मुकेश अंबानी की राह पर गौतम अडानी, मिल गया टेलिकॉम सर्विस का लाइसेंस, क्या अब लॉन्च होगा दूसरा 'Jio'?
एक वक्त था जब मुकेश अंबानी ने भी पहले स्पेक्ट्रम लिया, फिर धीरे से टेलिकॉम में एंट्री मारी और तहलका मचा दिया. अब गौतम अडानी के इरादे भी कुछ वैसे ही लग रहे हैं. उन्हें टेलिकॉम सेवा का लाइसेंस मिलने की खबर है.
ऐसा लग रहा है कि जिसकी आशंका जताई जा रही थी वह वो हो गया है. गौतम अडानी (Gautam Adani) अब जब चाहे तब मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के रिलायंस जियो (Reliance Jio) को टक्कर देने के लिए टेलिकॉम (Telecom Services) के फील्ड में उतर सकते हैं. खबर है कि अडानी डेटा नेटवर्क्स को यूएल (एस) लाइसेंस मिल गया है. इसका मतलब है कि अब
को पूरे देश में दूरसंचार सेवाएं देने का लाइसेंस मिल गया है. बता दें कि हाल ही में जब 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में गौतम अडानी ने हिस्सा लिया था, तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अडानी ग्रुप टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री मार सकता है.समाचार एजेंसी पीटीआई को आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि अडानी डेटा नेटवर्क्स को यूएल (एएस) लाइसेंस मिल चुका है. खबर है कि यह लाइसेंस इसी हफ्ते सोमवार को जारी किया गया है. हालांकि, अडानी ग्रुप की तरफ से ना तो इसे लेकर कोई आधिकारिक घोषणा की गई है, ना ही कोई इस पर कोई कमेंट किया गया है. खैर, अगर गौतम अडानी अब टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री मार लेते हैं तो हैरानी वाली बात नहीं होगी. मुकेश अंबानी ने भी इसी तरह धीरे-धीरे टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री मारी थी और ऐसी एंट्री मारी की तहलका मचा दिया, जिससे छोटे टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर खत्म ही हो गए.
5जी स्पेक्ट्रम खरीदते वक्त क्या बोले थे अडानी?
जब 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में गौतम अडानी ने भी हिस्सा लिया था, उस वक्त चिंता जताई गई थी कि क्या अब अडानी टेलिकॉम सेक्टर में उतरेंगे. इस पर अडानी ग्रुप ने कहा था कि वह स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल सिर्फ समूह के अंदर की कारोबारी गतिविधियों के लिए करेगा. एक बयान में कंपनी ने कहा था, "5जी स्पेक्ट्रम से एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने में मदद मिलेगी, जिससे अडानी ग्रुप के बुनियादी ढांचे, प्राथमिक उद्योग और बी2सी व्यापार पोर्टफोलियो के डिजिटलीकरण को रफ्तार मिलेगी." बता दें कि अडानी समूह की एडीएनएल कंपनी ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में 20 सालों के लिए 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज का स्पेक्ट्रम खरीदा है.
जियो और एयरटेल ला रहे 5जी
एक अक्टूबर से ही देश में 5जी सेवाएं लॉन्च होना शुरू हो गई हैं. एयरटेल और जियो दोनों ही धीरे-धीरे सर्विस लॉन्च कर रहे हैं. दिवाली तक रिलायंस जियो 5जी लॉन्च करने की प्लानिंग में हैं और ट्रायल लगातार जारी है. ऐसे में अडानी ग्रुप को टेलिकॉम सेवाएं शुरू करने का लाइसेंस मिल जाना कंपनी के लिए एक बड़ी खबर है.
मुकेश अंबानी भी धीरे-धीरे घुसे थे टेलिकॉम सेक्टर में
ये कहानी शुरू होती है 2010 से, जब मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पहली बार स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लिया. उन्होंने उसी साल इंफोटेल ब्रॉडबैंड को खरीद लिया था. बाद में सरकार ने यूनिफाइड लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे, तो अंबानी ने उसे भी हासिल कर लिया. 2014 में उनकी कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम पहली ऐसी कंपनी थी, जिसके पास पूरे देश में वॉइस सर्विस देने का 4जी लाइसेंस था. वह धीरे-धीरे अपनी तैयारी करते रहे और सितंबर 2016 में उन्होंने रिलायंस जियो के साथ टेलिकॉम की दुनिया में धमाकेदार एंट्री की. सब कुछ मुफ्त कर दिया, फोन करने से लेकर इंटरनेट चलाने तक, वो भी 4जी स्पीड से. करीब 6 महीनों तक ग्राहकों को मुफ्त सेवा देने के बाद अप्रैल 2017 से जियो ने प्लान बेचने शुरू कर दिए और आज तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं.
एक बार फिर प्राइस वॉर शुरू कर सकते हैं गौतम अडानी
गौतम अडानी ने कहा है कि अभी वह टेलिकॉम इंडस्ट्री में नहीं घुस रहे हैं, लेकिन जानकार मानते हैं कि आने वाले वक्त में वह टेलिकॉम की दुनिया में एंट्री जरूर मारेंगे. अब अडानी ग्रुप को यूनीफाइड लाइसेंस मिलने की खबरों ने इस आशंका को और मजबूती दे दी है. ऐसे में उम्मीद है कि जिस दिन गौतम अडानी की टेलिकॉम में एंट्री होगी, उस दिन एक बार फिर से प्राइस वॉर शुरू होगा, जैसा रिलायंस जियो के आते ही शुरू हुआ था. रिलायंस जियो के आने के बाद बहुत सारी टेलिकॉम कंपनियों ने बोरिया-बिस्तर बांध लिया. अगर गौतम अडानी भी टेलिकॉम की दुनिया में उतरते हैं तो सबसे पहला खतरा वोडाफोन-आइडिया पर छाएगा, जो पहले से ही भारी नुकसान झेल रही है. जियो और एयरटेल से टक्कर लेने के लिए ही तो आइडिया और वोडाफोन को साथ आना पड़ा था, लेकिन अगर अडानी भी टक्कर देने आ गए तो प्राइस वॉर होना तय है.
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