एमपी सरकार का आदेश, स्कूलों में अटेंडेंस के वक्त बच्चे 'यस सर' की जगह बोलेंगे 'जय हिंद'
आगामी नए सत्र से एमपी के स्कूलों में बच्चे 'यस सर' की जगह बोलेंगे 'जय हिंद'...
प्रदेश सरकार ने बीते मंगलवार को एक आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी। आगामी नए सत्र से इस आदेश का पालन करने को कहा गया है। अभी फिलहाल ये सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही लागू होगा, लेकिन उच्च अधिकारियों की मानें तो इसे प्राइवेट स्कूलों में भी लागू किया जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस आदेश पर मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा सचिव प्रमोद सिंह के हस्ताक्षर भी हैं। प्रदेश में कुल 1.22 लाख सरकारी स्कूल हैं। हालांकि यह आदेश राज्य में नया नहीं है। इसकी शुरुआत सबसे पहले सतना जिले से हुई थी।
आप अपने स्कूल में अटेंडेंस के वक्त क्या कहते थे? यस सर/मैम, प्रजेंट सर/मैम। आज भी अधिकतर स्कूलों में यही बोला जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश के स्कूलों में अब बच्चे अटेंडेंस के वक्त यस सर या यम मैम की बजाय 'जय हिंद' कहेंगे। प्रदेश सरकार ने बीते मंगलवार को एक आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी। आगामी नए सत्र से इस आदेश का पालन करने को कहा गया है। अभी फिलहाल ये सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही लागू होगा, लेकिन उच्च अधिकारियों की मानें तो इसे प्राइवेट स्कूलों में भी लागू किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि यस सर या यस मैडम कहने से बच्चों में देशभक्ति की भावना नहीं जगती। जय हिंद कहने से उनके भीतर देशभक्ति का संचार होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस आदेश पर मध्य प्रदेश में स्कूली शिक्षा सचिव प्रमोद सिंह के हस्ताक्षर भी हैं। प्रदेश में कुल 1.22 लाख सरकारी स्कूल हैं। हालांकि यह आदेश राज्य में नया नहीं है। इसकी शुरुआत सबसे पहले सतना जिले से हुई थी।
मंत्री विजय शाह ने बीते वर्ष सतना में स्कूलों में अटेंडेंस के वक्त 'जय हिंद' बोलने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर यह सफल हुआ को इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। शाह ने पहली बार इसकी घोषणा भोपाल में शौर्य स्मारक में एनसीसी दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के एनसीसी कैडेटों को संबोधित करते हुए की थी। इस आदेश से पहले भी भाजपा सरकार स्कूलों में तिरंगा फिराने और राष्ट्रगान गाने के आदेश जारी कर चुकी है।
इस आदेश को हालांकि अभी सिर्फ सरकारी स्कूलों के लिए जरूरी किया गया है। शिक्षा मंत्री विजय शाह ने बताया कि जल्द ही इसे प्राइवेट स्कूलों में भी अनिवार्य किया जाएगा। शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो इस आदेश को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ही मंजूरी दी थी।
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