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Ather Energy ने NIIF से जुटाई 600 करोड़ रुपये की फंडिंग; यूनिकॉर्न क्लब में मारी एंट्री

पिछले महीने राइड हेलिंग प्लेटफॉर्म Rapido के यूनिकॉर्न बनने के बाद ईवी-निर्माता इस साल मोबिलिटी सेक्टर की दूसरी कंपनी है जो यूनिकॉर्न बन गई है.

Ather Energy ने NIIF से जुटाई 600 करोड़ रुपये की फंडिंग; यूनिकॉर्न क्लब में मारी एंट्री

Tuesday August 13, 2024 , 2 min Read

इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता एथर एनर्जी (Ather Energy) ने मौजूदा निवेशक नेशनल इन्वेस्टमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) से नए फंडिंग राउंड में 600 करोड़ रुपये ($71 मिलियन) जुटाए हैं. इसके साथ ही कंपनी यूनिकॉर्न बन गई है, दो सूत्रों ने YourStory को बताया.

यह ख़बर एथर एनर्जी की सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी ओला इलेक्ट्रिक द्वारा भारत के स्टॉक एक्सचेंजों पर मजबूत शुरुआत करने के कुछ दिनों बाद आई है. फंडिंग के बाद, एथर एनर्जी की वैल्यूएशन $1.3 बिलियन या लगभग 10,900 करोड़ रुपये हो गई है.

इकोनॉमिक टाइम्स ने सबसे पहले इसकी जानकारी दी थी.

एथर ने YourStory के टिप्पणी के अनुरोध का जवाब देने से इनकार कर दिया. NIIF को भेजे गए ईमेल का तुरंत जवाब नहीं मिला.

ट्रैक्सन के अनुसार, सॉवरेन वेल्थ फंड ने पहली बार 2022 में एथर में निवेश किया था.

हैदराबाद स्थित राइड हेलिंग ऐप रैपिडो के पिछले महीने यूनिकॉर्न बनने और भाविश अग्रवाल की अगुवाई वाली ओला इलेक्ट्रिक की भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर सफल लिस्टिंग के बाद भारतीय मोबिलिटी स्पेस में बढ़ी गतिविधि के बीच कंपनी यूनिकॉर्न बन गई है. ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 9 अगस्त को 76 रुपये प्रति शेयर पर खुलने के बाद सोमवार को 100 रुपये के पार चले गए.

एथर ने जुलाई में इनोवेन कैपिटल इंडिया फंड से 60 करोड़ रुपये की डेट फंडिंग जुटाई थी.

कंपनी का लक्ष्य अपने आईपीओ के लिए आवेदन करना है और इस साल जून में एक प्राइवेट कंपनी से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित हो गई है. रिपोर्ट के अनुसार, इसने आईपीओ में मदद के लिए एचएसबीसी होल्डिंग्स, नोमुरा होल्डिंग्स और जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी को नियुक्त किया है.

कंपनी में प्रमुख निवेशक हीरो मोटोकॉर्प ने जून में 124 करोड़ रुपये में अतिरिक्त 2.2% हिस्सेदारी खरीदकर स्टार्टअप में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई.

डेटा वेबसाइट ट्रैक्सन के अनुसार, एथर ने वित्त वर्ष 22-23 में 1,806 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया, जो पिछले वर्ष के 413.9 करोड़ रुपये से अधिक है. इसी अवधि के लिए इसका घाटा 2021-22 में 344.1 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 864.5 करोड़ रुपये हो गया.

(Translated by: रविकांत पारीक)

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