जब किसी महिला ने पहली बार पेश किया था बजट, जानें क्या कुछ था उसमें खास?
निर्मला सीतारमण देश के सामने बजट पेश करने वाली दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं, इसके पहले देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री की कुर्सी संभालते हुए देश के सामने बजट पेश किया था। यह बजट कई मानों में खास था।
1 फरवरी को देश की केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने बजट पेश करेंगी। यह बजट निर्मला सीतारमण का दूसरा बजट होगा, इसके पहले 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जाएगा। मोदी सरकार ने रेल बजट को भी आम बजट के साथ पेश करना शुरू कर दिया है, ऐसे में देश के लिए अब एक आम बजट ही पेश किया जाता है।
आज़ाद भारत में दो बार ही ऐसा हुआ है, जब किसी महिला ने देश का बजट पेश किया है। मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के सामने बजट पेश किया था। यह बजट 28 फरवरी 1970 को पेश किया गया था।
जो बजट इंदिरा गांधी ने पेश किया था, वो कई मायनों में खास था। उस दौरान इंदिरा गांधी की सरकार में मोरारजी देसाई वित्त मंत्री थे, तब इंदिरा गांधी ने उन्हे पद से हटाते हुए खुद वित्त मंत्री की कुर्सी संभाली थी, हालांकि इस घटना के बाद मोरारजी देसाई ने इंदिरा गांधी के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इंदिरा गांधी ने 27 जून 1970 को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दिया गया था, जिसके बाद यशवंतराव बलवंत राव चव्हाण को नया वित्त मंत्री बनाया गया था।
जो बजट इंदिरा गांधी ने पेश किया था उसमें गौर करने योग्य कई बातें थीं, जैसे-
- यह बजट 15 पन्नों का था, इसे दो पार्ट में बांटा गया था। बजट के पार्ट ए में 17 पॉइंट्स तो पार्ट बी में 38 पॉइंट्स रखे गए थे।
- इंदिरा गांधी ने सिगरेट पीने वालों को संबिधित करते हुए कहा था कि वो उनकी जेब पर अधिक भर डालने वाली हैं। अपने बजट में इंदिरा गांधी ने सिगरेट पर ड्यूटी को बढ़ाकर 3 फीसदी से 22 फीसदी कर दिया था। तब इंदिरा ने इस बढ़ी हुई दर से सरकार को 13.50 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व होने का अनुमान लगाया था।
- अपने पहले बजट में इंदिरा गांधी ने इनकम टैक्स में छूट देने का निर्णय लिया था, तब इन्कम टैक्स कि छूट सीमा को बढ़ाकर 40 हज़ार कर दिया था। इस कदम से सरकार कदम के बाद इंदिरा ने राजस्व के बढ़ने का अनुमान लगाया था।
- इंदिरा ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा था कि कर्मचारी भविष्य निधि में सरकार भी अपना हिस्सा देगी। इंदिरा ने घोषणा की थी कि कर्मचारी की मौत हो जाने की दशा में यह एक मुश्त राशि उसके परिवार को फैमिली पेंशन के रूप में दी जाएगी।
- इंदिरा ने अपने बजट में पेंशनभोगियों का खासा ख्याल रखा था। इंदिरा गांधी ने न्यूनतम पेंशन राशि को 40 रुपये प्रतिमह बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था, यह स्कीम पहले से रिटायर हो चुके कर्मियों पर भी लागू थी।
- इंदिरा गांधी ने कृषि और संबन्धित क्षेत्र के लिए बजट में 39 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी की थी, साथ ही यातायात और संचार के लिए 84 करोड़ रुपये बढ़ाए गए थे।
- इंदिरा गांधी के इस बजट में अनुमानित घाटे को 254 करोड़ से बढ़ाकर 290 करोड़ कर दिया गया था, हालांकि अपना बजट पेश करते हुए उन्होने साल 1969-70 के लिए पाँच से साढ़े प्रतिशत ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था।
- बजट में सरकार की तरफ से परिवार नियोजन और अन्य सामाजिक योजनाओं को प्रोत्साहन दिलाने के लिए 28 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया गया था।
- इंदिरा गांधी के इस बजट से पहले 10 हज़ार से कम जनसंख्या वाले गांवो के घरों पर वेल्थ टैक्स का प्रावधान नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी ने अपने बजट में ऐसी जगहों पर 1 लाख से अधिक कीमत वाले घरों को वेल्थ टैक्स की दरों के तहत लाने की घोषणा कर दी थी।
- इस बजट में निवेश की सीमा और उसका दायरा बढ़ाने की घोषणा की गई थी। इस बजट से पहले यूनिट ट्रस्ट से 1 हज़ार रुपये तक की आय के अलावा छोटी बजट योजनाओं पर ब्याज और भारतीय कंपनियों के शेयरों में एक हज़ार रुपये की छूट मिलती थी, इस सीमा को बढ़ाकर 3 हज़ार रुपये कर दिया गया था।