Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पाकिस्तान के न्यूज चैनल में बतौर रिपोर्टर काम करने वाली पहली सिख महिला बनीं मनमीत कौर

खतरों की परवाह न करते हुए अपने सपनों को पूरा करने वाली लड़की

पाकिस्तान के न्यूज चैनल में बतौर रिपोर्टर काम करने वाली पहली सिख महिला बनीं मनमीत कौर

Tuesday June 05, 2018 , 4 min Read

24 साल की मनमीत कौर पाकिस्तान में न्यूज रिपोर्टर बनने वाली पहली सिख महिला बन गई हैं। उन्होंने पेशावर यूनिवर्सिटी के जिन्ना वूमेन कॉलेज से जर्नलिज्म की पढ़ाई की है। अब वे 'हम न्यूज' के साथ काम कर रही हैं।

मनमीत कौर (फोटो साभार- ट्विटर)

मनमीत कौर (फोटो साभार- ट्विटर)


हाल ही में पाकिस्तानी अखबार द डॉन में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके मुताबिक कुछ इलाकों में डॉन अखबार को प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान जैसे देश में प्रेस की आजादी कितनी है। 

पाकिस्तान में प्रेस की आजादी और अल्पसंख्यकों के अधिकार पर लगाई जाने वाली बंदिशों से दुनिया वाकिफ है। इस्लामिक कट्टरपंथियों के देश में वहां के अल्पसंख्यकों पर जुल्म की खबरें आती रहती हैं। लेकिन हाल ही में एक सिख लड़की ने किसी की परवाह न करते हुए ऐसे काम को चुना है जहां लड़कियों का काम करना सुरक्षित नहीं माना जाता। उस लड़की का नाम है मनमीत कौर। 24 साल की मनमीत पाकिस्तान में न्यूज रिपोर्टर बनने वाली पहली सिख महिला बन गई हैं। उन्होंने पेशावर यूनिवर्सिटी के जिन्ना वूमेन कॉलेज से जर्नलिज्म की पढ़ाई की है। अब वे 'हम न्यूज' के साथ काम कर रही हैं।

हाल ही में पाकिस्तानी अखबार द डॉन में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके मुताबिक कुछ इलाकों में डॉन अखबार को प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान जैसे देश में प्रेस की आजादी कितनी है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक और वो भी महिला की आजादी की बात करना सपना सा लग सकता है। इस हालात में मनमीत का न्यूज रिपोर्टर बनना एक सुखद खबर है। मनमीत ने द ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा, 'जर्नलिज्म की पढ़ाई करना काफी मुश्किल काम था, क्योंकि इसके बाद आपको ऐसे क्षेत्र में काम करना था जहां सिर्फ पुरुषों का दबदबा है।'

image


हालांकि मनमीत के लिए पढ़ाई भी आसान नहीं थी। क्योंकि पाकिस्तान में सिख समुदाय की शिक्षित जनसंख्या की हिस्सेदारी मात्र 2 प्रतिशत है। वे कहती हैं, 'समाज में कई सारे सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दे हैं और एक पत्रकार के तौर पर मैं उन्हें सबके सामने लाने का प्रयास करूंगी खास तौर पर पाकिस्तान में सिख समुदाय की भलाई के लिए।' पेशावर प्रांत की यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में ग्रैजुएट होने के बाद मनमीत को घर बैठना पड़ता, लेकिन उन्होंने आगे की पढ़ाई का रास्ता चुना और मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिला लिया। हालांकि जब उन्होंने अपने घरवालों से आगे की पढ़ाई की इच्छा जताई थी तो वे खुश नहीं थे।

मनमीत के घरवालों ने बाहर महिलाओं की असुरक्षा का हवाला देते हुए सामाजिक बंधनों की भी दुहाई दी। उनके घर की महिलाओं ने तो यहां तक कह डाला कि वे गलत रास्ते पर जा रही हैं। लेकिन उनके एक अंकल ने उनका साथ दिया और मनमीत ने अपनी पढ़ाई शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के बीच शिक्षा के प्रति जागरूकता बेहद कम है। एक रिपोर्टर होने के नाते अब मनमीत का लक्ष्य पाकिस्तान की उन महिलाओं को प्रेरणा देना है जो अपनी पढ़ाई नहीं पूरी कर पातीं। वे कहती हैं, 'हर किसी को ये मालूम होना चाहिए कि महिलाएं पुरुषों से किसी भी मामले में कम नहीं हैं। उनके अंदर भी उतनी काबिलियत है जितनी कि किसी पुरुष में होती है।'

मनमीत कौर

मनमीत कौर


पूरी दुनिया में पाकिस्तान का नाम दकियानूसी ख्यालात वाले समाज के रूप में लिया जाता है। उस हाल में मनमीत का पढ़ाई करना और उसके बाद न्यूज रिपोर्टर का पेशा अपनाना हर लिहाज से खुशी देने वाला है। हालांकि इस काम में खतरे भी कम नहीं हैं, लेकिन दुनिया भी तो उन्हीं को याद करती है जिनके भीतर खतरे मोल लेने की कूव्वत होती है। हम उम्मीद करते हैं कि मनमीत के जैसे ही कई सारी लड़कियां अपने हक की आवाज के लिए आगे आएंगे, अपने सपने पूरे करने के लिए घर की चाहारदीवारी से बाहर निकलेंगी। शायद तभी हम इस दुनिया को एक बेहतर दुनिया में तब्दील कर पाएंगे।

यह भी पढ़ें: ऑटो ड्राइवर की बेटी ने दसवीं में हासिल किए 98 प्रतिशत, डॉक्टर बनने का सपना