दो साल में बैंकिंग धोखाधड़ी में 10 गुना की कमी आई, सरकार ने संसद में दी जानकारी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में 32,178 करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड हुए थे जबकि फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में यह घटकर 3785 करोड़ रुपये रह गया.
फाइनेंशियल ईयर 2019-20 की तुलना में फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में देश में विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों में होने वाली धोखाधड़ी में 10 गुना कमी आई है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में 32,178 करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड हुए थे जबकि फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में यह घटकर 3785 करोड़ रुपये रह गया. कराड ने बताया कि आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में 11,800 करोड़ के फ्रॉड का पता लगा था.
केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान अप्रत्याशित और बेहद खराब हालत को देखते हुए कर्जदारों को भी राहत दी.
उन्हें 01 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक सिर्फ कम्पाउंड इंटेरेस्ट और साधारण ब्याज के अंतर का भुगतान करने की सुविधा दी गई. इसकी गणना 29 फरवरी 2020 तक के बकाये के आधार पर की गई. इसके तहत करीब 19.92 करोड़ कर्जदाताओं ने लाभ उठाया और उन्हें करीब 6,474 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई.
कोविड-19 महामारी को देखते हुए कर्ज की किस्तें चुकाने में असमर्थ कर्जदारों की मदद करने और उनके व्यवसाय को बिना व्यवधान के चलते रहने में सक्षम बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने 27 मार्च 2020 को कोविड-19 रेगुलेटरी पैकेज का ऐलान किया था.
इसके तहत आरबीआई ने सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों को कहा था कि वे कर्जदारों को सभी किस्तों का भुगतान करने के लिए तीन महीने की राहत दें.
पहले यह राहत मार्च से लेकर मई तक के लिए दी गई थी. हालात को देखते हुए आरबीआ ने बाद में इस राहत को अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था.