स्मार्टफोन में सफलता के बाद, भारत का लक्ष्य अब IT हार्डवेयर की मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट का विस्तार करना है: राजीव चंद्रशेखर
2014 से पहले लगभग कुछ भी नहीं होने के बावजूद, पीएम मोदी का विज़न इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्फैक्चरिंग इंडस्ट्री को 300 बिलियन डॉलर का कारोबार बनाने का है. वैश्विक बड़ी कंपनियां और भारतीय चैंपियन कंपनियां आईटी हार्डवेयर की पीएलआई 2.0 योजना में शामिल हुई हैं: राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि बड़ी आईटी कंपनियों द्वारा भारत में अपने उत्पाद बनाने से संबंधित सरकार के प्रयास सफल रहे हैं. पीएलआई 2.0 योजना के तहत करीब 40 आवेदन जमा किए गए थे, जिनमें प्रमुख वैश्विक आईटी और घरेलू चैंपियन कंपनियां शामिल हैं.
मंत्री ने कहा, "यह खुशी की बात है कि डेल, एचपी, आसुस और एसर जैसी दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आईटी कंपनियों ने पीएलआई 2.0 योजना के लिए आवेदन किया है. इससे पता चलता है कि वे भारत में कंप्यूटर निर्माण में रुचि रखतीं हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया है कि कैसे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता है. हम लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट जैसे आईटी हार्डवेयर में भी वही दर्जा हासिल करना चाहते हैं. पीएलआई योजना इसी मिशन का हिस्सा है. हमें खुशी है कि इस योजना का उद्योग द्वारा स्वागत किया गया है. हम चाहते हैं कि बड़ी आईटी कंपनियां भारत में अपने उत्पादों का निर्माण करें और उन्हें यहां से निर्यात करें. इससे नौकरियों और निवेश के अवसर पैदा होंगे."
डेल और एचपी जैसी प्रमुख आईटी कंपनियां इस योजना में सीधे भाग ले रही हैं, जबकि एचपीई, लेनोवो, एसर, असुस, थॉमसन जैसी अन्य कंपनियां भारत में विनिर्माण सुविधाओं वाली ईएमएस कंपनियों के माध्यम से भाग ले रही हैं. इसे पैगेट (डिक्सन), वीवीडीएन, नेटवेब, सिरमा, ओपिएमस, सहस्र, नियोलिन्क, पैनाके, सोजो (लावा) जैसी घरेलू कंपनियों का भी समर्थन मिला है.
इस वर्ष की शुरुआत में, मंत्री ने विशेषज्ञों, उद्योग प्रतिनिधियों जैसे तकनीकी उद्योग के हितधारकों के साथ सहयोग स्थापित करते हुए कई डिजिटल इंडिया संवादों में भाग लिया. उन्होंने भारत में आईटी हार्डवेयर विनिर्माण इकोसिस्टम को गति देने के लिए उनकी चिंताओं का सक्रिय रूप से समाधान किया.
मंत्री चंद्रशेखर ने कहा “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने भारत में आईटी हार्डवेयर विनिर्माण इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए स्टार्टअप, उद्योग जगत और शिक्षाविदों के साथ मिलकर काम किया है. 2014 से पहले लगभग कुछ भी नहीं होने के बावजूद, हमारा लक्ष्य 2026 तक 300 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाना है. उद्योग इनपुट के साथ विकसित आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन है. आज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजारों में से एक है, इसके लिए हमारी अर्थव्यवस्था, सरकार और सार्वजनिक सेवाओं के तेजी से डिजिटलीकरण को धन्यवाद."
मई में, सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना को मंजूरी दी, जिसके लिए 17,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. यह आवंटन 2021 की योजना के बजट की तुलना में दोगुना है. इस पहल से 2,430 करोड़ रुपये के वृद्धिशील निवेश और 3.35 लाख करोड़ रुपये के वृद्धिशील उत्पादन के साथ-साथ 75,000 पेशेवरों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है.