अधिकारों से वंचित बच्चों को शिक्षित कर उन्हे अच्छी नौकरी तक पहुंचा रहा है बैंगलोर का यह एनजीओ
अधिकारों से वंचित और बुनियादी जरूरतों के चलते अपनी पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को मुख्यधारा में लाकर उनकी शिक्षा के साथ उन्हे नौकरी दिलाने का काम बैंगलोर का यह एनजीओ कर रहा है।
देश में ना जाने कितने बच्चे ऐसे हैं जो अपनी पढ़ाई और अपने सपनों को छोड़कर अपने परिवार के लिए जीविका अर्जित करने के लिए कई तरह के काम कर रहे हैं। ऐसे बच्चे समाज के लिए बेहद सामान्य बन जाते हैं, जो एक तरह से देश के भविष्य को भी अंधकार में ले जाने का काम कर रहा है, हालांकि बैंगलोर का एक एनजीओ ऐसे बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
बैंगलोर आधारित ड्रीम स्कूल फ़ाउंडेशन सरकारी स्कूलों के माध्यम से अब तक 10 हज़ार से अधिक बच्चों को शिक्षा उपलब्ध करा उन्हे समाज की मुख्यधारा में जोड़ रहा है। यह एनजीओ पुणे में जन्मी मैत्री कुमार ने शुरू किया और इसके लिए उन्होने अपनी आईटी सेक्टर में अपनी अच्छी-ख़ासी नौकरी तक छोड़ दी।
द बेटर इंडिया के अनुसार पुणे विश्वविद्यालय से साल 1988-89 में कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स करने वाली मैत्री ने करीब एक दशक तक आईटी सेक्टर में रहते हुए कई मल्टीनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ काम किया, लेकिन इस सब के बावजूद वे हमेशा से समाज के लिए कुछ बड़ा करना चाहती थीं।
ड्रीम स्कूल फ़ाउंडेशन की शुरुआत से पहले मैत्री ने चाइल्ड राइट्स एंड यू नाम की एक संस्था के साथ करीब एक दशक तक काम किया, फिर अपने इस अनुभव के साथ साल 2004 में मैत्री ने ड्रीम स्कूल फ़ाउंडेशन की शुरुआत की।
यह फ़ाउंडेशन शहर के सरकारी स्कूलों की बुनियादी जरूरतों जैसे शौचालयों, कक्षाओं का निर्माण करना और अन्य समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करता है। संस्था ऐसे अधिकारों से वंचित बच्चों के अभिभावकों को भी प्रेरित करती है, ताकि वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हे स्कूल भेज सकें।
संस्था ने अब तक 40 स्कूलों को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया है और इसके लिए संस्था से जुड़े वॉलेंटियर्स स्कूलों की व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेते हैं। गौरतलब है कि संस्था सिर्फ बच्चों की शुरुआती शिक्षा को लेकर ही काम नहीं करती, बल्कि उनके बेहतर भविष्य के लिए उन्हे जीविकार्जन योग्य भी बनाती है।
संस्था बीच में ही पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों पर खास नज़र रखती है और उनकी समस्याओं को समझते हुए उन्हे आगे पढ़ने के लिए प्रेरित करती है। संस्था यह भी पुख्ता करती है कि बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के बाद उनसे जुड़ा कोई भी युवा बेरोजगार न रह जाए।
गौरतलब है कि संस्था से जुड़कर आज सैकड़ों छात्र स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमे से कुछ तो इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई भी कर रहे हैं।