भारी कर्ज के मामले में अडानी की ये कंपनी एशिया में दूसरी सबसे खराब! आपने भी खरीदा है शेयर तो जानिए क्या करें
कुछ दिन पहले ही खबर आई कि गौतम अडानी पर भारी कर्ज है. बताया गया कि ग्रुप की कुछ कंपनियां कर्ज के जाल में फंस सकती हैं. अब ब्लूमबर्ग ने अडानी ग्रीन को कर्ज के मामले में एशिया की दूसरी सबसे खराब कंपनी कहा है.
हाल ही में Fitch रेटिंग्स की क्रेडिटसाइट्स (CreditSights) ने एक क्रेडिट नोट में कहा था कि देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी पर भारी कर्ज (Gautam Adani Loan) है. नोट के अनुसार
कर्ज (Loan on Adani Group) तले दबी हुई कंपनी है और इसकी एक या एक से अधिक कंपनियां डूबीं तो इकनॉमी को भारी नुकसान होगा. क्रेडिटसाइट्स के उस नोट की वजह से अडानी ग्रुप के लगभग सभी शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. देखते ही देखते अडानी को करीब 1.8 अरब डॉलर का नुकसान भी हो गया.बुधवार को दिन के कारोबार में उनका नुकसान तेजी से रिकवर भी हुआ और एक बार फिर उनकी कंपनियों के शेयरों में स्थिरता दिखने लगी. आज गुरुवार को कुछ शेयरों में तो अभी भी गिरावट है, लेकिन कुछ में तेजी देखी जा रही है. इसी बीच लोगों के मन में एक सवाल ये घूम रहा है कि आखिर अडानी ग्रुप की कौन की कंपनी पर खतरा मंडरा रहा है, जिसकी तरफ क्रेडिटसाइट्स ने इशारा किया है.
अडानी ग्रीन हो सकती है वो कंपनी
जिस कंपनी की बात क्रेडिटसाइट्स के नोट में की गई है, वह अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) हो सकती है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रीन एनर्जी की आर्थिक हालत बताई गई है, जो टेंशन देती है. रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रीन एनर्जी का कर्ज-इक्विटी रेश्यो बेहिसाब तरीके से बढ़ा है. मौजूदा समय में यह बढ़ते-बढ़ते 2021 फीसदी तक जा पहुंचा है. कंपनी ने रिन्यूएबल एनर्जी के फील्ड में तेजी से विस्तार के मकसद से भारी लोन लिया है.
समझिए क्या होता है कर्ज-इक्विटी रेश्यो
कर्ज-इक्विटी रेश्यो से यह पता चलता है कि किसी कंपनी पर कर्ज के मुकाबले इक्विटी कितनी है. यह रेश्यो निकालने के लिए कंपनी के कुल कर्ज और अन्य फिक्स्ड पेमेंट के टोटल को शेयरहोल्डर्स की इक्विटी से डिवाइड किया जाता है. यह रेश्यो जितना अधिक आता है, समझ लीजिए कि कंपनी की हालत उतनी ज्यादा खराब है. इससे यह पता चलता है कि कंपनी ग्रोथ के लिए कर्ज पर कितना ज्यादा निर्भर है. कर्ज पर निर्भरता होना सही बात नहीं है, इसलिए इसे खराब माना जाता है.
एशिया की दूसरी सबसे ज्यादा कर्ज वाली कंपनी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रीन एनर्जी एशिया की दूसरी ऐसी कंपनी है जिसका कर्ज-इक्विटी रेशियो सबसे खराब है. इस लिस्ट में पहले नंबर पर चीन की Datang Huayin Electric पावर है. मौजूदा समय में चीन की इस कंपनी का कर्ज-इक्विटी रेश्यो 2452 फीसदी है.
आपके पास भी है ये शेयर तो क्या करें?
अगर आपके पास भी अडानी ग्रीन का शेयर है तो आपको घबराकर उसे बेचने की जरूरत नहीं हैं. शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च हेड रवि सिंह का मानना है कि इन खबरों का अडानी ग्रीन के शेयर पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा. उनका कहना है कि इस शेयर में अभी 2600 तक के लेवल तक जाने का दम है. अगर शेयर में कोई गिरावट आती है या शेयर 2200 तक के लेवल को भी छूता है तो आपको अपने पोर्टफोलियो में और शेयर जोड़ने चाहिए, ना कि इससे निकलना चाहिए. रवि का मानना है कि इन खबरों का अडानी ग्रीन पर अगर कोई असर होगा भी तो वह अस्थायी होगा, क्योंकि रिन्यूएबल एनर्जी और पावर सेक्टर में सरकार की तरफ से भी तगड़ी सब्सिडी और मदद मुहैया कराई जा रही है.
अभी क्या है अडानी ग्रीन की हालत?
अडानी ग्रीन का शेयर आज गुरुवार को तो हरे निशान में कारोबार कर रहा है, लेकिन बुधवार को इसके शेयर में गिरावट देखी गई थी. बुधवार को अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड का शेयर सुबह मामूली गिरावट के साथ खुला, लेकिन शाम होते-होते गिरावट काफी बढ़ गई. अंत में कंपनी का शेयर 2.24 फीसदी की गिरावट के साथ 2358.85 रुपये के स्तर पर बंद हुआ. आज अडानी ग्रीन का शेयर सपाट स्तर पर खुला, लेकिन दोपहर 12 बजे तक के कारोबार में वह करीब 1.56 फीसदी की तेजी के साथ 2395 रुपये के स्तर तक जा पहुंचा. बता दें कि एक साल में अडानी ग्रीन ने करीब 142 फीसदी का रिटर्न दिया है. साल भर पहले कंपनी का शेयर 987 रुपये के स्तर पर था, जो अब करीब 2395 रुपये का हो गया है.