Arya.ag ने Blue Earth Capital की अगुवाई में हासिल की $29 मिलियन की फंडिंग
इस फंडिंग का उपयोग Arya.ag की बाजार हिस्सेदारी, लाभप्रदता और रणनीतिक पहलों को बढ़ाने के लिए किया जाएगा, जैसे कि कृषि उत्पादकता में सुधार, अपशिष्ट को कम करने और कृषि पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सैटेलाइट टेक्नोलॉजी को तैनात करना.
ने अपने प्री-सीरीज़ D फंडिंग राउंड में 29 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की है. इस राउंड का नेतृत्व स्विट्जरलैंड स्थित Blue Earth Capital ने किया और इसमें Asia Impact और Quona Capital की भी भागीदारी थी.
इस फंडिंग का उपयोग Arya.ag की बाजार हिस्सेदारी, लाभप्रदता और रणनीतिक पहलों को बढ़ाने के लिए किया जाएगा, जैसे कि कृषि उत्पादकता में सुधार, अपशिष्ट को कम करने और कृषि पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सैटेलाइट टेक्नोलॉजी को तैनात करना.
Arya.ag के सीईओ और को-फाउंडर प्रसन्ना राव ने कहा, "यह निवेश हमारे विकास पथ को गति देने में मदद करेगा. इस फंडिंग के साथ, हम अपनी पहुंच का विस्तार करने, अधिक किसानों और खरीदारों की सेवा करने और भारत के सबसे भरोसेमंद कृषि-वाणिज्य मंच के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अभिनव पेशकश पेश करने की योजना बना रहे हैं."
Arya.ag एक अनाज वाणिज्य मंच है जो किसानों और उनके संगठनों को यह तय करने की अनुमति देता है कि वे फसल कटाई के बाद ‘कब’ और ‘किसको’ अपनी उपज बेचना चाहते हैं, यह फार्मगेट-स्तरीय भंडारण, निर्बाध वित्त और पारदर्शी वाणिज्य तक पहुंच प्रदान करके संभव बनाता है.
इसकी सेवाओं का दायरा वर्तमान में भारत के 60% जिलों में फैला हुआ है, जिसमें 11,000 से अधिक कृषि गोदाम शामिल हैं. Arya.ag का दावा है कि यह सालाना 3 अरब डॉलर का अनाज एकत्र करता है और संग्रहीत करता है, जबकि छोटे किसानों, उनके संगठनों और अन्य हितधारकों को 1.5 अरब डॉलर से अधिक का ऋण वितरित करने में सक्षम बनाता है.
Blue Earth Capital में प्राइवेट इक्विटी पार्टनरशिप्स के डायरेक्टर रोहन घोष ने कहा "Arya.ag का किसानों, एफपीओ और 'जलवायु चैंपियन' के साथ विश्वास बनाने, संसाधन आवंटन को अनुकूलित करने और प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के लिए काम बेहद प्रभावशाली रहा है, खासकर कृषि में जलवायु-प्रेरित तनाव के सामने. हमें उम्मीद है कि हम एक साथ मिलकर इस नेटवर्क को मजबूत कर सकते हैं और कृषि इकोसिस्टम में सभी हितधारकों के लिए मूल्य बना सकते हैं."
(Translated by: रविकांत पारीक)