अब 24 नवंबर तक नहीं बढ़ेगा विमान का किराया, जान लें कितनी रखी गई है लिमिट?
ये किराया एयरलाइन कंपनियाँ तय करती हैं, जिसमें दिन और विमान में उपलब्ध सीटों के अनुसार आमतौर पर किराए का निर्धारण किया जाता है।
कोरोना महामारी के देश में पैर पसारने के साथ ही सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी, जिसके बाद हवाई सेवाओं पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लग गया, हालांकि इस दौरान कुछ विशेष हवाई सेवाओं का संचालन जारी रहा है। 2 महीने के बाद सरकार ने 25 मई को घरेलू रूट्स पर विमानों के संचालन की अनुमति दी थी, लेकिन इसी के साथ किराए को लेकर सरकार ने सीमा भी तय कर दी थी।
अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 24 नवंबर तक इन फ्लाइट्स के टिकट की कीमतों में बढ़ोत्तरी पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है, इसके पहले यह सीमा 24 अगस्त तक के लिए थी। एविएशन रेग्यूलेटर ने 21 मई को न्यूनतम और अधिकतम किराया तय करते हुए कुल सात दरें घोषित की थीं।
क्या है ये दरें?
मंत्रालय द्वारा घोषित की गई हवाई यात्रा के किराए की इन दरों को हवाई यात्रा की अवधि के हिसाब से तय किया गया है, जिसमें यात्रा को अवधि के अनुसार सात भागों में विभाजित किया गया है। इसमें 40 मिनट की उड़ान से लेकर 210 मिनट की फ्लाइट तक के किराए की सीमा निश्चित की गई है।
अगर आप 40 मिनट तक की अवधि की कोई फ्लाइट लेना चाहते हैं तो आपको न्यूनतम किराया 2 हज़ार रुपये, जबकि अधिकतम किराया 6 हज़ार रुपये तक चुकाना पड़ेगा, वहीं 40 मिनट से 60 मिनट वाली फ्लाइट के लिए न्यूनतम किराया 25 सौ रुपये, जबकि अधिकतम किराया 75 सौ रुपये निश्चित है।
60 से 90 मिनट की फ्लाइट के लिए न्यूनतम किराया 3 हज़ार रुपये, जबकि अधिकतम किराया 9 हज़ार रुपये है, वहीं 90 से 120 मिनट अवधि की उड़ानों के लिए न्यूनतम किराया 35 सौ रुपये, जबकि अधिकतम किराया 10 हज़ार रुपये निश्चित है। अगर आप 120 से 150 मिनट की उड़ान की टिकट लेते हैं तो आपको न्यूनतम 45 सौ रुपये और अधिकतम 13 हज़ार रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। 150 से 180 मिनट की फ्लाइट के लिए आपको न्यूनतम 55 सौ और अधिकतम 15 हज़ार 700 रुपये चुकाने पड़ सकते हैं। 180 से 210 मिनट की फ्लाइट के लिए किराये की सीमा 65 सौ रुपये से 18 हज़ार 600 रुपये के बीच है।
ये किराया एयरलाइन कंपनियाँ तय करती हैं, जिसमें दिन और विमान में उपलब्ध सीटों के अनुसार आमतौर पर किराए का निर्धारण किया जाता है।
और क्या?
सरकार ने एयरलाइंस को सभी हवाई अड्डों से उड़ान भरने की अनुमति दी है, हालांकि इसपर एयरलाइंस ही अंतिम निर्णय लेंगी कि यात्री मांग के आधार पर किन हवाई अड्डों को वे अपने नेटवर्क में शामिल कर रही हैं।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की नई नॉटिफ़िकेशन के अनुसार, एयरलाइंस को घरेलू मार्गों पर महामारी से लॉकडाउन से पहले की तुलना में कुल 45 प्रतिशत क्षमता के अनुसार काम करने की अनुमति दी गई है, जबकि इसके पहले कुल संख्या के 30-35 प्रतिशत के साथ ही काम करने की अनुमति दी गई थी।
कंपनियाँ जता चुकी हैं विरोध
जब सरकार ने लॉकडाउन के दौरान उड़ानों के संचालन को किराए की सीमा के साथ अनुमति दी थी तब एयरलाइन कंपनियों ने सरकार के इस कदम का विरोध जताया था, लेकिन सरकार का मानना है कि महामारी के इस दौरान में इन कंपनियों को मनमाने किराए को वसूलने की छूट नहीं दी जा सकती है।