फर्जी मामले में हुआ गिरफ्तार पर नहीं मानी हार, आरोपी पुलिसकर्मी हुए निलंबित, डीजीपी से रिपोर्ट तलब
मामला उत्तर प्रदेश के एटा जिले का है, जहां प्रवीण एक ढाबा का संचालन करते हैं।
यूं तो पुलिस का मूल कर्तव्य नागरिकों की रक्षा करना और कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाए रखना है, लेकिन कई बार कुछ भष्ट पुलिसकर्मी विभाग की साख पर बट्टा लगा देते हैं। ऐसे ही कुछ पुलिसकर्मियों ने अपनी पवार का गलत इस्तेमाल करते हुए एक ढाबा संचालक के खिलाफ षड्यंत्र रच दिया, लेकिन उस ढाबा संचालक ने हार नहीं मानी और अपनी आवाज़ की बुलंद करते हुए उन दोषी पुलिसकर्मियों को सबक भी सिखाया।
मामला उत्तर प्रदेश के एटा जिले का है, जहां प्रवीण एक ढाबा का संचालन करते हैं। अपने साथ हुई इस घटना के बारे में प्रवीण ने न्यूज़ प्लेटफॉर्म क्विंट के साथ बातचीत की है।
खाने के पैसे पर हुआ था विवाद
प्रवीण ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मी उनके ढाबे पर खाना खाने आए थे और उन्होने खाना खाने के बाद पैसे देने को लेकर विवाद शुरू कर दिया। प्रवीण के अनुसार पुलिसकर्मियों ने पैसे ना देने के साथ ही उनके साथ मारपीट भी की, इसी के साथ वहाँ पर अन्य थानों की पुलिसफोर्स को भी बुला लिया गया।
पुलिसकर्मियों ने प्रवीण और उनके साथ काम करने वाले उनके अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले आए। प्रवीण का यह दावा है कि भ्रष्ट पुलिसकर्मियों ने उनके खिलाफ मादक पदार्थ जैसे गांजा और अवैध असलहा से संबन्धित धाराओं के साथ FIR दर्ज़ कर ली।
एक दर्जन मामले और घूस की मांग
पुलिस ने प्रवीण के खिलाफ एक्साइज एक्ट, आर्म्स एक्ट, नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टेंस एक्ट समेत करीब एक दर्जन मामले दर्ज़ किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिसकर्मियों ने 10 लोगों को फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार दिखाया था। भ्रष्ट पुलिसकर्मियों का खेल यहीं तक नहीं रुका, उनके द्वारा प्रवीण के परिवार से मामला सुलझाने के लिए एक लाख रुपये की घूस की भी मांग की गई, जिसे पूरा कर पाने में प्रवीण के परिवार ने असमर्थता जताई।
नहीं मानी हार, हुआ एक्शन
प्रवीण ने हार ना मानते हुए भ्रष्ट्र पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने का निर्णय किया और उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जबरन वसूली, गलत तरह से कारावास और जीवन को खतरे में डालने जैसी धाराओं में मामले दर्ज़ करवाए।
प्रवीण के इस कदम का विभाग पर असर हुआ और आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। अलीगढ़ रेंज के आईजी पीयूष मोर्डिया ने इस मामले में कड़ा एक्शन लिया और मीडिया को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। इसी के साथ प्रवीण के खिलाफ दर्ज़ किए गए मामलों की जांच को भी शुरू कर दिया गया है।
अभी कठिन है डगर
क्विंट से बात करते हुए प्रवीण ने बताया है कि अभी उनके सामने डर बना हुआ है, इसी के साथ प्रवीण ने यह भी बताया है कि आईजी पीयूष मोर्डिया ने उन्हे सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाया है।
इतना ही नहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और यूपी के डीजीपी और प्रमुख सचिव न्याय को नोटिस जारी करते हुए उनसे छह हफ्तों में इसपर जवाब मांगा है।