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बंदे में है दम... वंदे मातरम!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कालेधन  की रीढ़ पर जो़रदार वार, ईमानदारी सारी रात सोई चादर तान के। अब ट्रंप जीतें या हिलेरी, चिंता नहीं, मोदी है तो अॉल इज़ वैल!!!

बंदे में है दम... वंदे मातरम!

Wednesday November 09, 2016 , 6 min Read

कुछ लोग छोटे-मोटे बदलाव नहीं करते, बल्की देश बदलने की कूवत रखते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनमें से एक हैं। कई बड़े कामों को करते हुए मंगलवार 8 नवंबर 2016 को मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान करके एक और ऐतिहासिक बदलाव अपनी उपलब्धियों में शामिल कर लिया है। रिज़र्व बैंक अॉफ इंडिया की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अंबेडकर ने 80 साल पहले अपनी किताब "प्रॉब्लम अॉफ रुपी" लिखा था, कि भ्रष्टाचार खत्म करना हो तो हर 10 साल में नोट बदल देने चाहिए और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री ने वही मास्टर स्ट्रोक मारा है।

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38 साल बाद मुद्रा के क्षेत्र में क्रांति आई है और इस क्रांति को लाने का सारा श्रेय देश के मौजूदा प्रधानमंत्री को जाता है। मोदी सरकार ने कालाधन, आतंकवाद को की जाने वाली फंडिंग और जाली नोटों पर करारा प्रहार किया है। इसी तरह 1946 में 10 हज़ार के नोट पर प्रतिबंध लगाया गया था और 1954 में 10 हज़ार के नोट को फिर से शुरु कर दिया गया, साथ ही 5 हज़ार रुपए के नोट भी शुरु किए गए। 1954 से लेकर 1978 तक 5 हज़ार और 10 हज़ार के नोट चलन में थे, लेकिन स्मगलिंग के बढ़ते कारोबार को देखते हुए 1978 में ही इन पर पुन: प्रतिबंध लगा दिया गया। ऐसा नहीं है कि 500 और 1000 के नोटों को लेकर कल जो हुआ है वह पहली बार हुआ है, लेकिन लंबे समय बाद इस तरह का कदम सराहनीय है, पूरी दुनिया आतंकवाद के कोढ़ से जूझ रही है और मोदी द्वारा उसी आतंकवाद पर लगाम कसने की कोशिश है नोटो का बदल जाना।

कहा जा रहा है, कि नैनो जीपीएस चिप के द्वारा 2000 का नया नोट ट्रैक किया जा सकेगा, जिसके चलते अवैध जमाधन राशि का पता लगाने में आसानी होगी।

राजनीतिक विश्लेषक परांजॉय गुहा ठाकुरता का कहना है, कि "नोट बदल देने के इस बड़े फैसले को अर्थव्यवस्था की मजबूती में मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है, लेकिन कहीं उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनावी मैदान में भाजपा को ये कदम महंगा न पड़ जाये। कैश में लेन-देन करने वाला व्यापारी वर्ग इस फैसले से नाराज़ हो सकता है।"

वहीं दूसरी तरफ अर्थशास्त्री पई पनंदिकर का कहना है, कि "इस फैसले से केंद्र सरकार की सहूलियत के दावों के बावजूद आम आदमी को दो महीने तक परेशान होना पड़ सकता है, साथ ही 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार डगमगा सकती है। इस कदम का असर इंडस्ट्री और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर भी पड़ने की संभावना है।"

इन्हीं सबके बीच शेयर मार्केट से जुड़े ट्रेड स्विफ्ट ब्राॉकिंग प्रा. लिं. के डायरेक्टर संदीप जैन का कहना है, कि "सरकार का इस घोषण का असर शेयर मार्केट पर दिखेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का इंतज़ार कर रहा बाज़ार अब इस सुनामी से निपटने की तैयारी में जुट गया है। निफ्टी और सेंसेक्स इस फऐसले से गड़बड़ा सकते हैं। वैसे असर तो लगभग सभी सेक्टर्स पर पड़ेगा।" 

2000 के नए नोट पर मंगलयान की फोटो है। दो साल पहले ही देश ने पहली बार मंगल ग्रह पर अपना मंगलयान सफलतापूर्वक भेजा था। नए दो हज़ार के नोट का बेस कलर मेजेंटा होगा। नोट का साइज़ 66 मिमी 166 मिमी होगा। नोट पर 2000 नंबर को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। महात्मा गांधी का पोर्टेट नोट के बीच में होगा, दाएं तरफ अशोका पिलर का प्रतीक है। महात्मा गाँधी के पोर्टेट, अशोक स्तंभ के प्रतीक आईडेंटिफिकेशन मार्क पर आधारित हैं, जिससे दृष्टिहीन भी इसे आसानी से पहचान सकेंगे और 500 के नोट पर लाल किले का चित्र बना हुआ है।

शादियों का सीजन शुरु हो चुका है। लोगों ने घरों में ढेर सारा कैश इकट्ठा किया होगा, ऐसे में इन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ा सकता है, क्योंकि इकदम से नए नोट नहीं मिल पायेंगे। यात्रा कर रहे मुसाफिरों को भी इस समस्या से निपटने में दिक्कत होगी, क्योंकि 500 और हज़ार के नोट आज रात 12 बजे के बाद से ही होटलों और दुकानों में बंद हो चुके हैं। ज्वेलर्स के साथ भी यही समस्या होगी, क्योंकि कैश में जुलरी नहीं ली जा सकेगी और कार्ड से पेमेंट करने पर दो परसेंट टैक्स भरना पड़ता है। रियल स्टेट भी इस परेशानी से जूझेगा, छोटे शहरों में ज़मीन की खरीद-फ़रोख्त में नकद लेन देन में फिलहाल के लिए तो कमी आयेगी। वैसे सबसे ज्यादा ब्लैक मनी ज़मीने खरीदने में ही इस्तेमाल होता है, जिस पर मोदी ने अच्छी नकेल कसी है। नोटों के बदल जाने से मौजूदा हालात थोड़े मुश्किल भरे हो सकते हैं, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम ईमानदार आवाम को राहत देंगे।

बाज़ार में 500 के 1650 करोड़ नोट और 1000 रुपए के 670 करोड़ नोट चलन में हैं, जिन्हें जनता ने कल रात से बदलना शुरु कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आवाम की परेशानियों के कम करने के लिए एक हेल्पलाईन नंबर शुरु किया है, जिस पर 15 दिनों तक आरबीआई का कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेगा। नंबर इस प्रकार है- 011-23093230

पर्यटकों के लिए मोदी सरकार ने खासा सहूलियत मुहैया करवाई है, जिसके अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आ रहे या विदेश जा रहे लोगों के पास यदि 500 व 1000 के पुराने नोट हैं, तो ऐसे नोटों की 5,000 रुपए तक की राशि को नई एवं मान्य करेंसी से बदलने की सुविधा प्रदान की जायेगी। इस प्रक्रिया के दौरान प्रधानमंत्री ने यूपीए को आड़े हाथों लेते हुए कहा है, कि पहले ब्रिक्स के आई यानी इंडिया के बारे में कहा जाता था, कि भारत देश लुढ़क रहा है, लेकिन इन ढाई सालों में हमने चमकते सितारे की तरह विश्व में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। जाली नोटों से हथियार खरीद रहे आतंकियों को यह फैसला बहुत महंगा पड़ेगा, जो कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित कर अपना संदेश देते हुए कहा है, कि "करोंड़ों भारतवासी, जिनकी रग-रग में ईमानदारी दौड़ती है, उनका मानना है कि भ्रष्टाचार, कालेधन और आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़नी चाहिए। आपकी धनराशि आपकी ही रहेगी, कोई चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।"