अनिल अंबानी पर गौतम अडानी की कंपनी का पलटवार, 134 अरब के मध्यस्थता दावे पर दिया ये जवाब
दरअसल रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के खिलाफ 134 अरब रुपये का मध्यस्थता दावा दायर किया है.
अनिल अंबानी (Anil Ambani) के रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Reliance Infrastructure Limited) द्वारा दायर किए गए मध्यस्थता दावे के खिलाफ अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (Adani Transmission Limited) का बयान सामने आया है. अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (ATL) ने कहा है कि रिलायंस इन्फ्रा का उसकी बिजली वितरण इकाई अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (AEML) के खिलाफ दावा बाद में सोच-विचार करके डाला गया और कमजोर तथ्यों पर आधारित है.
दरअसल रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के खिलाफ 134 अरब रुपये का मध्यस्थता दावा (Arbitration Claim) दायर किया है. यह दावा रिलायंस इंफ्रा ने अपने मुंबई बिजली वितरण व्यवसाय को अडानी ट्रांसमिशन बेचने के सौदे के संबंध में दायर किया है. 9 सितंबर को डाली गई स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने दिसंबर 2017 के समझौते की शर्तों में उल्लंघन का हवाला दिया है. यह अडानी ट्रांसमिशन के साथ एक शेयर परचेज एग्रीमेंट था, जो मुंबई पावर डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस के ट्रांसफर से जुड़ा था. रिलायंस इंफ्रा ने मुंबई सेंटर फॉर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष अपने दावे का स्टेटमेंट दायर किया है. विवाद के बारे में विस्तार से और कुछ नहीं बताया गया है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि वित्तीय निहितार्थ का पता नहीं लगाया जा सकता है और यह मध्यस्थता के अंतिम परिणाम और बाद की कानूनी चुनौतियों पर निर्भर है.
सुनवाई में अपने दावे पेश करेंगे
अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि एटीएल/एईएमएल, विवाद सुलझाने के लिए शेयर खरीद समझौते (SPA) के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर रही है. हम तथ्यों के आधार पर जवाब देंगे और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ मध्यस्थता सुनवाई में अपने दावे पेश करेंगे.
रिलायंस इंफ्रा ने अभी तक नहीं निपटाए हैं इससे भी बड़े दावे
ATL ने कहा कि रिलायंस इंफ्रा ने दिसंबर 2021 में एसपीए के तहत एक विशिष्ट विवाद पर मध्यस्थता शुरू की थी. कंपनी ने कहा कि यह 500 करोड़ रुपये का दावा था. उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए एटीएल/अडानी इलेक्ट्रिसिटी ने रिलायंस-इंफ्रा के दावे को खारिज कर दिया. इसके अलावा कंपनी ने बताया कि एटीएल/अडानी इलेक्ट्रिसिटी ने सबमिट किया है कि रिलायंस इंफ्रा ने अभी तक एसपीए के तहत AEML के इससे भी बड़े दावे सेटल नहीं किए हैं. इस साल फरवरी और अगस्त में रिलायंस इंफ्रा ने अतिरिक्त विवाद और दावे करते हुए सप्लीमेंटरी मध्यस्थता रिक्वेस्ट फाइल की थीं.
2017 में 18800 करोड़ रुपये का एग्रीमेंट
अडानी समूह ने 2017 में 18800 करोड़ रुपये के सौदे में आर-इंफ्रा (तत्कालीन रिलायंस एनर्जी) के मुंबई बिजली कारोबार का अधिग्रहण किया था. इस कारोबार में उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन शामिल था. सौदे ने अडानी समूह को वितरण व्यवसाय में पैर जमाने में मदद की. अडानी ट्रांसमिशन भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी ट्रांसमिशन और बिजली वितरण इकाई है. इस सौदे का उद्देश्य रिलायंस इंफ्रा को अपने 15000 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने में मदद करना था. रेगुलेटरी फाइलिंग में रिलायंस इंफ्रा ने कॉन्ट्रैक्ट के कथित उल्लंघन की प्रकृति का खुलासा नहीं किया.
Edited by Ritika Singh
