यूपी के एक गाँव का लड़का अब अमेरिका जाकर करेगा पढ़ाई, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने दी है फुल स्कॉलरशिप
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले मनु चौहान जल्द ही अमेरिका जाकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई शुरू करने वाले हैं।
"मनु ने अमेरिका के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए लगन के साथ अथक परिश्रम किया है। मीडिया से बात करते हुए मनु ने विश्वविद्यालय में अपने दाखिले को लेकर की गई तैयारी और इस दौरान का अनुभव सबके साथ साझा किया है।"
मजबूत इरादों, कठिन परिश्रम और सतत लगन के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, यह बात समय-समय पर कई लोग सिद्ध करते आए हैं और इसे एक बार फिर से सिद्ध कर दिखाया है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले मनु चौहान ने। मनु चौहान जल्द ही अमेरिका जाकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई शुरू करने वाले हैं।
मनु ने अमेरिका के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए लगन के साथ अथक परिश्रम किया है। मीडिया से बात करते हुए मनु ने विश्वविद्यालय में अपने दाखिले को लेकर की गई तैयारी और इस दौरान का अनुभव सबके साथ साझा किया है।
आठवीं में ही तय कर लिया था लक्ष्य
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव अकराबाद के निवासी मनु चौहान के पिता क्षेत्र में ही बीमा बेंचने का काम करते हैं, जबकि उनकी माँ एक ग्रहणी हैं। परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते मनु की शुरुआती शिक्षा एक सरकारी प्राइमरी विद्यालय में ही सम्पन्न हुई।
मनु के अनुसार उन्होंने महज आठवीं कक्षा से ही यह लक्ष्य तय कर लिया था कि उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में जाकर पढ़ाई करनी है और यहीं से उन्होंने इस दिशा में अपनी तैयारी भी शुरू कर दी थी। साल 2014 में मनु का चयन शिव नादर फाउंडेशन द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय विद्याज्ञान स्कूल में हो गया था।
मनु ने अपनी दसवीं की परीक्षा में 95.4 प्रतिशत अंक अर्जित किए थे, इसी के साथ मनु शुरुआत से ही तमाम प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहे हैं। मनु कई वाद-विवाद प्रतियोगिताएं जीत चुके हैं, जबकि उन्होंने टेबल टेनिस में स्टेट लेवल पर स्वर्ण पदक भी हासिल किया है।
सब्जेक्टिव है परीक्षा
अमेरिका जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए यह प्रक्रिया 11वी कक्षा के साथ ही शुरू हो जाती है। मनु ने बताया है की इन यूनिवर्सिटी में दाखिले को लेकर होने वाली परीक्षा अधिक सब्जेक्टिव होती है। यह चयन प्रक्रिया करीब दो से ढाई साल लंबी हो सकती है। यूनिवर्सिटी में चयन के लिए मनु ने सैट परीक्षा दी थी और उसमें 1600 में 1470 अंक अर्जित किए थे।
यूनिवर्सिटी दाखिले के लिए चयन से पहले परीक्षार्थी के व्यक्तित्व का परीक्षण करती है, इसके लिए खास तौर पर कई टेस्ट डिजाइन किए गए हैं। इसी के साथ परीक्षार्थी की अंग्रेजी के स्तर को परखने के लिए भी उसे कुछ टेस्ट देने होते हैं। हालांकि ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि इस प्रक्रिया के दौरान परीक्षार्थी के बोर्ड परीक्षाओं में मिले अंक भी मायने रखते हैं।
मिली है फुल स्कॉलरशिप
चयन के साथ ही मनु को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से फुल स्कॉलरशिप प्रदान की है। इस स्कॉलरशिप में मनु की पढ़ाई के खर्च के साथ ही अमेरिका में रहने पर होने वाला खर्च भी शामिल है। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी द्वारा ये पैसा अभ्यर्थी या उसके परिजनों को कैश में नहीं दिया जाता है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी जाकर मनु ने फिलहाल ‘इंटरनेशनल रिलेशन एंड इक्नोमिक्स’ विषय की पढ़ाई करने का मन बनाया है, लेकिन मनु का कहना है कि वह वहाँ जाकर अन्य कोर्स को भी एक्सप्लोर करने की कोशिश करेंगे।
ऐसे मिलता है यहाँ दाखिला, आप भी कर सकते हैं अप्लाई
अमेरिका स्थित प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया एक से डेढ़ साल पहले ही शुरू हो जाती है। इन विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने की चाह रखने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय की ऑफिशियल साइट पर जाकर आवेदन प्रक्रिया शुरू करनी होती है, जिसके बाद छात्र को तमाम टेस्ट और इंटरव्यू से गुजरना होता है।
चूंकि आप अमेरिका जाकर पढ़ने का मन बना रहे हैं, इसलिए ऐसे में जरूरी है कि आपकी पकड़ अंग्रेजी भाषा पर भी अच्छी हो, जिसके लिए ये विश्वविद्यालय खास तरह के टेस्ट लेते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि विभिन्न कोर्स के लिए चयन प्रक्रिया के मानक अलग-अलग हो सकते हैं। आपके प्रदर्शन और आर्थिक स्थिति के अनुसार विश्वविद्यालय आपको आंशिक या पूर्ण छात्रवृत्ति भी प्रदान करते हैं।
इसी के साथ अमेरिका के तमाम अन्य कॉलेजों में दाखिले के लिए आपको कुछ खास परीक्षाएं पास करनी होती हैं, जिसमें स्नातक पाठ्यक्रम के लिए SAT/ACT, परास्नातक पाठ्यक्रम के लिए GRE/GMAT/LSAT/MCAT और अंग्रेजी भाषा के लिए IELTS/TOEFL परीक्षाएँ देनी होती हैं।
Edited by Ranjana Tripathi