Ratan Tata की बड़ी तैयारी, Air India बन जाएगी दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी
जल्द ही एयर इंडिया भारत की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस कंपनी बन जाएगी. दरअसल, इसमें विस्तारा, एयर एशिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का मर्जर होने की अटकलें हैं.
अभी कुछ वक्त पहले ही टाटा ग्रुप (Tata Group) ने सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया (Air India) को खरीदा था. अब कंपनी एक बड़ा दाव खेलने की तैयारी में है, जिसके बाद वह देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी बन जाएगी. दरअसल, अब कंपनी विस्तारा (Vistara), एयर एशिया (Air Asia) और एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) का एयर इंडिया में मर्जर करने वाली है. ऐसा होते ही फ्लीट और मार्केट शेयर के हिसाब से एयर इंडिया भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी.
वैसे तो अभी तक कंपनी ने आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि एयर इंडिया के तहत दो तरह की एयरलाइन चलेंगी. एक होगी लो-कॉस्ट एयरलाइन और दूसरी होगी फुल सर्विस एयरलाइन. कंपनी हफ्ते भर में इसकी घोषणा कर सकती है. हालांकि, एक एंटिटी की तरह काम करने में कंपनी को अभी आसानी से साल भर तक का समय लग सकता है. सूत्रों का मानना है कि विस्तारा ब्रांड को खत्म कर दिया जाएगहा और टाटा सिंगापुर एयरलाइंस को एयर इंडिया में मर्ज कर दिया जाएगा.
कितना समय लगेगा इस पूरी प्रक्रिया में?
उम्मीद की जा रही है कि नई डील के तहत सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में करीब 20-25 फीसदी की हिस्सेदारी हो सकती है. विस्तारा को खत्म किया जा सकता है और उसके कुछ बोर्ड मेंबर्स को एयर इंडिया के बोर्ड में शामिल किया जा सकता है. विस्तारा की पैरेंट कंपनी है टाटा सिंगापुर एयरलाइंस, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस की करीब 49 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं दूसरी ओर टाटा संस की इसमें 51 फीसदी हिस्सेदारी है. उम्मीद जताई जा रही है कि मर्जर की प्रक्रिया को पूरा होने में करीब साल भर का समय लग सकता है.
मर्जर की जिम्मेदारी एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन, चीफ कमर्शियल ऑफिसर निपुण अग्रवाल, एयरएशिया इंडिया के सीईओ सुनील भास्करन और एयर इंडिया एक्सप्रेस के सीईओ आलोक सिंह को दी गई है. जब एयर इंडिया में बाकी तीनों एयरलाइंस कंपनियां मर्ज हो जाएंगी तो एयर इंडिया के बेड़े में विमानों की संख्या बढ़कर 233 तक पहुंच जाएगी और कंपनी का ऑपरेशनल कॉस्ट भी कम हो जाएगा.
टाटा की कितनी हिस्सेदारी?
टाटा समूह ने जनवरी 2022 में सरकार से एयर इंडिया और इसकी लो-कॉस्ट अंतरराष्ट्रीय इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस का नियंत्रण ले लिया था. इसके अलावा एयर एशिया इंडिया में उसकी 83.67 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शेष 16.33 प्रतिशत हिस्सेदारी मलेशियाई समूह एयर एशिया के पास है. टाटा समूह, एयर एशिया से बाकी की हिस्सेदारी खरीदने पर भी विचार कर रहा है.
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