वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम की घोषणा जल्द
पर्यावरण मसले पर आवाज उठाने वाले ग्रीनपीस इंडिया ने आशा जताई है कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम(एनसीएपी) की जल्द ही घोषणा की जा सकती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न प्रकार की रणनीतियों को प्रयोग में लाना है।
पिछले दिसंबर से ही लगातार इस मह्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम को लटकाया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि अब इसे जल्द ही लागू कर दिया जायेगा।
एक अखबार को दिये इंटरव्यू में पर्यावरण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने कहा है कि बहुप्रतिक्षित राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम की 20 दिसंबर के आसपास घोषणा कर दी जायेगी। यह कार्यक्रम पूरे देश में वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उसे न्यूनतम करने के साथ वायु गुणवत्ता की निगरानी को मजबूत करने का समग्र प्रबंधन भी करता है।
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए ग्रीनपीस के सीनियर कैंपेनर सुनील दहिया कहते हैं, 'पिछले दिसंबर से ही लगातार इस मह्त्वाकांक्षी राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम को लटकाया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि अब इसे जल्द ही लागू कर दिया जायेगा। यह कार्यक्रम अपने आप में एक बड़ी सफलता होगी क्योंकि देशभर में कहीं भी जहां वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाती है वहां की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा नहीं करती है, वहीं 80 प्रतिशत जगह राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों को भी पूरा नहीं करती है। इससे साफ होता है कि वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल की तरह है।”
सुनील आगे कहते हैं, 'यह भी उत्साह बढ़ाने वाला है कि डा. हर्षवर्धन ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव के लिये भी सकारात्मक हैं और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को कानून के भीतर लाया जा रहा है। हालांकि अभी भी कोयला पर ऊर्जा के लिये निर्भरता और बड़े प्रदूषकों के लिये प्रदूषण कम करने के लक्ष्य के प्रति गंभीरता का अभाव चिंताजनक है।'
राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम में इन बातों को शामिल करना जरूरी
उत्सर्जन लक्ष्य: पर्यावरण मंत्रालय को उत्सर्जन को तीन साल में 35 प्रतिशत और पांच सालों में 50 प्रतिशत कम करने के लक्ष्य को एनसीएपी में शामिल करना चाहिए। यह चिंताजनक है कि मंत्री ने कहा है कि इस कार्यक्रम में प्रदूषण के विभिन्न कारकों के लिये अलग-अलग लक्ष्य नहीं होगा। इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिये जरुरी है कि इसमें अलग-अलग प्रदूषकों के लिये लक्ष्य का निर्धारण हो और उन्हें समयसीमा तय करके प्रदूषण या उत्सर्जन को अगले 3 साल, 5 साल तथा 10 साल में स्पष्ट लक्ष्य तय किये जायें।
थर्मल पावर प्लांट के लिये उत्सर्जन मानकों का पालन जरुरी
यदि पर्यावरण मंत्रालय 2015 में थर्मल पावर प्लांट के लिये अधिसूचित उत्सर्जन मानको को पूरा कर रहा होता तो अबतक भारत में 76 हजार मौतों से बचा जा सकता था। राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम में यह जरुरी है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी समय सीमा के हिसाब से थर्मल पावर प्लांट के लिये उत्सर्जन मानको को लागू करने का लक्ष्य रखा जाये।
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