सीनियर सिटीजन को बैंक में मिलती हैं कौन सी अतिरिक्त सुविधाएं? ये हैं RBI के नियम
RBI ने नवंबर 2017 में सीनियर सिटीजन और डिफरेंटली एबल्ड पर्सन्स के लिए बैंकिंग फैसिलिटी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था.
बैंक ग्राहकों को परेशानी रहित बैंकिंग एक्सपीरियंस उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बैंक और उसकी हर ब्रांच की है. ग्राहक, बैंक ब्रांच में जाकर अपने काम आसानी से और सुविधाजनक तरीके से पूरे कर सकें, इसके लिए कई नियम-कायदे हैं और बैंकों को इनका पालन करना होता है. 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के नागरिकों (Senior Citizens) और दिव्यांगों (Differently abled Persons) को बैंकिंग सुविधाओं का लाभ लेने में परेशानी न हो, इसके लिए भी नियम हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंक ऐसे ग्राहकों को अनदेखा नहीं कर सकते. RBI ने नवंबर 2017 में सीनियर सिटीजन और डिफरेंटली एबल्ड पर्सन्स के लिए बैंकिंग फैसिलिटी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था. आइए जानते हैं कि इसके तहत सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों को बैंकिंग सुविधाओं को लेकर बैंकों को क्या निर्देश दिए गए हैं...
डेडिकेटेड काउंटर/वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों को वरीयता
सर्कुलर में कहा गया है कि बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे स्पष्ट रूप से पहचाने जा सकने वाले ऐसे काउंटर या डेडिकेटेड काउंटर उपलब्ध कराएं, जो वरिष्ठ नागरिकों और दृष्टिबाधित व्यक्तियों सहित अन्य दिव्यांग लोगों को प्राथमिकता दें.
जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में आसानी
सरकारी और बैंक लेखा विभाग द्वारा जारी मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, जीवन प्रमाण योजना के तहत पेंशनर, डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate) सबमिट करने के साथ-साथ पेंशन का भुगतान करने वाले बैंक की किसी भी शाखा में फिजिकल जीवन प्रमाण पत्र फॉर्म भी जमा कर सकते हैं. लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि लाइफ सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाली शाखा की ओर से बैंक की कोर बैंकिंग सॉल्युशन (सीबीएस) प्रणाली में इसे तुरंत अपडेट नहीं किया जाता है. इसके चलते पेंशनभोगियों को परेशानी होती है. इसलिए, आरबीआई की ओर से यह निर्देश है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि जब पेंशन भुगतान करने वाले बैंक की नॉन-होम ब्रांच सहित किसी भी शाखा में जीवन प्रमाण पत्र सबमिट किया जाता है, तो इसे प्राप्त करने वाली शाखा की ओर से सीबीएस में तुरंत अपडेट/अपलोड किया जाए. बैंक, पेंशनर की पेंशन के क्रेडिट में किसी भी तरह की देरी से बचें.
चेक बुक सुविधा
(i) जब भी चेक बुक के लिए रिक्वेस्ट प्राप्त होगी, बैंक उन ग्राहकों को चेक बुक जारी करेंगे.
(ii) बैंकों को निर्देश है कि वे चेक बुक रिक्वेस्ट आने पर एक बचत खाते पर प्रति वर्ष न्यूनतम 25 चेक नि:शुल्क उपलब्ध कराएं.
(iii) बैंक, चेक बुक प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों सहित किसी भी ग्राहक की बैंक में फिजिकल उपस्थिति पर जोर नहीं देंगे.
RBI की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट में इस तरह की सुविधा प्रदान करने से खाते को नॉन-बीएसबीडीए खाते के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाएगा.
खातों के स्टेटस का ऑटोमेटिक कन्वर्जन
कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जहां कुछ बैंकों में पूरी तरह से केवाईसी-कंप्लायंट खाते भी बैंक के रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि के आधार पर आॅटोमेटिकली 'वरिष्ठ नागरिक खातों' Senior Citizen Accounts में कन्वर्ट नहीं होते हैं. बैंकों को निर्देश है कि बैंक के रिकॉर्ड में दर्ज जन्म तिथि के आधार पर एक पूरी तरह से केवाईसी कंप्लायंट खाता, आॅटोमेटिक तरीके से 'सीनियर सिटीजन अकाउंट' में कन्वर्ट हो जाना चाहिए.
दृष्टिबाधित ग्राहकों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं
बैंकों को निर्देश है कि बैंकों में ग्राहक सेवा को लेकर जारी किए गए दिशानिर्देशों के तहत बीमार/बूढ़े/अक्षम व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को दृष्टिबाधित ग्राहकों के लिए भी विस्तारित किया जाएगा. ये अतिरिक्त सुविधाएं दो स्वतंत्र गवाहों द्वारा ऐसे ग्राहकों के अंगूठे/पैर के अंगूठे के निशान/मार्क की पहचान के माध्यम से खातों के संचालन के संबंध में और ऐसे ग्राहकों की ओर से राशि निकालने वाले व्यक्ति को अधिकृत करने के संबंध में हैं.
फॉर्म 15G/15H फाइल करने में आसानी
बैंकों को सलाह दी गई है कि वे वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों को वर्ष में एक बार (हो सके तो अप्रैल में) फॉर्म 15G/15H प्रदान करें ताकि वे निर्धारित समय के भीतर, जहां लागू हो, इसे जमा कर सकें.
अगर करदाता की FD से सालाना ब्याज आय 40000 रुपये (सीनियर सिटीजन के लिए 50000 रुपये) से अधिक है लेकिन कुल सालाना आय (ब्याज आय मिलाकर) उस सीमा तक नहीं है, जहां वह टैक्स के दायरे में आए तो बैंक TDS नहीं काट सकते. बैंक TDS न काटे, इसके लिए सीनियर सिटीजन को बैंक में फॉर्म 15H जमा करना होता है. वहीं जो लोग सीनियर सिटीजन नहीं हैं, उन्हें फॉर्म 15G जमा करना होता है.
डोर स्टेप बैंकिंग
70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दृष्टिबाधित लोगों सहित दिव्यांगों या दुर्बल व्यक्तियों (चिकित्सीय रूप से प्रमाणित पुरानी बीमारी या डिसएबिलिटी वाले) को होने वाली परेशानी को देखते हुए, बैंकों को सलाह दी गई है कि वे उन्हें डोर स्टेप बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराएं. इसके तहत उन्हें बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास करें. डोर स्टेप बैंकिंग के तहत बैंक द्वारा डिपॉजिट के लिए ग्राहक से नकदी-चेक प्राप्त करना और प्राप्ति के एवज में रसीद देना, कैश विदड्रॉअल की सुविधा, डिमांड ड्राफ्ट की डिलीवरी, केवाईसी डॉक्युमेंट्स और लाइफ सर्टिफिकेट सबमिशन आदि को ऐसे ग्राहकों के परिसर/निवास पर उपलब्ध कराया जाना आता है.