अब पूजा पाठ भी हुआ ऑनलाइन... मुहूर्तमाजा उपलब्ध करवा रहा है ये सेवा
- मुहूर्तमाजा एक ऑनलाइन साइट है जो करवाती है लोगों के घरों में पूजा- इसकी शुरूआत नवंबर 2014 में हुई- 300 पुजारियों और पंडितजी हैं इनके पैनल में- पूजा करवाने के अलावा पूजन सामग्री भी आपके घर पहुंचाती है कंपनी
भारत विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जहां पर हजारों देवी देवताओं को पूजा जाता है। यहां पर लोग काफी धार्मिक हैं और अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद ईश्वर की पूजा करना नहीं भूलते। हालाकि आज कल लोगों की लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आ गया है पहले जहां लोगों की अमूमन 9 से 5 की नौकरी होती थी वहीं आज मार्निंग शिफ्ट व नाइट शिफ्ट का भी चलन है साथ ही ऑफिस में दबाव भी काफी ज्यादा है जिस कारण लोग नौकरी में ही उलझ कर रह जाते हैं और खुद के लिए व कई और जरूरी कार्यों के लिए समय ही नहीं निकाल पाते।
पूना की एक स्टार्टअप फर्म ‘ मुहूर्तमाजा ‘ लोगों की पूजा करवाने के दौरान आने वाली दिक्कतों को कम करने का काम कर रही है। इनके पास 300 पुजारियों की एक टीम है जो विभिन्न पूजा और यज्ञ करने में सक्षम है। मुहूर्तमाजा एक मराठी शब्द है जिसका अर्थ है प्रक्रिया को सरल करना।
मुहूर्तमाजा की शुरूआत के पीछे एक कहानी है कंपनी के संस्थापक सुघोष को मुहूर्तमाजा का आईडिया लगभग 5 वर्ष पहले आया तब उनकी नयी-नयी शादी हुई थी और उन्होंने और उनकी पत्नी ने सत्यनारायण भगवान की पूजा करने की सोची लेकिन चूंकि वे दोनो कामकाजी थे इसलिए उन्हें पूजा के लिए सामान खरीदने और पंडितजी को खोजने में काफी दिक्कत आई। इसी दिक्कत ने सुघोष को मुहूर्तमाजा का आईडिया दिया और उन्होंने नवंबर 2014 में इसकी शुरूआत की।
मुहूर्तमाजा एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, आपको जो भी पूजा, यज्ञ या अनुष्ठान करवाना है आप उसे इनकी वेबसाइट से चुन सकते हैं फिर मुहूर्तमाजा की टीम आपके घर अपने पैनल में से किसी योग्य पंडितजी को भेज देगी इसके अलावा आपको पूजा में प्रयोग होने वाले सामान तक को खरीदने की जरूरत नहीं है वो काम भी इनकी टीम आपके लिए करेगी और पूजा में प्रयोग होने वाले सारे छोटे-बड़े सामान को आपके घर पहुंचा देगी। आपको बस इन्हें पूजा का दिन बताना है बाकि सारी जिम्मेदारी कंपनी लेगी।
मुहूर्तमाजा 1 हजार से लेकर 30 हजार में विभिन्न पूजा व यज्ञ करवाती है। इनकी 10 लोगों की टीम है जो आपकी सुविधा का विशेष ध्यान रखती है।
भारत में इस सेक्टर का मार्केट लगभग 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर है यानि भारतीय लोग पूजा पाठ में काफी ध्यान देते हैं ऐसे में इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं और मुहूर्तमाजा इसी को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है।
सुघोष बताते हैं कि हमारे पहले कस्टमर निलेश को हमारा काम और कॉन्सेप्ट इतना पसंद आया कि उन्होंने हमारे साथ जुड़ने की इच्छा जाहिर की और आज वे कंपनी के बोर्ड में हैं और बतौर सीटीओ काम कर रहे हैं ।
सुघोष और निलेश को कार्य का काफी अनुभव है। सुघोष ने इससे पहले लगभग 15 साल सेल्स और मैनेजमेंट क्षेत्र में एफएमसीजी सेक्टर में कार्य किया है वहीं निलेश ने टीसीएस जैसी कंपनी के साथ लंबे समय तक कार्य किया।
कंपनी को शुरूआत के कुछ महीनों में खुद को खड़ा करने में काफी दिक्कत हुई। सुघोष बताते हैं कि वे विभिन्न मंदिरों में जाकर पुजारियों को बताया करते थे कि अगर वे उनके साथ जुड़ जाएं तो उन्हें काफी काम मिलेगा साथ ही लोग भी सही विधी विधान से पूजा करवा पाएंगें। चूंकि ये एक नया कांसेप्ट था तो सुघोष को समझाने में काफी दिक्कत आती थी लेकिन धीरे-धीरे उनसे काफी लोग जुड़ने लगे और आज उनके पास 300 पंडितजी की एक टीम है जो किसी भी तरह की पूजा, यज्ञ करने में सक्षम हैं। इनमें से कुछ मराठी हैं कुछ बंगाली हैं, कुछ तमिल हैं तो कुछ तेलगू पुजारी हैं।
कंपनी पूजा के खर्च में 5 से 10 प्रतिशत कमीशन लेती है और बाकी पैसा पुजारियों को दे देती है। इस काम में सबका फायदा होता है। श्रद्धालुओं को बिना कहीं जाए उचित दामों पर सामान भी मिल जाता है और उनके घर में पंड़ित जी और पुजारी आकर पूजा भी कर देते हैं वहीं पुजारियों को भी नियमित काम मिल जाता है।
पिछले चौमाही में मुहूर्तमाजा ने लगभग 150 पूजा, यज्ञ करवाए और ये लोग अभी महाराष्ट्र के 8 शहरों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कंपनी का लक्ष्य अगले 6 महीनों में 25 शहरों तक पहुंचना है।