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नहीं रहे धारावी को कोरोना से बचाने वाले ये पुलिसकर्मी, WHO ने की थी तारीफ, सरकार ने किया था सम्मानित

बीते गुरुवार हार्ट अटैक से अपनी जान गँवाने वाले एसीपी नांगरे 55 साल के थे और अब उनके पीछे उनके परिवार में उनकी पत्नी और 3 बच्चे हैं।

नहीं रहे धारावी को कोरोना से बचाने वाले ये पुलिसकर्मी, WHO ने की थी तारीफ, सरकार ने किया था सम्मानित

Tuesday March 16, 2021 , 3 min Read

बीते साल लगभग इसी समय कोरोना का प्रकोप तेज़ रफ्तार के साथ देश भर में बढ़ना शुरू हो गया था। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के साथ ही देश भर में बड़ी संख्या में ऐसे लोग सामने आए जिन्होने अपनी जान की परवाह न करते हुए इस महामारी से लोगों की जान बचाने का निर्णय लिया। इस दौरान हमने ऐसे कई लोगों को खोया है और यह सिलसिला अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है।


महामारी के दौरान झुग्गियों में रहने वाले हजारों लोगों की जान बचाने वाले एक नेक दिल शख्स और जुझारू पुलिस अफसर को भी अब हमने खो दिया है।


ये शख्स हैं एसीपी रमेश नांगरे, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान स्लम में व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाये रखने के लिए कई कदम महत्वपूर्ण उठाए थे। बीते गुरुवार हार्ट अटैक से अपनी जान गँवाने वाले एसीपी नांगरे 55 साल के थे और अब उनके पीछे उनके परिवार में उनकी पत्नी और 3 बच्चे हैं।

एसीपी रमेश नांगरे

एसीपी रमेश नांगरे

कोरोना वायरस महामारी के शुरुआती दौर में ही नांगरे की तैनाती धारावी जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में बतौर पुलिस निरीक्षक की गई थी। जब मुंबई में कोरोना का प्रकोप चरम पर था तब लोगों का ध्यान धारावी की तरफ था। सभी को यह आशंका थी कि धारावी का भीड़-भाड़ वाला स्लम इलाका आसानी से कोरोना की चपेट में आ जाएगा। लोगों को तब अधिक हैरानी हुई जब धारावी इलाके में कोरोना बड़े स्तर पर नहीं फैल सका।


धारावी की इस सफलता के पीछे रमेश नांगरे का बड़ा योगदान रहा था। नांगरे के इस काम को देखते हुए उन्हें WHO ने भी सराहा और इसी के साथ सरकार ने उन्हें एसीपी के पद पर भी पदोन्नत कर दिया था।


रमेश नांगरे के लिए भी इस कठिन समय में काम करना बेहद चुनौती भरा था। उनके साथ काम करने वाले 60 से अधिक पुलिसकर्मी भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। रमेश नांगरे ने ना सिर्फ लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के साथ उन्हें लॉकडाउन के नियमों का पालन कराया, बल्कि वो इस दौरान जरूरतमंद लोगों के लिए खाने आदि की भी व्यवस्था करते रहे।


लॉकडाउन के दौरान पलायन कर रहे लोगों की सुविधाओं के लिए नांगरे ने लगातार प्रयास किए थे। नांगरे को 2024 में रिटायर होना था। अपनी सेवाओं के लिए उन्हें राज्यपाल बीएस कोश्यारी और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा सम्मानित किया गया था।


नांगरे के बारे में जानकारी देते हुए पत्रकार फे डिसूजा ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान मुंबई पुलिस पर एक स्टोरी करते हुए नांगरे के साथ कुछ वक्त बिताया था और वो बेहद विनम्र और जुझारू पुलिसकर्मी थे। नांगरे पूरे दिन काम करने के बावजूद देर रात तक ड्यूटी किया करते थे। फे ने बताया है कि अपने आखिरी दिन में भी उन्होंने डबल शिफ्ट में काम किया था और सुबह 5 बजे घर गए थे।

नांगरे के निधन के बाद उन्हे इंटरनेट पर लोगों के श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों का कहना है कि मुंबई पुलिस ने अपना एक श्रेष्ठ पुलिस अफसर खोया है।

गौरतलब है कि नांगरे ने हाल ही में कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज़ भी लिया था, लेकिन परिवार ने वैक्सीन के संबंध में कोई दावा नहीं किया है।