मिलिए 'वूमेन टू वॉच इन यूएएस' लिस्ट में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला से
इस साल हुए दुनिया भर से 288 नोमिनेशन्स में से एक गुजरात के वडोदरा की एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर सोनल बैद भी शामिल रहीं। सोनल इस लिस्ट में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बनी हैं।
डिफेंस, रिसर्च, ट्रैवल और फोटोग्राफी जैसी विभिन्न इंडस्ट्री में ड्रोन ने काफी पकड़ बनाई हुई है। अब जब कस्टमर इसे खरीद रहे हैं और तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में ड्रोन एक उद्योगिक क्रांति के कगार पर हैं।
इसी साल 1 दिसंबर को भारत की पहली ड्रोन पॉलिसी लागू हो जाएगी। जिसके बाद कृषि, स्वास्थ्य और आपदा राहत जैसे कार्यों के लिए ड्रोन (मानवरहित विमान) के व्यावसायिक इस्तेमाल के नियम तय हो जाएंगे। ऐसे समय में जब भारत उभरते हुए वैश्विक तकनीकी ट्रेंड्स को अपना रहा है, तब 28 वर्षीय सोनल बैद ने यूएएस (मानव रहित विमान प्रणाली) सूची 2018 में शामिल होकर देश को गौरवान्वित किया है।
इसी महीने की शुरुआत में, 'वूमेन एंड ड्रोन्स' ने अपनी 'वूमेन टू वॉच इन यूएएस' लिस्ट 2018 जारी की थी। इस साल हुए दुनिया भर से 288 नोमिनेशन्स में से एक गुजरात के वडोदरा की एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर सोनल बैद भी शामिल रहीं। सोनल इस लिस्ट में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बनी हैं। ड्रोन दिन पर दिन काफी आकर्षक गैजेट साबित होता जा रहा है। डिफेंस, रिसर्च, ट्रैवल और फोटोग्राफी जैसी विभिन्न इंडस्ट्री में ड्रोन ने काफी पकड़ बनाई हुई है। अब जब कस्टमर इसे खरीद रहे हैं और तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में ड्रोन एक उद्योगिक क्रांति के कगार पर हैं।
क्या है यूएएस (मानव रहित विमान प्रणाली) लिस्ट?
यूएएस अर्थात मानव रहित विमान प्रणाली लिस्ट में महिलाओं लिए एक वार्षिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। ये कार्यक्रम 'वूमेन एंड ड्रोन्स' ग्रुप (यूएएस इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन वैश्विक मंच) द्वारा डेलेयर, GLOBHE और सनडेंस मीडिया समूह के साथ साझेदारी के जरिए आयोजित किया जाता है। पहली लिस्ट 2017 में अनाउंस की गई थी जिसमें 110 नामांकन हुए थे। इस वार्षिक कार्यक्रम में उन महिलाओं को सम्मानित किया जाता है जो ड्रोन इंडस्ट्री पर काफी प्रभाव डाल रही हैं। जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से ड्रोन इंडस्ट्री के विकास में अहम भूमिका निभाई है। इस लिस्ट में उन महिलाओं को शामिल किया जाता है जिन्होंने "टेक्नॉलोजी, बिजनेस, सरकारी संबंधों, वकालत, रिसर्च, पत्रकारिता, शिक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्र में उपलब्धियों के माध्यम से ड्रोन इंडस्ट्री पर प्रभाव डाला हो।
सोनल अपने बचपन से ही हवाई जहाज को लेकर काफी रोमांचित रहती थीं। वे याद करते हुए कहती हैं, "मेरी पहली बचपन की यादों से, मुझे दो चीजें याद हैं - मेरे दादा जी के साथ पार्क में जाना और हर रविवार को मेरे पिता के साथ अपने छोटे से शहर के हवाई अड्डे पर जाना। केवल विमानों को जमीन पर उतरते हुए देखने के लिए मैं वहां जाती थी। मैं हमेशा से ही मशीनों, खासकर उड़ने वाली मशीनों को लेकर बहुत उत्साहित रही हूं।"
द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोनल ने सरदार वल्लभभाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एसवीआईटी), वासद, गुजरात से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएट होने के बाद, उन्होंने टाटा एचएएल टेक्नोलॉजीज के साथ भी काम किया और फिर बाद में वह जेनपैक्ट चली गयीं। अमेरिका में ही उन्होंने टेक्नॉलोजी मैनेजमेंट में मास्टर्स करने के साथ ड्रोन को समझने और उसे विकसित करने की कोशिश जारी रखी। यहां से उन्होंने सैन फ्रांसिस्को बेस्ड ड्रोन डेवलप करने वाले एक स्टार्टअप Kittyhawk में इंटर्न भी की। मौजूदा समय में सोनल प्रोडक्ट मैनेजमेंट और स्ट्रेटजिक ऑपरेशन्स की हेड हैं। इसके अलावा वे जनता के बीच ड्रोन के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करती रहती हैं।
भारत में एयरोस्पेस में उभरते स्टार्टअप पर उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "भारत में एयरोस्पेस इंडस्ट्री में स्टार्टअप नहीं हैं। मैंने बड़े कोर्पोरेशन्स के साथ भारत में काम किया; और पाया कि अमेरिका की ही तरह, भारत में भी, ये बड़े कोर्पोरेशन्स बहुत हाइरेरिकी को फॉलो करते हैं जिसका नतीजा ये निकलता है कि ग्रोथ धीमी होती है। मुझे लगता है कि भूगोल के आधार पर इंडस्ट्री में बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। यह स्टार्टअप कल्चर ही है जो इंडस्ट्री को परिभाषित करने में प्रमुख भूमिका निभा रही है।"
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