हेल्थ इंश्योरेंस लेने जा रहे हैं? इन बातों का हमेशा रखें ध्यान
आज के समय में तो हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत और बढ़ गई है. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बिना सोचे समझे कोई सभी हेल्थ इंश्योरेंस ले लें.
बीमारी कभी बताकर नहीं आती. इसका सबसे ताजा उदाहरण कोरोनावायरस है. महंगे इलाज का दर्द तब और ज्यादा बढ़ जाता है, जब बीमारी बड़ी और गंभीर हो और इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में कराना पड़े. मेडिकल खर्च लोगों की सेविंग्स पर भारी न पड़े, सारी जमा पूंजी इसमें न लग जाए, इसी को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) अस्तित्व में आया. यह न सिर्फ जेब पर पड़ने वाला बोझ कम करता है, साथ ही आप बिना पैसे की चिंता करे अच्छा इलाज करा सकते हैं.
आज के समय में तो हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत और बढ़ गई है. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बिना सोचे समझे कोई सभी हेल्थ इंश्योरेंस ले लें. अपनी वित्तीय हालत और जरूरत के हिसाब से सही हेल्थ इंश्योरेंस चुनना चाहिए और ऐसा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए...
1. सबसे पहले यह गौर करें कि आपको कितने अमाउंट तक का हेल्थ इंश्योरेंस चाहिए. साथ ही यह भी कि आपको अपने अलावा अपने परिवार में किस-किस को कवर करना है. इसी के आधार पर प्रीमियम निर्धारित होता है.
2. कोई भी इंश्योरेंस प्रॉडक्ट लेने से पहले, सभी नियमों एवं शर्तों को अच्छी तरह पढ़ लें ताकि यह अच्छी तरह समझ सकें कि उसमें क्या शामिल है, और क्या शामिल नहीं है.
3. जिस बीमा कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस लिया है, वह विस्तृत नेटवर्क वाली होनी चाहिए. ताकि जरूरत के वक्त किसी भी जगह पर कवर का क्लेम किया जा सके. साथ में उसका क्लेम निपटाने का रिकॉर्ड भी अच्छा होना चाहिए.
4. हमेशा यह जांचना चाहिए कि क्या स्वास्थ्य बीमा अस्पताल के उपचार के खर्च और उपचार के पहले व बाद में किए गए खर्च को शामिल करता है या नहीं.
5. ध्यान रखें कि पॉलिसी में NCB यानी नो क्लेम बोनस का फीचर हो. इसमें एक पॉलिसी ईयर में कोई क्लेम न करने पर एडिशनल चार्ज मिलेगा. यानी आप अपनी इंश्योरेंस की राशि को इससे बढ़ा सकते हैं. जेसे-जैसे क्लेम फ्री साल बढ़ेंगे, वैसे—वैसे NCB का प्रतिशत भी बढ़ेगा. यह बोनस आप हेल्थ इंश्योरंस पॉलिसी को रिन्यू करते वक्त भी ले सकते हैं.
6. हर इंश्योरेंस कंपनी का कई अस्पतालों के साथ टाई-अप होता है. इसलिए यह भी देखें कि उसके कैशलेस अस्पतालों की सूची में आपकी पसंद का और आपके आसपास का अस्पताल है या नहीं.
7. कई इंश्योरेंस कंपनियां कुछ ऐसे नए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स लाई हैं, जिनमें फ्री हेल्थ चेकअप और कुछ फिटनेस गोल को हासिल करने पर प्रीमियम पर डिस्काउंट भी मिलता है.
8. प्रत्येक इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमारियों के इलाज के लिए एक वेटिंग पीरियड होता है. उस अवधि के दौरान इंश्योरेंस कंपनी किसी भी क्लेम का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार नहीं होती है. यह अवधि आम तौर पर पॉलिसी खरीदने के दिन से लेकर अगले 30 दिन तक रहती है. इस अवधि के गुजरने के बाद, कुछ प्रक्रियाओं और इलाजों पर कुछ शर्तें लागू होती हैं.
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