गेम के नतीजे पर दांव लगाने के दिन गए, फरवरी तक नियम ला सकती है सरकार
मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को बताया कि मसौदे में रखे गए नियमों के मुताबिक सभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को एक सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी के पास रजिस्टर कराना होगा, जो यह तय करेगी इसे लागू करने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए.
सरकार जल्द ही ऑनलाइन गेमिंग को लेकर नए तरह के कानून पेश कर सकती है. इस संबंध में तैयार मसौदे के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां अब किसी गेम के नतीजे पर बेटिंग यानी सट्टा नहीं लगा सकेंगी. मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा, “मसौदे में रखे गए नियमों के मुताबिक गेम्स के नतीजों पर दांव लगाने की इजाजत नहीं होगी. सभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को एक सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी के पास रजिस्टर कराना होगा, जो यह तय करेगी इसे लागू करने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए.”
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए मसौदे के नियमों को जारी कर दिया है और 17 जनवरी तक कंपनियों से इस पर टिप्पणी मांगी है.
इन नियमों को ऑनलाइन गेमिंग की ग्रोथ और इनोवेशन को बढ़ावा देने के मकसद से लाया गया है. मंत्री ने एक बयान में कहा कि ऑनलाइन गेमिंग रूल्स फरवरी की शुरुआत में तैयार हो जाने की उम्मीद है.
इधर नजारा टेक्नोलॉजीज के फाउंडर और सीईओ नितिश मित्तरसैन ने कहा, हम सरकार के इस कमद का स्वागत करते हैं. केंद्र सरकार ने गेमिंग सेक्टर और खासकर स्किल बेस्ड रियल मनी गेमिंग के नियमन के लिए अपना नजरिया पेश कर दिया है.
सरकार ने जो मसौदे पेश किए हैं उसके जरिए इंडस्ट्री को MEITY के गाइडेंस में सेल्फ रेग्युलेट रह पाएगी. उन्होंने कहा कि इन मसौदों के लिए एक महीने का कंसल्टेशन पीरियड दिया गया है. कंपनी इस दौरान मसौदे का और गहराई से अध्ययन करेगी उसके बाद कंपनी अपने इनपुट देगी.
उन्होंने कहा कि यकीनन यह कदम इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए फायदेमंद रहने वाला है. जिससे बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होंगे और ग्लोबल गेमिंग परिदृश्य में भारत की स्थिति और मजबूत होगी.
ई-गेमिंग फेडरेशन के सीईओ समीर बार्डे ने कहा, प्रस्तावित संशोधन बेहद फायदेमंद कदम हैं. संशोधन में एक सेल्फ रेग्युलेटरी बॉडी (SRO) के गठन पर जोर दिया गया है जो मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एड आईटी के पास रजिस्टर्ड होगी.
उन्होंने आगे कहा, SRO समय के अंदर शिकायतों का निपटारा सुनिश्चित करने के लिए मेकैनिज्म, ऑनलाइन गेमिंग इंटरमिडिएटरीज के रजिस्ट्रेशन, एज वेरिफिकेशन, केवाईसी प्रक्रिया के जरिए रेस्पॉन्सिबल गेमिंग को प्रमोट करेगी.
साथ ही कई बार प्लेयर्स गेम्स के एडिक्शन हो जाते हैं, बेहिसाब पैसे लगा देते हैं, ऐसी स्थितियां पैदा होने से रोकने के लिए सुरक्षा मानक रखे जाएंगे. कुल मिलाकर इन कदमों से सरकार को एक रेग्युलेटेड और सस्टेनेबल इंडस्ट्री बनाने में मदद मिलेगी.
WinZO की को-फाउंडर सौम्या सिंह राठौर ने कहा कि अलग-अलग राज्यों ने अपने हिसाब से बैन लगा रखे हैं. केंद्र सरकार का फ्रेमवर्क इस तरह के प्रतिबंधों पर लगाम लगाएगा. नियमों के आने के बाद गेमिंग इंडस्ट्री के कानूनी तौर तरीके स्पष्ट हो जाएंगे जिससे निवेश बढ़ेगा.
वहीं जीएसीटी के मामले पर उन्होंने कहा, यह इंडस्ट्री के लिए फिलहाल सबसे बड़ा रिस्क है. क्योंकि 1000 से ज्यादा कंपनी हैं जिन्हें शुरू हुए दो साल से भी कम का समय हुआ है और इनका रेवेन्यू भी काफी कम है.
हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार टेक्नोलॉजी और आईपी क्रिएशन को बढ़ावा देती रहेगी और कमिशन पर 18 फीसदी जीएसटी में कोई बदलाव किए बिना इसे ही बरकरार रखे रहेगी.
(इस कॉपी में नजारा टेक्नोलॉजी, ई-गेमिंग कन्फेडरेशन और WinZo की तरफ से उनके कोट्स जोड़े गए हैं.)
Edited by Upasana