चाय का पेमेंट लेते हैं क्रिप्टोकरेंसी में, ख़ुद को बताते हैं क्रिप्टो की दुनिया का 'राकेश झुनझुनवाला'
दुनियाभर में यूं तो क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संशय बना हुआ है लेकिन इसका चलन भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. हाल ही में देश की स्टार्टअप नगरी बेंगलुरु में एक कॉलेज ड्रॉपआउट के कारनामे ने सब का ध्यान खींचा है. शुभम सैनी नाम के युवा ने The Frustrated Drop Out नाम से चाय की दुकान शुरू की है. दिलचस्प बात ये है कि आप यहां चाय पीने के बाद, पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में भी कर सकते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 22 वर्षीय शुभम सैनी ने अपनी चाय की स्टाल पर क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट के तौर पर स्वीकार करना शुरू कर दिया. यह तब हुआ, जब ग्राहकों ने खुद बिटकॉइन जरिए चाय का पेमेंट करने की पेशकश की.
ग्राहकों के इस तरीके ने शुभम सैनी को भी हैरान कर दिया. क्योंकि वह खुद क्रिप्टोकरेंसी के प्रति उत्साही हैं. सैनी ने बताया कि, "कोई भी ग्राहक जो भुगतान करना चाहता है, उसे यूपीआई की तरह ही क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, INR को डॉलर में बदलना होगा और फिर क्रिप्टो में भुगतान करना होगा."
शुभम सैनी हरियाणा के रेवाड़ी से नौकरी की तलाश में बेंगलुरु पहुंचे और यहां उन्हें क्रिप्टो मार्केट के बारे में जाना. 2020 में बाजार में 60 प्रतिशत की गिरावट आई, कई अन्य निवेशकों की तरह सैनी ने अपनी सारी पॉकेट मनी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में लगा दी. उन्होंने कहा, "मैंने 1.5 लाख रुपये का निवेश किया था और कुछ ही महीनों में मैंने अपने पोर्टफोलियो में 1000 फीसदी का उछाल देखा. जल्द ही मेरा क्रिप्टो वॉलेट बढ़कर 30 लाख रुपये हो गया. यह मेरे लिए एक बड़ी बात थी."
इतना अच्छा मुनाफा देखते हुए, उन्होंने माता-पिता से पैसे मांगना बंद कर दिया, यहां तक कि अपने कॉलेज की फीस भी खुद ही भरने लगे और एक शानदार जीवन जीने लगे. इसके साथ ही उन्होंने आखिरी सेमेस्टर में कॉलेज छोड़ दिया और क्रिप्टो ट्रेडिंग में पूरी तरह से डूब गए.
शुभम बिट्कॉइन में ट्रेडिंग के बाद जमीन से आसमान को छूने और फिर जमीन पर गिरने की अपनी कहानी भी बताते हैं.
हालांकि, अगले साल जैसे ही बाजार नीचे आया, सैनी के क्रिप्टो पोर्टफोलियो में 90% की गिरावट आई. उन्होंने बताया, "मैं वापस वहीं आ गया, जहां से मैंने शुरू किया था. 30 लाख रुपए से सीधा 1 लाख रुपए पर. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि एक रात, मेरे जीवन में इतना कुछ बदल सकती है."
उन्होंने आगे कहा, "अब यह स्वाभिमान की बात थी... जैसा कि मैंने तेजी से पैसा बनाने के लिए ऑनलाइन साधन खोजे, अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था."
इस घटना ने शुभम को कुछ और करने के लिए मजबूर कर दिया. शुभम को अपना आईफोन बेचना पड़ा. अपने घर वालों से उन्होंने पैसे नहीं लिए. इसके बाद माराथल्ली में चाय का स्टॉल खोला और इसके बाद P2P पेमेंट प्लेटफॉर्म का आइडिया आया. जब ग्राहकों ने पहली बार बिटकॉइन के जरिए अपनी चाय की कीमत चुकाने की कोशिश की, तो वह हैरान भी था और परेशान भी. चाय जैसी साधारण चीज़ खरीदने के लिए क्रिप्टो का इस्तेमाल करने की लोकप्रियता ने उनके इस काम को बढ़ने में मदद की है. सैनी का दावा है कि औसतन, हर हफ्ते कम से कम 20 नए ग्राहक अपनी पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में करते हैं. उन्होंने बताया है कि वह क्रिप्टो पेमेंट लेने के लिए पैक्सफुल क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें लगने लगा कि वे क्रिप्टो की दुनिया के अगले राकेश झुनझुनवाला हैं. क्रिप्टो ने फिर से शुभम की जिंदगी बदलकर रख दी है.
आपको बता दें कि इससे पहले 26 साल के मैकेनिकल इंजीनियर तैयब शफीक ने ब्रिटेन का पहला ऐसा कैफे लॉन्च किया था जो 7 तरह की क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट एक्सेप्ट करता है. इस कैफे का नाम चाय अड्डा है. बिटकॉइन और इथेरियम जैसे बड़े कॉइन की गैस फीस और ट्रांजैक्शन फीस को कम करने के लिए, तैयब अपने ग्राहकों को रिपल, लाइटकॉइन, डॉजकॉइन और शीबाइनू में भी पेमेंट का ऑप्शन देते हैं।
शफीक ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट एक्सेप्ट करने के लिए उन्होंने एक ऐप डेवलप कराया है. उन्होंने कहा, डिजिटल करेंसी अपने डिसेंट्रेलाइज्ड नेचर के कारण फ्यूचर की करेंसी है. आने वाले दिनों में विभिन्न ब्रांड और आउटलेट भी डिजिटल करेंसी अपनाएंगे.