निष्ठा व लगन से बनाई कंपनी में अपनी खास जगह
- ज़ूजू.बी की अनोखी पहल से हेल्थ जागरुकता को मिला बढ़ावा- गेम्स व अन्य गतिविधियों द्वारा लोग खुद होते हैं जागरूक- युवाओं में बढ़ रहा है स्टार्टअप कंपनी ज्वाइंन करने का क्रेज- मेहनत, निष्ठा व काम के प्रति समर्पण ने दिलाई जोल को सफलता
यूं तो आपने कई हेल्थ एण्ड वेलनेस कार्यक्रम देखे और सुने होंगे लेकिन ज़ूजू.बी एक ऐसा सोशल हेल्थ वेलनेस कार्यक्रम है जो कि गेम्स और अन्य गतिविधियों द्वारा लोगों को सेहत के प्रति जागरूक कर रहा है, साथ ही लोगों को हेल्दी लाइफस्टाइल के प्रति प्रेरित भी कर रहा है।
यह कार्यक्रम पूरी तरह से किसी ऑफिस के कार्य स्थल में मौजूद वहां के नेटवर्क पर उपलब्ध कराया जा सकता है। जैसे यदि कोई ऑफिस इस सर्विस को अपने यहां लेता है तो इसका लाभ ऑफिस के सभी कर्मचारियों को मिलेगा। आजकल लोगों की दिनचर्या बहुत ज्यादा व्यस्त है। लोगों के पास अपना ख्याल रखने के लिए भी वक्त की कमी है। ऐसे में यह सर्विस एक दूसरे को सेहत के लिए जागरूक करने का एक प्रभावशाली तरीका है। यह अपनी तरह की ऐसी पहली सर्विस है।
जोल फर्नाडिस एक युवा कर्मचारी हैं जो कि ज़ूजू.बी से एक साल पहले ही जुड़े। वे इस सर्विस कंपनी में बतौर इंटर्न आए थे लेकिन उनके बेहतर काम को देखते हुए आज वे कंपनी के कर्मठ कर्मचारियों में गिने जाते हैं। जोल ने एक मल्टीनेशनल कंपनी की जॉब छोड़कर एक नई शुरु हुई कंपनी में जॉब करना बेहतर समझा क्योंकि वे नए सिरे से चीजों को समझना चाहते थे। एक एमएनसी की जॉब उन्हें अच्छा पैसा और एक अच्छी शुरुआत तो दे सकती थी लेकिन एक नई कंपनी में काम करने का अनुभव बिल्कुल अलग होता है। यहां छोटी से छोटी चीज़ सीखने को मिलती है। साथ ही किसी उद्यम को कैसे शुरु किया जाता है इस बात को भी बहुत गहराई से समझा जा सकता है।
ज़ूजू.बी के संस्थापक अविनाश सौरभ जोल के काम पर बहुत विश्वास करते हैं। अविनाश हमेशा नए और प्रतिभाशाली युवाओं पर ज्यादा भरोसा करते हैं। अविनाश का मानना है कि युवाओं के पास नए-नए आइडियाज की भरमार होती है और वे ज्यादा मन लगाकर काम करते हैं। इसी कारण वे नए-नए इंटर्नस को काफी प्रोत्साहित करते हैं। एक कारण यह भी है कि नए लोगों में सीखने की ललक होती है इसलिए इन्हें समझाना आसान होता है।
जोल जब कॉलेज में थे तभी से उनके दिमाग में रचनात्मक आइडियाज घूमते रहते थे। इसलिए वे नौकरी के परंपरागत तरीकों से हटकर कुछ नया करना चाहते थे।
एक इंटर्न से बेहतर कर्मचारी तक का सफर -
अविनाश मानते हैं कि किसी भी कंपनी में नए-नए इंटर्नस का आना आम बात है। क्योंकि यह लोग कॉलेज की पढ़ाई खत्म करके आए होते हैं इसलिए इन्हें कार्य अनुभव भी नहीं होता। ऐसे में देखने वाली बात यह होती है कि कौन सा इंटर्न चीज़ों को गंभीरता से लेता और समझता है और कंपनी के हित से जुड़े आइडियाज पेश करता है। ऐसे में जोल ने बहुत तेजी से कंपनी की कार्यप्रणाली को समझा और कंपनी का पहला एंड्ररॉयड ऐप निकालने में भी मदद की। आज जोल आई ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए ऐप तैयार करने वाली टीम को लीड कर रहे हैं।
तकनीकी ज्ञान के अलावा जोल बिजनेस में आने वाली दिक्कतों की भी जिम्मेदारी लेने के लिए हमेशा आगे रहते हैं और जो भी मदद वो कर सकते हैं वो कंपनी के लिए करते हैं।
जोल ने अपनी स्कूलिंग और कॉलेज सेंट जोसफ कॉलेज बैंगलोर से किया। स्नातक के दौरान ही जोल को एक एंड्ररॉयड बेस्ड प्रोजेक्ट में काम करने का मौका मिला और यहीं से जोल की मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट जर्नी की शुरुआत हुई। स्नातकोत्तर के अंतिम सत्र में जोल को एक लाइव प्रोजेक्ट में इंटर्न के तौर पर काम करना था उन्होंने जूजो.बीई में अप्लाइ किया और यहां वे छह माह के लिए बतौर इंटर्न सिलेक्ट हो गए। हालांकि जोल की इच्छा थी कि वे और आगे पढ़ें लेकिन उनके बेहतरीन काम को देखते हुए इंटर्नशिप के अंत में अविनाश ने उन्हें नौकरी का ऑफर दे दिया। जिसे जोल ने स्वीकार कर लिया।
जोल बताते हैं कि नई कंपनी में काम करना मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा कदम रहा। यहां मुझे इतना कुछ सीखने का मौका मिला जिसे बयां नहीं किया जा सकता। इसलिए जोल हर उस इंसान को जोकि अपने कैरियर की शुरुआत कर रहा है और कुछ नया व क्रिएटिव करना चाहता है, उसे किसी नई कंपनी को ज्वाइंन करने की सलाह देते हैं। हाल ही में उन्होंने जूजो.बीई में एक साल पूरा किया है। बेशक जोल अभी कंपनी में नए हैं लेकिन उनके द्वारा दिए गए सुझाव व आइडियाज को सुना व सराहा जाता है। कंपनी इस बात का ख्याल रखती है कि हर निर्णय में टीम के हर सदस्य की भागीदारी हो। जोल अपनी टीम के सदस्यों को संदेश देते हुए करते हैं कि आप लोग बेस्ट हो और आप एक बेहतर कार्य कर रहे हो। आपका यह काम लोगों को अपनी सेहत के प्रति जागरूक कर रहा है। वीक एंड पर जोल को फोटो खींचना बहुत पसंद है इसलिए वे अपने दोस्तों के साथ फोटो खींचते हैं या फिर अंग्रेजी धारावाहिक देखते हैं। अपना पढऩे के शौक भी जोल इसी दौरान पूरा करते हैं।