25 साल के इस सीए ने नौकरी छोड़ स्टील इंडस्ट्री में शुरू किया बिज़नेस, एक साल में रेवेन्यू 10 करोड़ रुपए
लगभग 20 साल की उम्र में बेंगलुरु के चार्टेड अकाउंटेन्ट अमित चोपरा लगातार नौकरियां बदल रहे थे। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम करने के बाद उन्होंने तय किया कि अब वह नौकरी नहीं करेंगे और अपना बिज़नेस शुरू करेंगे।
स्किल्स को देखते हुए अमित बड़ी ही सहजता के साथ एक अकाउंटेन्सी या कन्सल्टिंग फ़र्म शुरू कर सकते थे, लेकिन उन्होंने तय किया कि वह स्टील इंडस्ट्री में एक वेंचर की शुरुआत करेंगे। योरस्टोरी के साथ हुई बातचीत में अमित ने कहा,
"मैं एक ऐसी इंडस्ट्री में जाना चाहता था, जिसकी रफ़्तार न तो कभी रुकती हो और न धीमी पड़ती हो। रिसर्च के बाद मैंने पाया कि स्टील इंडस्ट्री भारत में एक बड़ा सेक्टर था और लगातार आगे बढ़ रहा था।"
अमित सही थे क्योंकि भारत के स्टील उत्पादन में लगातार इज़ाफ़ा देखने को मिला है। 2018 में स्टील उत्पादन के मामले में भारत, पूरी दुनिया में दूसरे स्थान पर था और इंडिया ब्रैंड इक्विटी फ़ाउंडेशन के अनुसार इस साल भारत ने 106.5 मिलियन टन्स का स्टील प्रोडक्शन किया था। स्टील उत्पादन के लिए बड़े निवेश की ज़रूरत होती है, लेकिन अमित छोटे स्तर से शुरुआत करना चाहते थे।
अमित बताते हैं,
"मैंने देखा कि कन्सट्रक्शन कंपनियां पैसा खर्च करने के लिए तैयार थीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपनी ज़रूरतों के मुताबिक़, सही तरह के स्टील प्रोडक्ट्स नहीं मिल पा रहे थे, जिन्हें वे कन्सट्रक्शन के काम में ला सकें।"
अमित ने तय किया कि वह कन्सट्रक्शन कंपनियों की इस ज़रूरत को पूरा करेंगे। इसके बाद अमित ने अपनी बचत के 30 लाख रुपयों से और अपने परिवार से आर्थिक मदद लेकर 2018 में बेंगलुरु से केसर इंटरनैशनल की शुरुआत की।
कंपनी विभिन्न राज्यों से स्टील लेकर, उन्हें बेंगलुरु के नज़दीक स्थित रोलिंग मिल्स में प्रॉसेस करके स्टील प्रोडक्ट्स तैयार करती है और स्थानीय क्लाइंट्स को ये प्रोडक्ट्स बेचती है।
बिज़नेस मॉडल
अमित की रणनीत काम कर गई और केसर इंटरनैशनल को पहले ही साल प्रेस्टीज और शोभा जैसे बड़े क्लाइंट्स मिल गए। इसकी बदौलत कंपनी का रेवेन्यू 10 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
अमित ने जानकारी दी कि केसर इंटरनैशनल ने पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से स्टील मंगाया और इसके बाद उन्हें बेंगलुरु में और बेंगलुरु के आस-पास के इलाकों में स्थित रोलिंग मिल्स में प्रॉसेस किया गया।
बेंगलुरु से स्टार्टअप शुरू करने के बारे में अमित ने बताया कि उन्होंने बेंगलुरु से अपने काम की शुरुआत इसलिए की क्योंकि किसी भी बिज़नेस को शुरू करने के लिए बेंगलुरु बहुत ही अच्छा मार्केट है। इसके अलावा, यह भी वजह रही कि उनका जन्म और परवरिश इसी शहर में हुई और इस शहर के उनका एक भावनात्मक जुड़ाव भी है। साथ ही, बेंगलुरु में और उसके आस-पास के इलाकों में 3 हज़ार से भी ज़्यादा रोलिंग मिल्स हैं।
चूंकि रोलिंग मिल्स अपने इन्फ़्रास्ट्रक्चर में पहले ही बड़ा निवेश कर चुकी होती हैं और साथ ही, सभी ज़रूरी स्वीकृतियां भी ले चुकी होती हैं, इसलिए अमित को इन चीज़ों के लिए परेशान नहीं होना पड़ता।
इंडस्ट्री के हालात
आजकल ऊंची इमारतें तैयार करना एक आम बात हो चली है। अमित कहते हैं,
"पहले 20 माले से ज़्यादा की बिल्डिंग बनाने में दो सालों का समय लग जाता था, लेकिन अब स्टील की कड़ियों (जॉइस्ट्स) की मदद से इस काम को करने में काफ़ी कम समय लगता है। यहीं से हमारी भूमिका की शुरुआत होती है। हम कंपनियों को कन्सट्रक्शन को तेज़ी के साथ और गुणवत्ता को बनाए रखते हुए पूरा करने के लिए सही स्टील प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराते हैं।"
चुनौतियों के संबंध में अमित मानते हैं कि भारत की कन्सट्रक्शन इंडस्ट्री में नए क्लाइंट्स को रिझाने के लिए गुडविल बहुत ज़रूरी है। अमित की फ़र्म एक साल पुरानी ही है और इसलिए उन्हें कन्सट्रक्शन इंडस्ट्री में क्लाइंट्स के सामने फ़र्म की विश्वसनीयता को साबित करने के लिए काफ़ी जद्दोजहद करनी पड़ती है।
अगर कोई भी ऑन्त्रप्रन्योर अपने वेंचर की शुरुआत करना चाहता है तो स्टील एक अच्छा मार्केट है। अमित मानते हैं कि इस इंडस्ट्री में काम शुरू करने के लिए काफ़ी कैपिटल की ज़रूरत होती है, लेकिन इसमें संभावनाएं बहुत हैं।