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अगर आप आइसक्रीम में कुछ नया ढूंढ रहे हैं तो ‘स्कूप्स एन स्टिक्स’ के पास जाना ही होगा...

अगर आप आइसक्रीम में कुछ नया ढूंढ रहे हैं तो ‘स्कूप्स एन स्टिक्स’ के पास जाना ही होगा...

Thursday December 10, 2015 , 3 min Read

आइसक्रीम का नाम लेते ही अधिक लोगों के मुंह में पानी आ ही जाता है, लेकिन यदि आइसक्रीम हैंडमेड और सिर्फ प्राकृतिक सामग्री से बनी हो तो बात ही क्या है। दिल्ली के लोगों को इसी तरह की आइसक्रीम का स्वाद दिला रहे हैं शोएब मोहम्मद और फ़ातिमा नक़वी।

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ये दोनों दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज में ‘स्कूप्स एन स्टिक्स’ नाम की आइसक्रीम कंपनी चलाते हैं। यहां चॉकलेट, सॉल्टेंड कैरैमल, बीटरूट, वैनीला, स्ट्रॉबैरी, ऑरेंज, लेमन, जिंजर और पॉमग्रैनिट स्वाद वाली आइसक्रीम मिलती हैं। इसके अलावा यहां तरह-तरह के स्वादों को मिलाकर नए स्वाद वाली आइसक्रीम भी तैयार किए जाती हैं। फातिमा इस काम को अंजाम देती हैं। 

शोएब ने योरस्टोरी को बताया

‘हम अपनी किसी भी आइसक्रीम को बनाने में किसी भी कृत्रिम सामग्री का इस्तेमाल नहीं करते हैं। हम सामग्री को चुनने में भी विशेष ध्यान रखते हैं और उत्तम गुणवत्ता वाला सामान ही अपनी आइसक्रीम के लिए उपयोग करते हैं।’
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शोएब के मुताबिक ‘ मैं और फ़ातिमा करीब तीन साल लंदन में रहे। मैंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए किया है और मरीन इंजीनियर के तौर पर काम करता था। दूसरी ओर, फ़ातिमा बैंक ऑफ अमेरिका में इंवेसमेंट बैंकर के रूप में कार्यरत थीं।’ लं‍दन में रहते हुए हम दोनों तरह-तरह की आइसक्रीम खाते और सोचते कि ये स्वाद हमारे देश में क्यों नहीं मिलता है। इसी दौरान फ़ातिमा ने लंदन में ही आइसक्रीम बनाना भी सीखा।

‘स्कूप्स एन स्टिक्स’ में मार्केटिंग का काम का जिम्मा शोएब के पास है। वह कहते हैं ‘हम दोनों खुद को आइसक्रीम एंथूजीएस्ट मानते हैं। आइसक्रीम का स्वाद लेने के लिए हम यूरोप के कई शहरों में भी गए और वहां कई तरह की आइसक्रीम खाईं और उन्हें बनाने का तरीका भी सीखा।’ लंदन में रहने के दौरान ही हम दोनों ने मन बना लिया था कि हम भारत वापस जाकर आइसक्रीम के क्षेत्र में काम करेंगे और लोगों को अलग प्रकार के स्वाद और कलात्मक आइसक्रीम से रू-ब-रू कराएंगे।

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शोएब बताते हैं 

‘अगस्त 2014 में भारत वापसी के बाद हमने सबसे पहले कुछ महीने तक मार्केट का मुआयना किया। यहां उपलब्ध आइसक्रीम के बारे में जाना और समझा। हमने पाया कि भारत के शहरों में मिलने वाली अधिकतर आइसक्रीम में कृत्रिम पदार्थों का ही इस्तेमाल होता है। हमें इस बात का अनुमान लग गया था कि भारत में प्राकृतिक सामग्री के उपयोग से बनी हैंडमेड आइसक्रीम के लिए काफी अवसर मौजूद हैं।’

सबसे पहले हमने कुछ नए स्वाद की आइसक्रीम तैयार करके लोगों को खिलाईं और उनकी प्रतिक्रिया के हिसाब से ही आगे की रणनीति बनाई। इसके बाद हमने फरवरी 2015 में ‘स्कूप्स एन स्टिक्स’ कंपनी लांच की। शोएब बताते हैं ‘जो व्‍यक्ति एक बार हमारी आइसक्रीम खा लेता है फिर उसे कहीं की आइसक्रीम पसंद नहीं आती है। हमारे ग्राहकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।’

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फ़ातिमा के मुताबिक ‘कंपनी की शुरुआत के 10 महीनों में अब तक हमें काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। शहर के कुछ जाने-माने होटल और रेस्टोरेंट स्थायी तौर पर हमारे यहां से ही आइसक्रीम ऑर्डर करते हैं। इसके अलावा शादी, जन्मदिवस आदि की पार्टियों के लिए भी ऑर्डर बुक हो रहे हैं। मैं और शोएब समय-समय पर होने वाले फेस्टीवल में अपना स्टॉल लगाते हैं। यहां लोगों की ओर से मिलने वालीं प्रतिक्रियाएं हमारे लिए बहुमूल्‍य होती हैं। हम जल्द ही अपना पहला आइसक्रीम पार्लर खोलने वाले हैं और भविष्य में पूरे देश में आइसक्रीम पार्लर की चेन खोलनी है।’