महिला क्रिकेटर मानसी ने अपने कोच को भेंट की स्विफ्ट डिजायर कार
भारतीय महिला क्रिकेट टीम तेज गेंदबाज के रूप में जगह बना चुकी मानसी ने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, वो रौतेला सर की बदौलत हूं।
हरियाणा की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाली मानसी जोशी ने पिछले एक साल में वीरेंद्र रौतेला के सानिध्य में अपनी गेंदबाजी को काफी धारदार बनाया है।
मानसी के अनुसार वे सेंट जोसेफ ऐकेडमी में प्रैक्टिस करती हैं और वहां उनके कोच वीरेंद्र रौतेला उनकी मदद करते थे। उन्हीं के प्रयासों से वह प्रैक्टिस शुरू कर सकीं।
महिला विश्वकप क्रिकेट में भारतीय टीम का हिस्सा रहीं मानसी जोशी ने अपने गुरू वीरेंद्र रौतेला को स्विफ्ट डिजायर कार गिफ्ट की है। मानसी का मानना है कि कोच वीरेंद्र रौतेला की ट्रेनिंग और उनके मार्गदर्शन की बदौलत ही आज वह इस मुकाम पर पहुंची हैं। महिला विश्वकप की उपविजेता भारतीय टीम की सदस्य मानसी जोशी पिछले चार साल से क्रिकेट कोच वीरेंद्र सिंह रौतेला से ट्रेनिंग ले रही हैं। अपने गुरू के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव रखते हुए उपहार स्वरूप उन्हें एक स्विफ्ट डिजायर कार भेंट की है।
हरियाणा की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाली मानसी जोशी ने पिछले एक साल में वीरेंद्र रौतेला के सानिध्य में अपनी गेंदबाजी को काफी धारदार बनाया है। उनके सिखाए गुर और कठिन परिश्रम की बदौलत मानसी ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया । साल भर के भीतर भारतीय महिला टीम में अपना स्थान पक्का करते हुए विश्वकप के लिए चुनी गई भारतीय महिला क्रिकेट टीम तेज गेंदबाज के रूप में जगह बना चुकी मानसी ने कहा कि वह आज जो कुछ भी हूं वो रौतेला सर की बदौलत हूं।
इसके पहले जब पूरे देश में सभी महिला क्रिकेटरों का सम्मान हो रहा था तो मानसी जोशी को उत्तराखंड सरकार की ओर से सरकारी नौकरी का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि उन्हें नौकरी नहीं घर चाहिए। उन्हें नौकरी से खेल प्रभावित होने की भी परवाह थी। खेल विभाग ने मानसी और एकता बिष्ट को उत्तराखंड में नौकरी के लिए ऑफर दिया था। मानसी का कहना है इससे उनके कॅरियर पर असर पड़ेगा। मानसी ने इसके बदले देहरादून में घऱ की मांग की है। वह पहले भी अपने घर को लेकर इच्छा जाहिर कर चुकी हैं। मानसी अभी तक देहरादून के चंदरनगर में किराये के मकान में रहती हैं
मानसी के अनुसार वे सेंट जोसेफ ऐकेडमी में प्रैक्टिस करती हैं और वहां उनके कोच वीरेंद्र रौतेला उनकी मदद करते थे। उन्हीं के प्रयासों से वह प्रैक्टिस शुरू कर सकीं। मानसी की तरफ से स्विफ्ट डिजायर कार का उपहार पाकर कोच वीरेंद्र रौतेला काफी खुश नजर आए। वीरेंद्र सिंह रौतेला ने कहा कि उन्हें इस तरह के सरप्राइज गिफ्ट की कल्पना नहीं थी। मानसी ने जो सम्मान दिया है उससे कोई भी गुरु फक्र महसूस करेगा। कोच का काम खिलाड़ी तैयार करना होता है। बिना लालच के अपने अनुभव और परिश्रम से वह देश के लिए खिलाड़ी तैयार करता है। वीरेंद्र ने कहा कि मुझे गर्व है कि मानसी ने मुझे इस काबिल समझा।
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