Amul का दूध फिर हुआ महंगा, जानें अब कितने रुपये में मिलेगा 1 लीटर
गुजरात को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में अमूल दूध के दाम बढ़ गए हैं.
अमूल (Amul) का दूध एक बार फिर महंगा हो गया है. अमूल ब्रांड ने पाउच मिल्क के सभी वेरिएंट्स की कीमतें 3 रु/लीटर तक बढ़ा दी हैं. नई कीमतें तुरंत प्रभाव से यानी 3 फरवरी 2023 से लागू हो गई हैं. इस बारे में अमूल ब्रांड की मालिक गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) की ओर से बयान जारी कर दिया गया है. कीमत वृद्धि के बाद अमूल गोल्ड की कीमत 66 रुपये प्रति लीटर, अमूल ताजा की कीमत 54 रुपये प्रति लीटर और अमूल काउ मिल्क की कीमत 56 रुपये प्रति लीटर और अमूल ए2 बुफैलो मिल्क की कीमत 70 रुपये प्रति लीटर हो गई है.
हालांकि अमूल दूध की कीमतों में बढ़ोतरी गुजरात में लागू नहीं होगी. लिहाजा गुजरात को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में अमूल दूध के दाम बढ़ गए हैं.
अमूल पाउच मिल्क के सभी वेरिएंट्स की नई कीमतें
इससे पहले अमूल ने अक्टूबर 2022 में अमूल गोल्ड (फुल क्रीम) और बुफैलो मिल्क की कीमतें 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई थीं. लेकिन तब भी मूल्य वृद्धि गुजरात को छोड़कर भारत के अन्य हिस्सों के लिए की गई थी.
साल 2022 में कितनी बार बढ़े पैकेज्ड दूध के दाम
साल 2022 में अमूल ने दूध की कीमतों में तीन बार इजाफा किया था. वहीं मदर डेयरी की ओर से 5 बार मूल्य वृद्धि की गई थी. अमूल ने सबसे पहले मार्च 2022 में कीमतें बढ़ाई थीं, उसके बाद अगस्त 2022 और फिर अक्टूबर 2022 में दूध के दाम बढ़ाए गए. वहीं मदर डेयरी ने मार्च, अगस्त, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर माह में दूध की कीमतें बढ़ाई थीं. मदर डेयरी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की प्रमुख दुग्ध विक्रेता है और दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में रोजाना 30 लाख लीटर से अधिक दूध की बिक्री करती है. साल 2022 में मदर डेयरी ने फुल क्रीम दूध के दाम में 16 प्रतिशत और टोन्ड व डबल टोन्ड दूध की कीमत में 6 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी.
क्यों बढ़ाई जा रही हैं कीमतें
विभिन्न इनपुट कॉस्ट्स में कई गुना वृद्धि के कारण कच्चे दूध की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है. चारे की कीमतों में वृद्धि एक अहम कारक है. अक्टूबर माह में मूल्य वृद्धि के दौरान अमूल की ओर से कहा गया था कि ऑपरेशन और दूध के प्रॉडक्शन की ओवरऑल कॉस्ट बढ़ने के चलते कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है. पिछले वित्त वर्ष की तुलना में जानवरों के खाने की लागत ही अकेले लगभग 20 प्रतिशत बढ़ चुकी है. यह भी कहा गया था कि इनपुट कॉस्ट में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए GCMMF की मेंबर यूनियन्स ने पिछले वर्ष के मुकाबले किसानों के लिए मूल्य में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि भी की है.
वहीं दिसंबर 2022 में कीमत वृद्धि के दौरान मदर डेयरी का कहना था कि दुग्ध उत्पादक किसानों से की जाने वाली खरीद की लागत बढ़ी है. साल 2021 की तुलना में साल 2022 में दूध की खरीद लागत करीब 24 प्रतिशत तक बढ़ गई. फेस्टिव सीजन के बाद मांग में लगातार तेजी बनी रही, वहीं कच्चे दूध की खरीद दिवाली के बाद भी तेजी नहीं पकड़ पाई.
Edited by Ritika Singh