अब आप तक खुद चलकर आएगा पेट्रोल-डीजल, बैंगलोर के इस स्टार्टअप ने निकाला बड़ी समस्या का समाधान
फ्यूल स्टेशन पर लाग्ने वाली लाइन और जरूरत के समय ईंधन की अनुपलब्धता जैसी परेशानियों को माइपेट्रोलपंप बखूबी हल कर रहा है। यह स्टार्टअप फिलहाल बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद में अपनी सेवाएँ दे रहा है।
आशीष गुप्ता अफ्रीका के पश्चिमी तट स्थित एक आईलैंड पर पेट्रोलियम कंपनी शेल के लिए काम कर रहे थे। आइलैंड में 25 हज़ार की जनसंख्या के लिए सिर्फ एक पेट्रोलपंप था, जिसके लिए लोगों को कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी।
शेल के साथ एक दशक तक काम करने के के दौरान आशीष ने फिलिंग स्टेशन पर जाकर गाड़ी ईंधन भरवाने की समस्या के समाधान के रूप में माइपेट्रोलपंप की कल्पना की। साल 2016 में आशीष ने शेल की नौकरी छोड़ दी और वे भारत आ गए।
भारत आने के बाद आशीष ने कई महीनों तक गैस स्टेशन, फ्यूल डिलीवरी और इस इकोसिस्टम के बारे में रिसर्च की। रिसर्च में उन्हे पता चला कि देश में हर साल 85 अरब लीटर ईंधन की खपत होती है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
देश में पर्याप्त मात्रा में फिलिंग स्टेशनों का न होना और ईंधन में मिलावट और अन्य कारणों के चलते लोगों को होने वाली समस्याओं के समाधान लिए एक विकल्प की खोज करते हुए जून 2016 में आशीष ने नवीन रॉय के साथ मिलकर माइपेट्रोलपंप की शुरुआत की।
दोनों संस्थापकों ने इस स्टार्टअप में 1-1 करोड़ की शुरुआती राशि का निवेश किया। एक साल तक रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नियामकों और पायलट प्रोजेक्ट चलाने के बाद सितंबर 2017 में माइपेट्रोलपंप को व्यावसायिक तौर पर लांच कर दिया गया।
ईंधन सप्लाई
बैंगलोर आधारित माइपेट्रोलपंप हर महीने 30 लाख लीटर ईंधन की सप्लाई कर रहा है। माइपेट्रोलपंप 2 हज़ार से अधिक बी2बी ग्राहकों को अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहा है। कंपनी का दावा है कि उसने ग्राहकों की फ्यूलिंग पर आने वाली लागत को 20 प्रतिशत तक कम किया है।
कंपनी ने अपने ईंधन ले जाने वाले ट्रकों की सुरक्षा पर भी काफी काम किया है। ये ट्रक फायरप्रूफ और एयर टाइट हैं। आशीष के अनुसार उन्होने इन ट्रकों को विकसित करने में काफी समय व्यतीत किया है।
निवेश
बूटस्ट्रैप के जरिये शुरू हुई इस कंपनी ने बीते साल अगस्त महीने में 16.2 लाख डॉलर का निवेश जुटाया था। संस्थापकों के अनुसार यह निवेश पूरी तरह कंपनी के विस्तार के लिए है। गौरतलब है कि वाहनों के लिए ईंधन सप्लाई करने के साथ ही माइपेट्रोल पंप जनरेटरों के लिए भी ईंधन की सप्लाई करता है।
कंपनी इस निवेश के साथ 10 हज़ार एंटरप्राइज़ के साथ जुड़ने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। कंपनी ने आगे बढ़ते हुए हैदराबाद और पुणे में भी अपनी सेवाओं की शुरुआत कर दी है।
विस्तार
निवेश के बाद कंपनी ने पिछले 6 महीनों में विस्तार पर ही लक्ष्य साधा है। आज कंपनी के पास 50 से अधिक फ्यूल वाहन हैं, जिनमें 10 वाहन हैदराबाद, 10 वाहन पुणे और अन्य वाहन बैंगलोर में सेवाएँ दे रहे हैं। कंपनी ने अपने फ्यूल वाहनों को खुद ही डिजाइन किया है, जिसके चलते वो अधिक बेहतर सेवा देने का दावा करती है।
कंपनी अपने ग्राहकों से पेमेंट मुख्यता डिजिटल माध्यमों से ही लेती है। कंपनी के अनुसार 90 प्रतिशत ग्राहकों डिजिटल माध्यमों के जरिये पेमेंट करते हैं, जबकि 10 प्रतिशत ग्राहक ही चेक या अन्य भौतिक माध्यमों से पेमेंट करते हैं।
भविष्य
कंपनी ने दिसंबर महीने में हैदराबाद में और जनवरी में पुणे में अपने ऑपरेशन की शुरुआत की थी। कंपनी अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक देश के सभी टियर 1 शहरों में अपने व्यापार को ले जाना चाहती है। इसी के साथ कंपनी अपनी जीएमवी (ग्रोस मर्चेंडाइस वैल्यू) को भी 60 मिलियन डॉलर तक लेकर जाना चाहती है। कंपनी देश की सभी बड़ी पेट्रोलियम कंपनियों के साथ जुड़कर अपनी सेवाओं को लगातार धार देने का काम कर रही है।
इस स्टार्टअप को कई इनाम भी मिल चुके हैं। कर्नाटक सरकार द्वारा माइपेट्रोलपंप को 20 लाख रुपये और वार्टन इंडिया स्टार्टअप चैलेंज में इस स्टार्टअप ने 10 हज़ार डॉलर की राशि जीती थी।