अलग-अलग कारोबार का आगे भी विलय और अधिग्रहण जारी रखेंगे अंबानी और अडाणी
बर्कलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर और इनवेस्टमेंट बैंकिंग के हेड प्रमोद कुमार ने बुधवार को कहा कि हमने देखा है कि अडाणी और रिलायंस ग्रुप दोनों ने ही नए क्षेत्रों में निवेश किए हैं. उन्होंने आगे कहा कि उनके पास पूंजी है जो उनकी मदद करती है, इसलिए हम देखेंगे कि वे इस माहौल में अवसर बनाते रहेंगे.
देश के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडाणी और मुकेश अंबानी अपने कारोबार को आगे बढ़ाने और उसमें विविधता लाने के लिए आगे भी देश में अलग-अलग कारोबार का विलय और उनका अधिग्रहण करना जारी रखेंगे. Barclays Plc. ने यह दावा किया है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, बर्कलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर और इनवेस्टमेंट बैंकिंग के हेड प्रमोद कुमार ने बुधवार को कहा कि हमने देखा है कि अडाणी और रिलायंस ग्रुप दोनों ने ही नए क्षेत्रों में निवेश किए हैं. उन्होंने आगे कहा कि उनके पास पूंजी है जो उनकी मदद करती है, इसलिए हम देखेंगे कि वे इस माहौल में अवसर बनाते रहेंगे.
आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 की दूसरी तिमाही में देश में 82 अरब डॉलर के विलय या अधिग्रहण या तो लंबित हैं या फिर पूरे हो चुके हैं.
अडाणी ने होल्सिम लिमिटेड के भारतीय ऑपरेशन के लिए 10.5 बिलियन डॉलर का सौदा किया. वहीं, अंबानी समर्थित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड भारत में जर्मन रिटेलर मेट्रो एजी के थोक ऑपरेशन के लिए दावेदारों में से एक है. इसके साथ ही दोनों अरबपति कारोबारी देश में होने जा रही 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के दावेदारों में भी शामिल हैं.
कुमार के अनुसार, हालांकि भारत में सौदे की रफ्तार धीमी होने जा रही है क्योंकि निवेशक बढ़ती ब्याज दरों और गिरते भारतीय रुपये के साथ अधिक सतर्क हो गए हैं.
हालांकि, दुनिया के टॉप-10 अमीरों की सूची में लंबे समय तक शामिल रहे मुकेश अंबानी अब सूची से बाहर होकर 11वें पायदान पर पहुंच गए हैं. उनकी कुल संपत्ति फिलहाल 87.4 अरब डॉलर है. वहीं, टॉप-10 अमीरों की सूची गौतम अडानी पांचवे पायदान पर हैं. उनकी कुल संपत्ति 105 अरब डॉलर पहुंच गई है.