Amazon ने फ्यूचर रिटेल के स्वतंत्र निदेशकों पर क्यों लगाया "धोखादेह रणनीति" का आरोप, बिग बाजार स्टोर्स से जुड़ा है मामला
मुकदमेबाजी के बीच फरवरी 2022 के आखिर में रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल के 800 से ज्यादा स्टोर्स का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था.
रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Limited) के साथ फ्यूचर रिटेल (Future Retail) की डील खत्म हो जाने के बाद भी अमेजॉन (Amazon) और फ्यूचर रिटेल के बीच विवाद खत्म होता नजर नहीं आ रहा है. अमेजॉन ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के 835 स्टोर रिलायंस इंडस्ट्रीज को ट्रान्सफर करने के मामले में FRL के स्वतंत्र निदेशकों पर 'धोखादेह रणनीति' का आरोप लगाया है. अमेजॉन ने FRL के स्वतंत्र निदेशकों को लिखे एक लेटर में कहा है कि इस ट्रान्सफर के लिए बड़े पैमाने पर किराया बाकी रहने का तर्क एक "फरेब "था क्योंकि इस तरह के कदम से एक महीने पहले ही कहा गया था कि बकाया किराया केवल 250 करोड़ रुपये है.
अमेजॉन ने कहा है कि FRL ने अपने किसी भी स्टोर का परिचालन बंद किए बिना उसे रिलायंस को सौंप दिया. बड़े पैमाने पर किराया बाकी रहने की वजह से 835 खुदरा स्टोर को रिलायंस के सुपुर्द कर देने से जुड़ा कोई भी दावा नियामकों, ऋणदाताओं, शेयरधारकों और अदालतों के सामने "इरादतन झूठ एवं फरेब परोसने के सिवाय कुछ नहीं था".
क्या है यह स्टोर ट्रान्सफर का मामला
फ्यूचर ग्रुप (Future Group) ने अगस्त 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) के साथ 24713 करोड़ रुपये के विलय समझौते का ऐलान किया था. इस समझौते के तहत खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण खंडों में सक्रिय फ्यूचर समूह की 19 कंपनियों का रिलायंस रिटेल अधिग्रहण करने वाली थी. लेकिन अमेजॉन इस डील को अदालत में लेकर गई और डील कोर्ट-कचहरी के चक्करों में उलझ गई. अमेजॉन की फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी है और फ्यूचर कूपन्स, फ्यूचर रिटेल में 7.3 फीसदी हिस्सेदारी रखती है.
मुकदमेबाजी के बीच फरवरी 2022 के आखिर में रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल के 800 से ज्यादा स्टोर्स का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया. फ्यूचर ग्रुप के रिटेल स्टोर्स में बिग बाजार, एफबीबी, हाइपरमार्केट और कुछ अन्य स्मॉलर फॉर्मेट आउटलेट शामिल हैं. रिलायंस ने सैकड़ों फ्यूचर ग्रुप स्टोर इसलिए बंद करवाना शुरू किया क्योंकि फ्यूचर, किराए का भुगतान नहीं कर पा रहा था. बंद कराए जाने वाले स्टोर उन प्रॉपर्टीज पर थे, जिन्हें रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप को सबलीज किया था. रेंट का भुगतान नहीं होने पर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सब-लीज टर्मिनेट कर दी. हालांकि कर्मचारियों को न निकालते हुए उन्हें अपनी नौकरी जारी रखने की पेशकश की गई थी. रिलायंस रिटेल ने बंद करवाए गए स्टोर्स से सभी फिजिकल एसेट जैसे एयर कंडीशनर, स्टॉक रखने वाली शेल्फ, लाइटें, चिलर्स, फ्रीजर्स, बिलिंग मशीनें, ट्रॉली और यहां तक कि एस्केलेटर मशीनें भी स्टोर्स से निकाल कर फ्यूचर ग्रुप को सौंप दी थीं.
अप्रैल 2022 में डील हो गई कैंसिल
अप्रैल 2022 में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने फ्यूचर रिटेल के साथ डील कैंसिल कर दी. इसकी वजह थी कि सौदे को सुरक्षित कर्जदाताओं की बैठक में मंजूरी नहीं मिल सकी. शेयरधारकों एवं असुरक्षित ऋणदाताओं ने इस सौदे को स्वीकृति दे दी थी लेकिन सुरक्षित कर्जदाताओं ने इसे नामंजूर कर दिया था. रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के बीच डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India), सेबी (SEBI) और bourses की ओर से मंजूरी मिल चुकी थी.