Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

छात्रों की इनोवेटिव स्किल्स को मजबूत करने के लिए AICTE ने अटल टिंकरिंग लैब्स को अपनाया

अटल इनोवेशन मिशन ने AICTE के साथ मिलकर अटल टिंकरिंग लैब्स को अपनाने और AICTE इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (IIC) के माध्यम से देश भर के स्कूली छात्र अन्वेषकों के सशक्तिकरण के लिए साझेदारी की घोषणा की।

छात्रों की इनोवेटिव स्किल्स को मजबूत करने के लिए AICTE ने अटल टिंकरिंग लैब्स को अपनाया

Thursday April 15, 2021 , 4 min Read

डॉ. बी.आर. अंबेडकर जयंती के अवसर पर, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE), शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल ने देश भर में अटल टिंकरिंग लैब स्कूल के छात्रों को विश्व स्तर के भविष्य के लिए तैयार नवाचार कौशल में सशक्त बनाने के लिए रणनीतिक सहयोग की घोषणा की है।


सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले उच्च शिक्षण संस्थानों में 2500 से अधिक इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल्स (IIC) के साथ विद्यालयों में स्थापित 7200 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) से जुड़ने के लिए साझेदारी शुरू की गई है।

h

सांकेतिक चित्र

स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब्स सुविधाओं से सुसज्जित हैं और ये स्कूल के छात्रों को नई परियोजनाओं पर काम करने तथा अपनी नवाचार क्षमताओं में सुधार करने के लिए अवसर प्रदान करते हैं। जबकि एचईआई में इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल द्वारा नवाचार क्षमता और छात्रों को नवोन्मेष एवं उद्यमिता गतिविधियों में संलग्न करने तथा आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने और कुछ नया करने का अवसर प्रदान करने के साथ ही उद्यमी बनने के मौके प्रदान किये जाते हैं।


एटीएल और आईआईसी दोनों मॉडल युवाओं की रचनात्मक क्षमता को सामने लाने और उद्यमी अभिव्यक्तियों में संलग्न करने के लिए कुशल तथा प्रभावी संस्थागत तंत्र साबित हुए हैं। इन मॉडलों को मजबूत व प्रभावशाली बनाने के लिए आईआईसी द्वारा एटीएल को अपनाना और एटीएल को निरंतर सलाह देना एक एकीकृत इकोसिस्टम के तहत उठाया गया क़दम है, जो एआईसीटीई, एमआईसी, एआईएम और नीति आयोग के प्रयासों से कार्यान्वित है।


इसके अलावा, इस कदम को स्कूलों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों के बीच अंतर को कम करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य के साथ भी जोड़ा गया है। इसे अपनाने की प्रक्रिया में दोनों तरफ से ऑनलाइन मेंटरिंग, लेक्चर सेशन, ग्रुप प्रोजेक्ट्स और प्रमुख हितधारकों के दौरे आदि की कार्रवाई होनी है।


अटल इनोवेशन मिशन के मिशन निदेशक आर रामनान ने वर्चुअल इवेंट के दौरान अपने संबोधन में कहा कि, एआईसीटीई और एआईएम ने पिछले कुछ वर्षों में एक रणनीतिक साझेदारी विकसित की है। एटीएल के साथ में एआईसीटीई आईआईसी द्वारा छात्रों को अपनाने से एटीएल में विभिन्न नवाचार से संबंधित प्रशिक्षण व नवाचार कार्यशाला की पहल का लाभ उठाते हुए एटीएल स्कूल के छात्रों में प्रासंगिक ज्ञान तथा नवीन सोच के प्रसार में बहुत वृद्धि होगी।


ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के चेयरमैन डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने इस अवसर पर कहा कि, छात्रों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ भारतीय ज्ञान प्रणाली और उससे जुड़े मूल्यों को भी विकसित करने पर जोर दिया गया है।


उन्होंने कहा कि, मैं इस सहयोग से वास्तव में बहुत खुश हूं, जिसके माध्यम से हम न केवल अभिनव छात्रों को सलाह देते हैं, बल्कि उनके बीच भारतीय ज्ञान साझाकरण प्रणाली को भी लेकर आते हैं। मेरा मानना ​​है कि, समाज को वापस देना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण मूल्यों वाला कार्य है। इसलिए, जब हम सूचना एवं प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, 3 डी, ब्लॉकचेन, संवर्धित वास्तविकता, आभासी वास्तविकता आदि के लिए छात्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखते हैं, तो हमें इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि यह वैल्यू सिस्टम के साथ-साथ स्वयं को कैसे प्रदर्शित करता है।


भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में मुख्य नवाचार अधिकारी (सीआईओ) डॉ. अभय जेरे ने अपने संबोधन में कहा कि, “यदि हम वास्तव में एक नये राष्ट्र के रूप में उभरना चाहते हैं तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि, हमारे पास महान विचारों की एक विशाल पाइपलाइन हो। इस संदर्भ में, मेरा मानना ​​है कि अटल इनोवेशन मिशन और आईआईसी के बीच यह साझेदारी विचारों तथा मानव संसाधनों के निर्बाध प्रवाह को सक्षम करने में काफी योगदान देगी, जिससे उद्यमशीलता की मानसिकता पैदा होती है।"


इस बीच, यह सहयोग छात्रों को नवाचार प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा, यहां तक ​​कि, उनके पास परामर्शपरक सहयोग प्राप्त करने और विश्वविद्यालय के पारिस्थितिक तंत्र समर्थन तक पहुंच आदि का भी मौका होगा।