AICTE और AVPL International मिलकर बनायेंगे 50 शहरों में एरो-विज़न ड्रोन लैब
AVPL International और AICTE की इस साझेदारी का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना और स्टूडेंट्स और फेकल्टी मेंबर्स को एडवांस्ड ड्रोन टेक्नोलॉजी में प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस देना है, ताकि देश के हर कोने में ड्रोन पायलेट और ड्रोन टेक्नीशियन मिल सके.
भारत में तेजी से उभर रहे ड्रोन सेक्टर में स्किल की भारी ज़रूरत को देखते हुए, AICTE और AVPL International ने एक बेहद महत्वपूर्ण साझेदारी की है. इस साझेदारी के तहत 25 हजार युवाओं को अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस 50 AVPL ऐरो विज़न ड्रोन लैब में ट्रेनिंग दी जाएगी.
AVPL International इस साझेदारी के तहत 50 तकनीकी शिक्षण संस्थानो में AVPL एरोविजन ड्रोन लैब खोलेगी. इन संस्थानों के युवाओं को ड्रोन टेक्नीशियन, ड्रोन पायलेट, मेकेट्रॉनिक्स डिजाइनर और सिस्टम इंटीग्रेटर सहित बैटरी सिस्टम रिपेयर टेक्नीशियन जैसे कोर्स कराए जाएंगे. ये कोर्स भारतीय ड्रोन इंडस्ट्री में कुशल पेशेवरों की कमी को दूर करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे.
AVPL International और AICTE (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) की इस साझेदारी का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना और स्टूडेंट्स और फेकल्टी मेंबर्स को एडवांस्ड ड्रोन टेक्नोलॉजी में प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस देना है, ताकि देश के हर कोने में ड्रोन पायलेट और ड्रोन टेक्नीशियन मिल सके.
इस मौके पर AVPL International की फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रीत संधू ने कहा, “ड्रोन तकनीक में कुशल मानव संसाधन की बढ़ती मांग को देखते हुए, AICTE के साथ यह साझेदारी एक महत्वपूर्ण पहल है. हम AVPL एयरोविजन ड्रोन लैब्स के माध्यम से 50 तकनीकी संस्थानों में छात्रों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देंगे, जो उन्हें कृषि, खनन, वानिकी और वीडियोग्राफी व सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उभरते अवसरों के लिए तैयार करेगी. यह पहल न केवल तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि हमारे युवाओं को दुनिया भर के जॉब मार्केट में प्रतिस्पर्धी बनाने में भी मदद करेगी. हम भविष्य के कार्यबल को सशक्त बनाने और ड्रोन इंडस्ट्री में स्किल की कमी को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
वहीं, AICTE के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा, “AVPL एयरोविजन ड्रोन लैब्स की स्थापना छात्रों को ड्रोन टेक्नोलॉजी में अत्याधुनिक कौशल से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह तकनीकी शिक्षा और ड्रोन सेक्टर में ड्रोन ट्रेनिंग को बढ़ावा देने की हमारी सोच के अनुरूप है, जोकि हमारे युवाओं को दुनिया भर के जॉब मार्केट के लिए तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम है. हमें उम्मीद है कि यह साझेदारी उद्योग जगत में प्रमुख अन्य लोगों को इस तरह की पहल के लिए प्रेरित करेगी. इस साझेदारी से हम युवाओं को ड्रोन की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देकर ड्रोन सेक्टर में जरुरी कार्यबल के लिए मदद दे सकेंगे.”
इन शहरों में बनेंगे AVPL एयरो-विजन ड्रोन लैब
चेन्नई, दाहोद, कच्छ, मोरबी, वडोदरा, सुरेंद्रनगर, अहमदाबाद, मुंबई, करनाल, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, यमुनानगर, पंचकूला, चित्रदुर्गा, बागलकोट, चिक्कमगलुरु, तुमकुरु, हासन, देवास, बैतूल, होशंगाबाद (नर्मदापुरम), हरदा, नागौर, गंगानगर, हनुमानगढ़, लुधियाना, दमन, दादरा और नगर हवेली, कुरुक्षेत्र, महिसागर, दिल्ली, कोयंबटूर, श्री मुक्तसर साहिब, मोहाली, अरावली, मेहसाणा, बनासकांठा, साबरकांठा, भुवनेश्वर, रमनगरा, पंचमहल, गांधीनगर, फरीदकोट व चुरु में AVPL एरोविज़न ड्रोन लैब तैयार किए जाएंगे.
चेन्नई, दाहोद, कच्छ, मोरबी, वडोदरा, सुरेंद्रनगर, अहमदाबाद, मुंबई, करनाल, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, यमुनानगर, पंचकूला, चित्रदुर्गा, बागलकोट, चिक्कमगलुरु, तुमकुरु, हासन, देवास, बैतूल, होशंगाबाद (नर्मदापुरम), हरदा, नागौर, गंगानगर, हनुमानगढ़, लुधियाना, दमन, दादरा और नगर हवेली, कुरुक्षेत्र, महिसागर, दिल्ली, कोयंबटूर, श्री मुक्तसर साहिब, मोहाली, अरावली, मेहसाणा, बनासकांठा, साबरकांठा, भुवनेश्वर, रमनगरा, पंचमहल, गांधीनगर, फरीदकोट व चुरु में AVPL एरोविज़न ड्रोन लैब तैयार किए जाएंगे.
Edited by रविकांत पारीक