स्कूल के बाद अब चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट्स में भी मशीन से मिलेंगे सैनिटरी पैड
इस स्थिति में बदलाव हो रहा है। सोशल मीडिया समेत कई प्लेटफॉर्म पर इन सभी मुद्दों पर खुल कर हो रही ये बात इस बात की गवाही देती है कि समाज में धीरे-धीरे ही सही, एक बदलाव हो रहा है।
बदलाव की इस कड़ी में एक अच्छी पहल शुरू हुई है। अब सभी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में लड़कियों को सैनिटरी पैड एक मशीन के माध्यम से मिलेगा।
देश में बाल अधिकारों की टॉप बॉडी नैशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) दिल्ली के सभी चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट्स में लड़कियों को सेनेटरी पैड देने की योजना पर काम कर रहा है।
हमारे देश में आज भी महिला स्वास्थ्य को लेकर उतनी जागरूकता नहीं है और न जाने क्यों इस मुद्दे परप बात करना भी गुनाहब समझा जाता है। हालत यह है कि कई महिलाएं और लड़कियां तो इसे पीरियड्स शब्द कहने में भी हिचकिचाती हैं। लेकिन इस स्थिति में बदलाव हो रहा है। सोशल मीडिया समेत कई प्लेटफॉर्म पर इन सभी मुद्दों पर खुल कर हो रही ये बात इस बात की गवाही देती है कि समाज में धीरे-धीरे ही सही, एक बदलाव हो रहा है। बदलाव की इस कड़ी में एक अच्छी पहल शुरू हुई है। अब सभी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट में लड़कियों को सैनिटरी पैड एक मशीन के माध्यम से मिलेगा।
देश में बाल अधिकारों की टॉप बॉडी नैशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) दिल्ली के सभी चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट्स में लड़कियों को सेनेटरी पैड देने की योजना पर काम कर रहा है। दिल्ली सरकार का महिला और बाल विकास विभाग इस पर आयोग के साथ काम कर रहा है। अभी सिर्फ दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लड़कियों को फ्री सेनेटरी पैड दिया जाता है।
कमिशन मेंबर रूपा कपूर ने बताया कि इस पर बातचीत फाइनल स्टेज में है और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला में यह लागू किया गया है। योजना के मुताबिक सबसे पहले चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट्स में सेनेटरी पैड डिस्पेंसिंग मशीन लगाई जाएगी। दो मशीनें लगेंगी एक डिस्पेंसिंग मशीन और एक डिस्पोज मशीन। डिस्पेंसिंग मशीन से लड़कियां सेनेटरी पैड ले सकेंगी और उसे सही से डिस्पोज करने के लिए डिस्पोजेबल मशीनें लगेंगी। इसका पूरा खर्चा सरकार उठाएगी। स्कूलों में सेनेटरी पैड अभी दिए ही जा रहे हैं इसलिए वहां डिस्पोज मशीन लगाई जाएगी। ताकि सफाई रहे और सेहत खराब होने का खतरा भी ना रहे।
इसके बाद दिल्ली के कुछ मॉडल पब्लिक टॉयलेट में डिस्पेंसिंग और डिस्पोज मशीन लगाई जाएंगी। यह पायलट प्रोजेक्ट होगा। यहां सेनेटरी पैड फ्री में ना देकर उसकी कीमत 5 रुपये रखने पर बात की जा रही है। क्योंकि कमिशन का मानना है कि पब्लिक टॉयलेट में सेनेटरी पैड फ्री रखने से इसका मिसयूज होगा और मकसद हल नहीं हो पाएगा। दिल्ली में इस प्रयोग के बाद एनसीपीसीआर की योजना है कि देश के ग्रामीण इलाकों में सेनेटरी पैड डिस्पेंसिंग और डिस्पोजल मशीन लगाई जाए।
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