अडानी की कंपनियों में कितने शेयरों की मालिक बन बैठी LIC, लगातार लगा रही दांव
सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.
एक ऐसे समय में जब म्यूचल फंड्स अडानी ग्रुप
की कंपनियों से किनारा कर रही हैं तब एक सरकारी कंपनी उस पर बड़ा दांव लगा रही है. यह सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) है.सितंबर 2020 से केवल आठ तिमाहियों के दौरान LIC, Adani Group की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में बहुत ही तेजी से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. Adani Group की एक लिस्टेड कंपनी में LIC की हिस्सेदारी छह गुना बढ़ गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, स्टॉक एक्सचेंज में अडानी ग्रुप की कंपनियों द्वारा की गई फाइलिंग से पता चलता है कि आज की तारीख में इन सात कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग का कुल मूल्य 74,142 करोड़ रुपये था. यह अडाणी समूह के कुल बाजार पूंजीकरण 18.98 लाख करोड़ रुपये का 3.9 फीसदी है.
एलआईसी का अपने खुद के इक्विटी पोर्टफोलियो में 30 जून, 2022 तक लगभग 9.3 लाख करोड़ रुपये है. ठीक इसी समय अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी की होल्डिंग का मूल्य गुरुवार के समापन मूल्य पर 7.8 प्रतिशत है.
सितंबर, 2020 से सितंबर, 2022 तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में ऐसे बढ़ी एलआईसी की शेयरहोल्डिंग...
1. अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में 1 प्रतिशत से कम से LIC की हिस्सेदारी बढ़कर 4.02 प्रतिशत हो गई.
2. अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) में भी LIC की हिस्सेदारी 1 फीसदी से बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई है.
3. अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में LIC की हिस्सेदारी 2.42 फीसदी से बढ़कर 3.46 फीसदी हो गई है.
4. अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) में LIC की हिस्सेदारी 1 फीसदी से बढ़कर 1.15 फीसदी हो गई है.
5. एकमात्र अपवाद अडानी पोर्ट्स
हैं, जहां LIC की हिस्सेदारी 9.61 प्रतिशत पर स्थिर है, और दो अन्य कंपनियां अडानी पावर (Adani Power) और अदानी विल्मर हैं, जिनमें यह 1 प्रतिशत से कम है.अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग का मूल्य 10 गुना बढ़
शेयरहोल्डिंग और स्टॉक की कीमतों में इस वृद्धि को दर्शाते हुए, LIC की शेयरहोल्डिंग का मूल्य और अडानी समूह की कंपनियों में LIC की होल्डिंग का मूल्य सितंबर 2020 से 10 गुना बढ़ गया है. महज 7,304 करोड़ रुपये या बीमाकर्ता की इक्विटी एयूएम (प्रबंधन के तहत संपत्ति) का 1.24 प्रतिशत से अब 74,142 करोड़ रुपये या 7.8 प्रतिशत हो गया है.
बीमा सेक्टर की बात करें तो अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश के मामले में एलआईसी सबसे आगे है. 1 दिसंबर, 2022 तक इसका 74,142 करोड़ रुपये समूह में पूरे बीमा उद्योग के निवेश का 98.9 प्रतिशत है. वहीं, अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी का निवेश सभी इक्विटी म्यूचुअल फंडों की होल्डिंग के मूल्य से पांच गुना से अधिक है. 31 अक्टूबर, 2022 तक, केवल 15,701 करोड़ रुपये, या बमुश्किल 1 प्रतिशत, इक्विटी फंड की कुल संपत्ति 15.22 लाख करोड़ रुपये, अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया गया था.
पिछले दो सालों में, एलआईसी द्वारा अडानी समूह की कंपनियों में शेयर खरीदने के बाद समूह का बाजार पूंजीकरण भी बढ़ गया है. यह 30 सितंबर, 2020 को 2.78 लाख करोड़ रुपये था जो कि अभ लगभग सात गुना बढ़कर 18.98 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
Tata और Reliance में LIC की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड से भी कम
दिलचस्प बात यह है कि टाटा ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की कंपनियों में एलआईसी की हिस्सेदारी पूरे म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी से भी कम है. बाजार पूंजीकरण के मामले में टाटा समूह की कंपनियां और अडानी समूह शीर्ष दो हैं, इसके बाद आरआईएल का स्थान है.
एलआईसी के पास टाटा समूह की कंपनियों (21.91 लाख करोड़ रुपये) के कुल बाजार पूंजीकरण का 3.98 प्रतिशत है, और पूरे म्यूचुअल फंड में 4.9 प्रतिशत है.
इसी तरह, एलआईसी की आरआईएल (18.42 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण) में 6.45 प्रतिशत हिस्सेदारी है, तो वहीं म्यूचुअल फंड की 5.68 प्रतिशत हिस्सेदारी है.