कश्मीर के 90 स्कूली बच्चे भारत भ्रमण पर, मंत्री से मिलकर बतायीं अपनी समस्याएं
कश्मीर जैसे दूरदराज इलाकों के बच्चे अपने राज्य के भीतर ही सिमट कर रह जाते हैं। उन्हें देश से रूबरू कराने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से एक पहल शुरू की गई। इन बच्चों ने शुक्रवार को केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात भी की।
जितेन्द्र सिंह ने इस प्रकार के भ्रमण-आयोजन के लिए जम्मू–कश्मीर पुलिस की सराहना की। मंत्री महोदय ने बच्चों द्वारा भविष्य में किए जाने वाले प्रयासों की सफलता तथा प्रसन्नता की कामना की।
जम्मू–कश्मीर के 90 स्कूली बच्चों का एक समूह इन दिनों भारत भ्रमण पर निकला हुआ है। कश्मीर जैसे दूरदराज इलाकों के बच्चे अपने राज्य के भीतर ही सिमट कर रह जाते हैं। उन्हें देश से रूबरू कराने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से एक पहल शुरू की गई। इन बच्चों ने शुक्रवार को केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात भी की। स्कूली बच्चे जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा और सांबा जिलों के रहने वाले हैं। इस समूह में 11 लड़कियां और 79 लड़के शामिल हैं। ये बच्चे जम्मू–कश्मीर पुलिस द्वारा आयोजित भारत दर्शन भ्रमण पर हैं। इस यात्रा के दौरान छात्रों ने आगरा का भ्रमण किया। बच्चों ने दिल्ली के कई प्रमुख स्थलों का भी भ्रमण किया जैसे कुतुब मीनार, लालकिला, लोटस टेंपल, इंडिया गेट आदि।
छात्रों से बातचीत करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य के विकास के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं। उन्होंने राज्य के विभिन्न परियोजनाओं का उदाहरण दिया जैसे उझ बहुउद्देशीय परियोजना, शाहपुर कांडी जलाशय परियोजना, चनाब नदी पर विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल, एम्स और आईआईएम की स्थापना आदि। उन्होंने कहा कि कठुआ जिले के इंजीनियरिंग कॉलेज की शुरुआत हो गई है और मेडिकल कॉलेज भी जल्द ही शुरू होगा। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर भारत का पहला जैव प्रौद्योगिकी पार्क कठुआ जिले में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने स्कूली छात्रों से जम्मू-कश्मीर के ऐतिहासिक स्थलों पर चर्चा की और उन्हें इन स्थलों का भ्रमण करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
सामाजिक उत्तरदायित्व और नेतृत्व केन्द्र (सीएसआरएल) के साथ समन्वय के तहत भारतीय सेना द्वारा प्रारंभ किए गए ‘कश्मीर सुपर-30’ पहल के बारे में मंत्री ने कहा कि यह परियोजना राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर परंतु मेधावी बच्चों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की गई है। इसके तहत जेईई (मुख्य और एडवांस) जैसी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग दी जाती है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 2017-18 के दौरान 32 छात्रों ने जेईई मुख्य परीक्षा के लिए चयनित हुए और इनमें से 7 छात्रों ने जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता प्राप्त की और प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में नामांकन का गौरव हासिल किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस प्रकार के भ्रमण-आयोजन के लिए जम्मू–कश्मीर पुलिस की सराहना की। मंत्री महोदय ने बच्चों द्वारा भविष्य में किए जाने वाले प्रयासों की सफलता तथा प्रसन्नता की कामना की।
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