ब्रेक्जिट के परिणामों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार भारत: अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि भारत ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने (ब्रेक्जिट) के अल्पकालिक और मध्यम अवधि के परिणामों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और उसके पास अच्छे-खासे विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में निकट भविष्य और मध्यम अवधि के लिए ठोस सुरक्षा दीवार है।
अरुण जेटली ने कहा कि जनमत संग्रह के नतीजे से वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ेगा। विश्व के सभी देशों को संभावित हलचल से की अवधि के लिए अपने आपको तैयार करना होगा जबकि साथ ही मध्यम अवधि में इसके असर के लिए प्रति सतर्क रहना होगा।
अरुण जेटली ने एक बयान में कहा, ‘‘जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का सवाल है हम ब्रेक्जिट के अल्पकालिक और मध्यम अवधि परिणामों से निपटने के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत वृहत्-आर्थिक ढांचे के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसका ध्यान स्थिरता बनाए रखने पर है।
यहां 100 अरब डालर के एशियाई बुनियादी ढांचा निवेश बैंक (एआईआईबी)के बोर्ड आफ गवर्नर की पहली बैठक में हिस्सा लेने आए जेटली ने कहा कि सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य नियामक किसी भी तरह के अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए अच्छी तरह तैयार हैं और एक दूसरे के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य है इस उतार-चढ़ाव को कम करना और अल्पकालिक स्तर पर अर्थव्यवस्था के असर को कम करना।’’ उन्होंने कहा कि सरकार मध्यम अवधि में सुधार के महत्वाकांक्षी एजेंडों को तेजी से आगे बढ़ाने पर कायम रहेगी जिनमें जीएसटी विधेयक का जल्दी पारित कराना शामिल है जिससे मध्यम अवधि में आठ-नौ प्रतिशत की वृद्धि संभावना प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ऐसे मुश्किल समय में जबकि निवेशक विश्व भर में सुरक्षित पनाहगाह की तलाश कर रहे हैं भारत स्थिरता और वृद्धि दोनों के लिहाज से अव्वल है।’’ उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व में सबसे अधिक तेजी से वृद्धि दर्ज करती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
जेटली ने कहा, ‘‘हमारी वृद्धि और मुद्रास्फीति की संभावना अच्छे मानसून के मद्देनजर बेहतर हो रही है जिसका पूरे भारत में अच्छी तरह विस्तार हो रहा है।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि भारत जनमत संग्रह के फैसले का सम्मान करता है। उन्होंने कहा ‘‘हमें आने वाले दिनों और मध्यम अवधि में इसके महत्व का पता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अकसर कहता हूं कि इस वैश्वीकृत दुनिया में उतार-चढ़ाव और अनश्चितता नई सामान्य स्थिति हो गई है।’’ (पीटीआई)