अशनीर ग्रोवर की खत्म नहीं हो रहीं मुश्किलें, अब BharatPe के मूल फाउंडर भाविक कोलाडिया ने किया केस
BharatPe ने मार्च, 2022 में ग्रोवर को कंपनी में सभी पदों से हटा दिया था.
के को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) एक बार फिर चर्चा में हैं. BharatPe के मूल फाउंडर भाविक कोलाडिया (Bhavik Koladiya) ने अपने पूर्व पार्टनर अश्नीर ग्रोवर के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है. यह मुकदमा उन्होंने कंपनी के शेयरों पर अपना दावा फिर से प्राप्त करने के लिए किया है. इस मामले की सुनवाई 18 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में होने वाली है. यह जानकारी इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट से मिली है.
कोलाडिया ने 2017 में अपने स्कूल टीचर के बेटे शाश्वत नकरानी के साथ मिलकर फिनटेक फर्म भारतपे की स्थापना की थी. 2018 में, उन्होंने कंपनी के लिए एक चीफ एग्जीक्यूटिव की तलाश शुरू की और अंततः अशनीर ग्रोवर के साथ हाथ मिला लिया.
कोलाडिया को इसलिए छोड़ना पड़ा पद
इसके तुरंत बाद कोलाडिया, जिनके पास कंपनी में 30.21% हिस्सेदारी थी, को अमेरिका में क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के लिए अपनी पिछली दोषसिद्धि के कारण कैप टेबल से बाहर होना पड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक, घटनाक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनी में कोलाडिया की भागीदारी से बड़े संस्थागत निवेशकों के साथ फंडरेजिंग वाली बातचीत में बाधा आ जाती. इसलिए कोलाडिया को पद छोड़ना पड़ा और अपने शेयरों को छोड़ना पड़ा.
परंपरागत रूप से, लोग कॉल-ऑप्शन एग्रीमेंट के साथ मौजूदा हितधारकों को ऐसी शेयरहोल्डिंग गिरवी रखते हैं. कॉल-ऑप्शन एग्रीमेंट, दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट होता है, जिसके तहत खरीदार एक विशिष्ट अवधि के लिए विक्रेता से एक विशेष संपत्ति खरीदने के लिए अपने विकल्प का प्रयोग करने का अधिकार हासिल करता है.
कोलाडिया ने दिसंबर 2018 में ट्रांसफर किए थे शेयर
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के माध्यम से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, कोलाडिया ने दिसंबर 2018 में ग्रोवर, नकरानी और मनसुखभाई मोहनभाई नकरानी व कुछ अन्य प्रारंभिक चरण और एंजल निवेशकों को अपने शेयर ट्रांसफर किए. कई बार बातचीत में, ग्रोवर ने कहा है कि कोलाडिया ने अपने शेयर उन्हें व नकरानी और शुरुआती निवेशकों सहित अन्य खरीदारों को बेचे थे. हालांकि एक बयान में, कोलाडिया ने ईटी प्राइम को बताया है कि उन्होंने 2018 में नकरानी और ग्रोवर के साथ BharatPe के अपने 'गिरवी शेयर' हासिल करने के लिए एक समझौता किया था. उन्होंने यह भी कहा कि नकरानी ने उस सौदे का सम्मान किया था, जिसके बाद उनसे भारतपे का शेयरधारक बनने की उम्मीद थी, लेकिन ग्रोवर ने वापसी नहीं की थी.
हालांकि, जिस चीज़ ने बेचैनी बढ़ाई, वह है सुहैल समीर द्वारा दावे को नकारना. भारतपे के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी समीर ने ईटी प्राइम के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें नहीं पता कि भाविक के कॉन्ट्रैक्ट में क्या कहा गया था या कोई कॉन्ट्रैक्ट है भी या नहीं.
मार्च 2022 में BharatPe से अलग हुए थे अशनीर
भारतपे ने मार्च, 2022 में ग्रोवर को कंपनी में सभी पदों से हटा दिया था. कंपनी ने कथित तौर पर फाइनेंस में बड़े पैमाने पर अनियमितता में ग्रोवर के परिवार और संबंधियों की संलिप्तता भी पाई थी. ग्रोवर के इस्तीफे के बाद उनसे उलझने वाले और उन पर सोशल मीडिया के माध्यम से निजी हमले करने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुहैल समीर ने भी भारतपे से इस्तीफा दे दिया है. समीर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में ग्रोवर पर पैसा चुराने का आरोप लगाया था. भारतपे ने कहा है कि 7 जनवरी, 2023 से समीर, सीईओ की जगह रणनीतिक सलाहकार की भूमिका निभाएंगे. कंपनी के मौजूदा मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नलिन नेगी को अंतरिम सीईओ नियुक्त किया गया है.
Edited by Ritika Singh