अक्षय तृतीया के मौके पर इन चार तरीकों से खरीद सकते हैं डिजिटल गोल्ड
अक्षय तृतीया जैसे पारंपरिक त्यौहार के दौरान भी, महिलाओं ने बढ़िया, हल्के और ट्रेंडी सोने के गहनों की तलाश शुरू कर दी है. इस लेख में हम यहां बता रहे हैं डिजिटल गोल्ड खरीदने के तरीकों के बारे में...
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya), जो एक पारंपरिक त्यौहार है, जिसे आधुनिक भारतीय महिलाएं स्वर्ण आभूषण खरीदकर मनाती हैं. परंपरागत रूप से, सोने का मतलब सौभाग्य, किस्मत और समृद्धि है. ऐसे में गोल्ड ज्वैलरी का नाम आते ही भारी चूड़ियों, पारंपरिक मल्टीलेयर हार या बड़े झुमकों की छवि दिमाग में उभरती है. यह वह मामला है जहां समकालीन महिलाएं अलग-अलग होती हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि आज भी भारतीय महिलाएं अपने आभूषणों से उतना ही प्यार करती हैं, जितना उन्होंने पहले कभी किया था.
हालांकि, बदलती जीवनशैली और मानसिकता के साथ, आभूषणों के प्रति उनके दृष्टिकोण में एक सांस्कृतिक परिवर्तन आया है. यह उनकी फैशन-उन्मुख आकांक्षाओं और सोने के प्रति धारणा में बदलाव के बारे में है. गोल्ड ज्वैलरी महिलाओं की रोजमर्रा अलमारी का एक अभिन्न हिस्सा बन गयी है.
अक्षय तृतीया जैसे पारंपरिक त्यौहार के दौरान भी, महिलाओं ने बढ़िया, हल्के और ट्रेंडी सोने के गहनों की तलाश शुरू कर दी है. इस प्रकार यह ट्रेंड और परंपरा को एक साथ रखने का एक शानदार अवसर है और एक नयी रोशनी में दिखायी दे रही अच्छी ज्वैलरी के साथ, यह इस मौसम में गोल्ड को बोरियत से दूर रखेगी. सोने के ये आभूषण रोजमर्रा पहने जा सकते हैं और यह आपकी पहचान बन सकते हैं.
इस लेख में हम यहां बता रहे हैं डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) खरीदने के तरीकों के बारे में...
डिजिटल गोल्ड
सोने में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड का विकल्प भी है और यह तेजी से पॉपुलर हो रहा है. कई बैंक, मोबाइल वॉलेट और ब्रोकरेज कंपनियों ने MMTC-PAMP या सेफगोल्ड के साथ साझेदारी की हुई है. इसी की मदद से वे डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा देते हैं. डिजिटल गोल्ड में छोटे-छोटे अमाउंट में सोने में पैसा लगा सकते हैं, 1 रुपये में भी सोना खरीदा जा सकता है. डिजिटल तरीके से 24 कैरेट यानी 99.99 फीसदी शुद्ध सोना डिजिटली सुरक्षित रखा जा सकता है, जब चाहे इसे बेचा जा सकता है और चाहें तो फिजिकल फॉर्म में यानी बिस्किट, कॉइन या ज्वेलरी के रूप में डिलीवरी भी पाई जा सकती है. Paytm, Google Pay और PhonePe यूजर्स को डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री की सुविधा दे रहे हैं.
गोल्ड ETF
आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं, हालांकि भारत में ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) आपकी कैपिटल को फिजिकल गोल्ड में निवेश करता है और यह सोने की कीमत के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है. गोल्ड ETF के तौर पर मिनिमम 1 ग्राम सोने में भी निवेश किया जा सकता है, निवेश की कोई अपर लिमिट नहीं है. गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी सोने में निवेश का एक तरीका है. यह गोल्ड ETF में निवेश करता है. म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में भी SIP शुरू कर सकते हैं. इससे 500 रुपये की छोटी रकम से भी सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं. SIP की रकम अपने आप बैंक खाते से कट जाती है. गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सोने में निवेश का एक माध्यम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक RBI, सरकार की ओर से जारी करता है. लेकिन इनमें कभी भी निवेश नहीं किया जा सकता है. सरकार समय-समय पर विभिन्न चरणों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री के लिए विंडो ओपन करती है. एक वित्त वर्ष में कितनी विंडो ओपन की जाएंगी, यह पहले से तय होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेशकों को हर साल 2.5% का ब्याज हासिल होता है. आमतौर पर SGB का लॉक इन पीरियड 5 साल है और मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है. निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा. कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम 4 किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं.
Edited by रविकांत पारीक