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सार्वजनिक क्षेत्र की एक और कंपनी का निजीकरण करेगी सरकार, दिसंबर तक मंगाएगी बोली

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में बीईएमएल की जमीन और गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग कर बीईएमएल लैंड एसेट्स लिमिटेड में शामिल करने को मंजूरी दी थी.

सार्वजनिक क्षेत्र की एक और कंपनी का निजीकरण करेगी सरकार, दिसंबर तक मंगाएगी बोली

Monday August 29, 2022 , 3 min Read

केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र  की एक और कंपनी भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड (BEML) का निजीकरण (Privatisation) करने की तैयारी कर रही है. सरकार की रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम बीईएमएल में 54.03 प्रतिशत हिस्सेदारी है. सरकार दिसंबर तिमाही में बीईएमएल के निजीकरण के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में बीईएमएल की जमीन और गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग कर बीईएमएल लैंड एसेट्स लिमिटेड में शामिल करने को मंजूरी दी थी. अधिकारी ने बताया कि बीईएमएल के हर शेयरधारक को बीईएमएल लैंड एसेट्स लिमिटेड में हिस्सा मिलेगा और इसे अलग करने की प्रक्रिया सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत तक पूरी कर ली जाएगी.

उन्होंने बताया, ‘‘सितंबर के अंत तक या अक्टूबर की शुरुआत में अलग होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीईएमएल की रणनीतिक बिक्री के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी.’’ अधिकारी के मुताबिक वित्तीय बोलियां अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आने की उम्मीद है. तब तक शेयर खरीद समझौते के मसौदे को भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा.

सरकार ने पिछले साल जनवरी में प्रबंधन नियंत्रण के साथ बीईएमएल में 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की थीं. मौजूदा बाजार भाव पर बीईएमएल में सरकार की 26 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 2,000 करोड़ रुपये मिलेंगे. सरकार को मल्टीपल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI)) प्राप्त हुए थे, जिसके बाद निवेशकों की टिप्पणियों के बाद डीमर्जर की प्रक्रिया शुरू की गई. डीमर्जर पूरा होने के बाद वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी.

साल 2016 में केंद्रीय कैबिनेट ने कंपनी के प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी थी. अब तक, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के माध्यम से 65 हजार करोड़ रुपये के पूर्ण वर्ष के बजट लक्ष्य के मुकाबले 24,544 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

बता दें कि, जून में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) की उन इकाइयों की रणनीतिक बिक्री को जल्द पूरा किया जाएगा जिनके लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है.

वित्त मंत्रालय का कहना है कि ऐसी इकाइयां जिनके लिए मंत्रिमंडल की हरी झंडी मिल चुकी है, उनकी रणनीतिक बिक्री संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम दीपम द्वारा तय दिशानिर्देशों के तहत करेंगे. वित्त मंत्रालय ने कहा कि जिन इकाइयों की रणनीतिक बिक्री के लिए रुचि पत्र (ईओआई) निकाले जा चुके हैं, उनकी बिक्री निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) द्वारा की जाएगी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 मई को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को इकाइयों/अनुषंगी कंपनियों को बंद करने, रणनीतिक या अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री का अधिकार दिया था. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अधिक स्वायत्तता मिली है. इसके बाद दीपम ने यह कार्यालय ज्ञापन निकाला है. केंद्रीय मंत्रिमंडल 2016 से 35 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और उनकी इकाइयों/अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी दे चुका है. इनमें से नौ का लेनदेन पूरा हो गया है.


Edited by Vishal Jaiswal