बड़े नोट वापस लेने से समानांतर अर्थव्यवस्था मुख्य अर्थव्यवस्था में जुड़ेगी राजस्व बढ़ेगा: जेटली
वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज कहा कि 500 और 1,000 रपये के नोट वापस लेने से अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ेगा क्यों कि कारोबार काले बाजार से निकल कर वैध बाजार का हिस्सा बनेगा। इससे राजस्व आधार का विस्तार होगा और साख बेहतर होने के साथ साथ पूरी व्यवस्था साफ सुथरी होगी।
बड़े नोटों को वापस लेने का फैसला करने के एक दिन बाद जेटली ने यहां संवाददताओं को संबोधित करते हुये कहा कि ईमानदार नागरिक इस बात को समझते हैं कि ‘‘ईमानदार रहने का फायदा मिलता है और एक संतोष भी होता है।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल अचानक एक बड़ा फैसला लेते हुये 500 और 1,000 रपये के नोट चलन से वापस लेने और 500 तथा 2,000 रपये का नया नोट अतिरिक्त सुरक्षा मानकों के साथ पेश करने की घोषणा की।
जेटली ने कहा, इस फैसले से ‘‘देश की सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: का आकार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था साफ सुथरी होगी। इससे राजस्व आधार का विस्तार होगा और बैंकिंग तंत्र में अधिक धन आयेगा।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि इससे लोगों को थोड़े समय के लिए थोड़ी बहुत कठिनाई जरूर होगी लेकिन आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को इसका काफी फायदा होगा।
जेटली ने कहा कि लोगों को आने वाली परेशानी को देखते हुये 11 नवंबर की मध्यरात्रि तक लोग मेट्रो टिकट, टॉल प्लाजा, एलपीजी सिलेंडर, रेलवे कैटरिंग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित इमारतों में इन पुराने नोटों को इस्तेमाल में ला सकेंगे। उन्होंने कहा कि कल जिन रियायतों की घोषणा की गई थी उनके अलावा आज ये कुछ और रियायतें दी गई हैं।