BharatPe और Hitachi Payment को RBI से मिला पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस
भारतीय फिनटेक यूनिकॉर्न
को RBI से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (PA) लाइसेंस मिल चुका है.कंपनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि Resilient Payments Private Limited को रिजर्व बैंक की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, जो कि Resilient Innovations Private Ltd की 100% सब्सिडियरी है, जिसे BharatPe के नाम से जाना जाता है.
BharatPe के अंतरिम CEO नलिन नेगी ने कहा, "हम ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिलने से वास्तव में उत्साहित हैं और हम पर विश्वास करने के लिए रेगुलेटर के आभारी हैं. BharatPe में हम देश में ऑफलाइन व्यापारियों और किराना स्टोर मालिकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और 400 से अधिक शहरों में 1 करोड़ व्यापारियों का नेटवर्क बना चुके हैं."
नेगी ने कहा कि यह मंजूरी हमारी योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और हमें डिजिटल पेमेंट एक्सेपेटेंस सॉल्यूशंस देते हुए लाखों और बिना बैंक वाले व्यापारियों तक पहुंचने में मदद करेगा.
हालांकि, कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद फाइनल मंजूरी मिल जाएगी. BharatPe को अब निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी शर्तों को पूरा करने पर काम करना होगा.
बीते कुछ महीनों में पेमेंट एग्रीगेटर के लिए कई दूसरी फिनटेक कंपनियों को मंजूरी मिली है, जिसमें Infibeam, Open, Cashfree शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 185 कंपनियों ने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है.
Hitachi Payment Services को भी मिला PA लाइसेंस
BharatPe के अलावा, RBI ने Hitachi Payment को भी पेमेंट एग्रीगेटर्स के तौर पर काम करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है. पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में Hitachi Payment अपने बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट प्रोडक्ट और मूल्य वर्धित सेवाएं जैसे ईएमआई, पे-लेटर, बीबीपीएस और लॉयल्टी सॉल्युशन करने में सक्षम होगी. वहीं, BharatPe अपनी पहुंच का विस्तार करने और डिजिटल पेमेंट स्वीकृति समाधान प्रदान करने में सक्षम होगा.
बता दें कि केंद्रीय रिजर्व बैंक ने पहले ही रेजरपे, पाइनलैब्स, स्ट्राइप, 1पे, इनोविटी पेमेंट्स, एमएसवाइप, इंफीबीम एवेन्यूज जैसी फिनटेक फर्मों को पेमेंट एग्रीगेटर्स के रूप में काम करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है. वहीं, आगे भी अधिक कंपनियों को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
आरबीआई ने 2020 में दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि केवल उन्हीं फर्मों को मंजूरी दी गई है जो व्यापारियों को भुगतान सेवाओं का अधिग्रहण और पेशकश कर सकती हैं. इसके अलावा बैंकों को अलग से अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है.
आपको बता दें कि पेमेंट एग्रीगेटर (PA) ऐसी संस्थाएं हैं जो ईकॉमर्स साइटों और व्यापारियों को अपने भुगतान दायित्वों को पूरा करने के लिए ग्राहकों से विभिन्न भुगतान साधनों को स्वीकार करने की सुविधा देती है. इसका मतलब है कि व्यापारियों को अपना खुद का अलग पेमेंट इंटीग्रेशन सिस्टम बनाने की जरूरत नहीं होती है.