जीएसटी का भुगतान डेबिट, क्रेडिट कार्ड से
यह जानकारी राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने अपने ताज़े बयान में दी है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद व्यक्तिगत रूप से लोग और इकाइयां डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये ऑनलाइन कर का भुगतान कर सकने में सक्षम होंगी। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज यह जानकारी दी।
सरकार ने इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को अगले साल 1 अप्रैल से लागू करने का प्रस्ताव किया है। इसके लिए पंजीकरण, रिफंड, रिटर्न फाइल करने तथा भुगतान की प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है।
अधिया ने यहां वैश्विक निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, जहां तक भुगतान का सवाल है, आपके लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प है कि आप ऑनलाइन भुगतान करें। आप भुगतान के किसी भी तरीके, इलेक्ट्रानिक, नेफ्ट, आरटीजीएस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भुगतान किसी भी बैंक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड से किया जा सकता है।
इसके लिए आपको सरकारी बैंक में खाता खोलने की भी जरूरत नहीं है। यदि आपका निजी बैंक में खाता है, तो आप पैसा स्थानांतरित कर सकते हैं। यह सरकार के पास पहुंच जाएगा।
उधर दूसरी तरफ कुछ दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद मध्यप्रदेश अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के चलते देश का प्रमुख आपूर्ति केंद्र बन जायेगा। जेटली ने यह बात वैश्विक निवेशक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कही थी।
उम्मीद है कि अगले साल जीएसटी को अमल में लाया जायेगा। इसके बाद पूरे देश में एक जैसा बाजार होगा और वस्तु तथा सेवाओं का तेजी से निर्बाध प्रसार हो सकेगा। इन हालात में मध्यप्रदेश वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति का प्रमुख केंद्र बन जायेगा, क्योंकि यह देश के बीचों-बीच स्थित है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा, कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति दूसरे सूबों से कहीं अच्छी है। इस राज्य से चारों दिशाओं में वस्तुओं और सेवाओं की बिना किसी रुकावट के आपूर्ति की जा सकती है। निवेशकों को इस कारक का ध्यान रखना चाहिये। वित्त मंत्री ने मध्यप्रदेश को बीमारू राज्यों की तथाकथित सूची से बाहर निकालने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व की तारीफ भी की।
उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश की सड़कें बेहद खराब हालत में थीं, बिजली कुछ ही घण्टों के लिये रहती थी और किसानों के पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं। चौहान ने अपने नेतृत्व से मध्यप्रदेश की काया पलट दी है।’
वित्त मंत्री ने यह भी कहा, कि सूबे में कृषि क्षेत्र के विकास से ग्रामीणों की खरीद क्षमता बढ़ी है।
साथ ही अगले साल एक अप्रैल से जीएसटी लागू किए जाने के सरकार के प्रयासों को देखते हुए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है, कि वह नई चुनौतियों के लिए तैयार है और राजस्व ऑडिट के प्रभाव को बेहतर बनाने के लिए वह और कदम उठाएगा।
राजस्व प्रशासन के क्षेत्र में सामने आ रही नयी चुनौतियों के बारे में विभाग चौकन्ना है। इन चुनौतियों में जीएसटी समेत सरकार द्वारा कर संग्रहण को बेहतर बनाने जैसे कई अन्य सुधार भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विभाग द्वारा ऐसे और कई कदम उठाए जाएंगे जिससे राजस्व ऑडिट की प्रभावोत्पादकता बेहतर हो और यह देश की राजकोषीय सततता को और अधिक प्रभावशाली बनाने में मदद कर सकें। कैग के यहां आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र में शर्मा ने कहा, कि सरकार ने वित्तीय क्षेत्र में जो सुधार शुरू किये हैं उनसे बजट प्रक्रिया और कर प्रशासन में काफी सुधार आयेगा। सरकार ने करीब 92 वर्ष से चली आ रही अलग रेल बजट की परंपरा को समाप्त करते हुये रेल बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया है। सरकार ने आम बजट को फरवरी अंत में पेश करने के बजाय शुरू में पेश करने का भी फैसला किया है। इसके साथ ही बजट में योजना और गैर-योजना बजट को भी एक साथ करने का प्रस्ताव किया गया है।
कैग ने कहा, ‘कई और क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिये खोल दिया गया है। ऋृण की वसूली को और बेहतर करते हुये सरफेसई कानून में संशोधन किया गया है। सबसे उल्लेखनीय सुधार जीएसटी की शुरुआत है।’’