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राजस्थान में लॉकडान के चलते आम आदमी की मदद के लिये हर तरह के प्रयास

राजस्थान में लॉकडान के चलते आम आदमी की मदद के लिये हर तरह के प्रयास

Thursday March 26, 2020 , 4 min Read

पुलिस की सख्ती के चलते अब केवल इक्का दुक्का वाहन चलते नजर आ रहे है। शहर के फुटपाथ पर रहने वाले सैंकडो लोगो को भोजन उपलब्ध कराने के लिये पुलिस के परामर्श पर लोगों को दूर दूर बिठा कर भोजन की व्यवस्था की जा रही है।


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सांकेतिक फोटो, साभार: Deccan herald



जयपुर/बीकानेर, कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये राष्ट्रव्यापी जनता कर्फ्यू के बाद 22 मार्च से राजस्थान में लागू लॉकडाउन के चलते आम आदमी को सरकारी स्तर पर हर तरह की राहत पहुंचाने के प्रयास के साथ साथ स्वयंसेवी संस्थान और लोग भी उनकी मदद कर रहे हैं।


राजधानी जयपुर में लॉकडाउन के चलते केवल दवा और किराने की दुकानें खुल हुई हैं।बाजार में सन्नाटा पसरा पडा है। पुलिस सडकों और दुकानों से भीड हटाने में पिछले दो दिनों से सख्ती दिखा रही है जबकि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के ‘कोई भूखा ना रहे’ आह्वान पर भूखों को भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।


लॉकडाउन के बावजूद सड़कों पर नजर आयी भीड को रोकने के लिये मुख्यमंत्री ने पुलिस को सख्ती से पेश आने के निर्देश दिये थे। उसके बाद शहर में लोगों की संख्या में कमी देखी गई। शहर के सभी प्रमुख मंदिरों-- गोविंद देव जी और ताडकेश्वर जी, चांदपोल के हनुमान मंदिर में केवल पुजारी पूजा करते देखे गये। गौशाला प्रबंधकों ने भी गौशालाओं को अंदर से बंद कर लिया है।


पुलिस की सख्ती के चलते अब केवल इक्का दुक्का वाहन चलते नजर आ रहे है। शहर के फुटपाथ पर रहने वाले सैंकडो लोगो को भोजन उपलब्ध कराने के लिये पुलिस के परामर्श पर लोगों को दूर दूर बिठा कर भोजन की व्यवस्था की जा रही है। गुरूवार सुबह को यहां कई स्थानों पर सब्जी खरीदने वालों की भीड देखी गई जबकि खुदरा दुकानों पर पुलिस ने लोगो को कतार में रहने के लिये लाईने खींच दी है।


जयपुर के सामाजिक कार्यकर्ता सुमेर सिंह ने जरूरतमंदों के बीच भोजन पैकेटों के वितरण के लिये शहरवासियों से उसके पैकेट बनाकर अलग अलग स्थानों पर निर्धारित समय पर भेजने का आग्रह किया है। शहर के कई सामाजिक संगठनों से सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को मदद करने की अपील की है।





विकलांग लोगो के लिये काम करने वाली उदयपुर की स्वयंसेवी संस्था नारायण सेवा संस्थान ने कोरोनावायरस के लिये राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष में 2 लाख रूपये का दान करने के साथ साथ पुलिसकर्मियों और झोपडियों में रहने वाले लोगो को 2000 मास्क निशुल्क देने की घोषणा की हैं। संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि संस्थान ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सभी जरूरतमंदों के लिये 2000 भोजन के पेकेट प्रतिदिन बांटने की व्यवस्था की है।


कोरोना से वायरस के लिये उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के दो मंत्रालयों ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों ने 3 करोड़ 85 लाख रूपये की सहायता मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष में बुधवार तक 26 करोड़ रूपए का सहयोग राशि मिल चुकी थी।


उधर, बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एंव चुरु जिलों में लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर उन छोटे कारोबारियों पर पड़ा है जो रोजाना सामान बेचकर अपना और परिवार का भरण पोषण करते हैं। बीकानेर के किराना दुकान के संचालक जितेंद्र कुमार सिंघल ने बताया कि लाकडाउन के चलते अब मुख्य बाजार भी बंद है, उन्हें माल नहीं मिलेगा और जब माल नहीं मिलेगा तो बेचेंगे क्या। यही स्थिति रहती है तो उनके लिए दिन काटना मुश्किल हो जाएगा और परिवार के सामने आर्थिक संकट के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो जायेगा।


बीकानेर के फल और सब्जी मंडी से सब्जी खरीदकर बेचने वाले भी कई दिनों से परेशान हैं। लाकडाउन के कारण उन्हें घर से यंहा तक पहुंचने में भी परेशानी हो रही है। सब्जी का काम करने वाले मुनी राम बताते है कि जब से कोरोना वायरस की बात सामने आई है, सब्जी के बाजार पूरी तरह नहीं लग रहे हैं और ग्राहक भी कम आ रहे हैं। फिर भी कुछ सब्जियां बिक जाती थीं जिससे उनकी जरूरतें पूरी हो जाती थीं। बीकानेर के संभागीय आयुक्त सी एस श्रीमाली ने बताया कि संभाग के चारों जिलों में जरूरतमंद लोगों को भोजन के पैकेट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। अति आवश्यक सेवाओं को बेहतर तरीके से संचालित किया जा रहा है । चिकित्सा सेवाएं बेहतर तरीके से कार्य कर रही है।


जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि बीकानेर में सब्जी, किराने के सामान, दूध सहित सभी आवश्यक वस्तुओं व दवाओं की दुकानें खुली है और लोग अपनी जरूरत के मुताबिक खरीददारी कर रहे हैं।