Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

हरियाणा के गांव से निकलकर पवन कादयान ने प्रो-कबड्डी में किया नाम रोशन

हरियाणा के गांव से निकलकर पवन कादयान ने प्रो-कबड्डी में किया नाम रोशन

Thursday October 26, 2017 , 4 min Read

पवन के पिता नरेंद्र कादयान ने नेवी से साल 2000 में रिटायरमेंट के बाद बेटे को देश का स्टार खिलाड़ी बनाने सपना देखा था। वे खुद कबड्डी की सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में अपनी टीम को छह बार गोल्ड दिला चुके थे। 

नीली जर्सी में पवन कादयान

नीली जर्सी में पवन कादयान


 नरेंद्र की कबड्डी में जान बसती थी इसीलिए उन्होंने बेटे को भी इस खेल में उतारने के बारे में सोचा। छह साल की उम्र से ही बेटे पवन को गांव में ही कोच के पास ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। 

 मिट्टी पर शुरू हुए अभ्यास से आज पवन का करियर ऐसा निखरा की आज वो देश की सबसे चर्चित प्रो कबड्डी लीग में टॉप टेन रेडर में शुमार है।

प्रो-कबड्डी लीग में झज्जर जिले के पवन कुमार पूरे हरियाणा का नाम रोशन कर रहे हैं। सिर्फ 23 साल के पवन ने कबड्डी में अपना मुकाम बना लिया है। उन्होंने पहली बार प्रो-कबड्डी में जब भाग लिया था तब वे केवल 19 साल के थे। वह एयर इंडिया टीम के लिए भी खेलते हैं। पवन के पिता भी नरेंद्र कादयान कबड्डी प्लेयर रह चुके हैं। वे नेवी में नौकरी कर रहे थे। पवन ने अपने पिता से ही कबड्डी की बारीकियां सीखीं। उन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी लेवल पर गोल्ड मेडल हासिल किया है और उन्हें सीनियर राष्ट्रीय टीम में जगह भी मिल चुकी है। पवन ने कबड्डी के तीन सीजन तक मुंबई की टीम के साथ खेले हैं इस बार वे जयपुर के लिए खेले।

झज्जर जिले के गांव दूबलधन माजरा गांव के रहने वाले पवन ने जयपुर की ओर से खेलते हुए इस साल रेडिंग विभाग में शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले सत्र बेंगलुरु बुल्स और सीजन 2 और 3 में यू मुम्बा के लिए खेलने वाले इस ख़िलाड़ी ने खराब प्रदर्शन किया था लेकिन इस सत्र जयपुर की टीम का रेडिंग विभाग की जिम्मेदारी पवन के कंधो पर ही है। जयपुर में मंजीत छिल्लर और जसवीर सिंह के होने के कारण उन्हें ज्यादा लाइम लाइट नहीं मिल पाई लेकिन उनका खेल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जयपुर के लिए वह सबसे ज्यादा रेड पॉइंट्स हासिल करने वाले ख़िलाड़ी हैं, उन्होंने इस सीजन अभी तक 50 रेड अंक हासिल किये हैं।

पवन की प्रो कबड्डी लीग में एंट्री वर्ष 2013 में हुई। इसमें उसने वर्ष 2015 तक प्रो कबड्डी सीजन लीग में मुंबई टीम का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 2016 में बैंगलोर ने साढ़े 7 लाख रुपए में बोली लगाकर टीम में शामिल किया। वर्ष 2017 में साढ़े 13 लाख रुपए में की बोली जीत वो जयपुर की टीम में खेले। लगातार पांचवें सीजन में खेले गए 20 मैचों में 124 प्वाइंट अर्जित कर पूरे सीजन के टॉप 10 रेडर में जगह पक्की की।

पवन के पिता नरेंद्र कादयान ने नेवी से साल 2000 में रिटायरमेंट के बाद बेटे को देश का स्टार खिलाड़ी बनाने सपना देखा था। वे खुद कबड्डी की सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में अपनी टीम को छह बार गोल्ड दिला चुके थे। नरेंद्र की कबड्डी में जान बसती थी इसीलिए उन्होंने बेटे को भी इस खेल में उतारने के बारे में सोचा। छह साल की उम्र से ही बेटे पवन को गांव में ही कोच के पास ट्रेनिंग के लिए भेज दिया। मिट्टी पर शुरू हुए अभ्यास से आज पवन का करियर ऐसा निखरा की आज वो देश की सबसे चर्चित प्रो कबड्डी लीग में टॉप टेन रेडर में शुमार है।

पवन ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें वर्ष 2004 में कबड्डी के दांवपेंच सिखाने के लिए गांव के स्कूल मैदान में भेजना शुरू कर दिया था। यहां कई बार बच्चों को खेल के दौरान चोट लगती तो उनके माता-पिता उन्हें अगले दिन से मैदान पर नहीं भेजते। मैदान पर वो अकेले बैठकर वापिस जाते। कॉलेज पहुंचे तो खेल अभ्यास का ज्यादा मौका मिला। खेल भी इससे निखरा। चार साल तक ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी स्तर पर प्रतियोगिताएं खेली, इसमें टीम को दो गोल्ड एक सिल्वर मेडल जिताया।

प्रो कबड्डी लीग के पांचवे सीजन में पवन ने 20 मैचों में सर्वाधिक 124 पॉइंट जुटाए हैं। लगातार लीग के पांच सीजन खेलने वाले कुछ खिलाड़ियों में भी पवन शामिल हैं। पवन का कहना है कि आज कबड्डी मैचों के लाइव प्रसारण और प्रो कबड्डी जैसे इवेंट से इसकी लोकप्रियता क्रिकेट का स्तर छू रही है। प्रो कबड्डी लीग में 45 फीसदी खिलाड़ी हरियाणा से है। युवा इससे प्रेरणा लें तो आगे ये आंकड़ा सभी खेलों में बढ़ेगा। पवन मंगलवार को रोहतक जिमखाना क्लब में बोहर गांव के कन्या स्कूल की छात्राओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हुए कार्यक्रम में पहुंचे थे।

यह भी पढ़ें: मुस्लिम महिलाओं ने छठ पूजा के लिए साफ किया घाट