर कमाए गए पैसों से पूरी कर रहा है।

सलमान की कहानी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, लोगों के दिलों को छू रही है। साथ ही उन लोगों के लिये किसी प्रेरणा से कम नहीं जिन्होंने अपने मुफलिसी के दिनों को ही अपनी किस्मत समझ लिया है। कड़ी मेहनत में लोगों की भरोसा भी सलमान के ज़रिये बढ़ रहा है। सिग्नल पर जिन किताबों को सलमान बेचता था, उन्हें ही पढ़कर उसने अंग्रेज़ी सीखी। बाद में लेखक/डायरेक्टर राम सुब्रमण्यन जिन्होंने सलमान का ये वीडियो बनाया, ने उसे एक किंडल तोहफे में दिया ताकि वो अपने पढ़ते रखने के जज़्बे को जारी रख सके। बाद में सुब्रमण्यन ने ट्विटर पर कुछ पोस्ट भी किये जिसमें सलमान के बारे में कुछ अपडेट्स दिखते हैं।

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