भारत बायोटेक ने जारी की फैक्टशीट, ये लोग बिल्कुल न लगवाएं कोवैक्सीन
कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने फैक्टशीट जारी कर टीका लगवाने वाले लोगों के लिए कई सावधानियों का पालन करने की सलाह दी है।
"कोविड-19 के खिलाफ भारत में 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है। देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि देश में अब तक 3,81,305 लोगों को कोविड-19 से बचाव के टीके दिए गए हैं।"
भारत बायोटेक ने फैक्टशीट जारी करके बताया है कि किस बीमारी या अवस्था में लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। इसके मुताबिक यदि किसी बीमारी की वजह से आपकी इम्युनिटी कमजोर है या आप कुछ ऐसी दवाएं ले रहे हैं, जिससे आपकी इम्युनिटी प्रभावित होती है तो आपको कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। भारत बायोटेक ने सोमवार को एक फैक्टशीट के माध्यम से यह सलाह दी है। इसने प्रतिभागियों को अपने टीकाकरण अधिकारी को किसी भी एलर्जी या स्वास्थ्य संबंधी अन्य गंभीर समस्याओं का खुलासा करने के लिए दृढ़ता से आग्रह किया।
भारत बायोटेक ने कहा कि जिन लोगों को बुखार है, एलर्जी है, किसी तरह का रक्तस्राव विकार है, रक्त पतला है, इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज़्ड है, वे कोवैक्सीन से बचें, साथ ही गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसे नहीं लेना चाहिए। तथ्यों पर प्रतिक्रिया देते हुए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि भारत बायोटेक उन प्रतिकूल घटनाओं के मद्देनजर जारी किया जा सकता है जो COVID-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से देश भर में रिपोर्ट की गई हैं।
भारत बायोटेक ने अपने फैक्टशीट में कहा कि कोवैक्सीन एक गंभीर एलर्जी का कारण बन सकता है लेकिन ऐसा होने की संभावना बेहद कम है। गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया में सांस लेने में कठिनाई, चेहरे और गले में सूजन, तेज धड़कन, पूरे शरीर में चकत्ते, चक्कर आना और कमजोरी शामिल हो सकती है। भारत बायोटेक के अनुसार यदि आप वैक्सीन लगवा रहे हों तो ऐसी बातों की जानकारी वैक्सीनेशन ऑफिसर को देनी चाहिए। यदि किसी बीमारी की वजह से आपकी नियमित दवाएं चल रही हैं तो इसकी जानकारी भी आपको देनी चाहिए, यानी वैक्सीन लगवाने से पहले अपने बारे में आपको पूरी जानकारी देना अनुवार्य है।
फैक्टशीट के अनुसार,
"टीकाकरण अधिकारी को अपनी सभी चिकित्सा स्थितियों के बारे में बताएं, जिनमें शामिल हैं: क्या आप नियमित रूप से दवा या किसी बीमारी पर हैं? यदि हां, तो कब तक और किस हालत में हैं।"
कोक्सैक्सिन निर्माता ने आगे कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने तक सभी टीका प्राप्तकर्ताओं का पालन किया जाएगा।
"किसी भी गंभीर प्रतिकूल घटनाओं के मामले में, टीका प्राप्तकर्ताओं को सरकार द्वारा नामित और अधिकृत केंद्रों / अस्पताल में चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त मानक के साथ प्रदान किया जाएगा। गंभीर प्रतिकूल घटना के लिए मुआवजा भी प्रदान किया जाएगा।"
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि अगर आप इम्युनोडेफिशिएंसी से ग्रस्त हैं या किसी अन्य ट्रीटमेंट के लिए इम्युनिटी कम कर रहे हैं तो कोरोना वैक्सीन ले सकते हैं। मगर अब भारत बायोटेक द्वारा जारी बयान में ऐसे लोगों को कोवैक्सीन न लगवाने की सलाह दी गई है।
भारत बायोटेक : ये लोग भी न लगवायें कोवैक्सीन
- वे लोग जिन्हें एलर्जी की शिकायत रहती है, वे इसे ना लगवायें।
- यदि आपको बुखार है तो न लगवायें कोवैक्सीन।
- जो लोग ब्लीडिंग डिसऑर्डर से ग्रस्त हैं या खून पतला करने की दवाईयां पहले से खा रहे हैं, वे भी ना लगवायें।
- जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं और गर्भवती हैं, वे भी इसे ना लें।
- इसके अलावा आप किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मामलों का सामना कर रहे हैं, तो आपको यह वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
- वैक्सीन लगवाने से पहले वैक्सीनेशन ऑफिसर को अपने बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए।
गौरतलब है कि देशभर से कोरोना वैक्सीन के कुछ मामूली प्रतिकूल प्रभाव सामने आने के बाद ये फैक्टशीट जारी की गई है। हालांकि कि कंपनी का ये भी कहना है कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन से कोई गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हो।