Electric Vehicles की सेफ्टी पर अपडेट! 1 अक्टूबर से नहीं लागू होंगे बैटरी से जुडे़ सुरक्षा नियम, जानें कब तक बढ़ी डेडलाइन
Electric Vehicles में तेजी से आग लगने के मामलों के बाद लोगों के बीच ई-स्कूटर्स की लोकप्रियता में कमी देखी गई है. EVs की बैटरी में हुए ब्लास्ट की वजह से कई लोगों की जान भी गई है. कस्टमर्स की सुरक्षा खतरे में देखते हुए भारत सरकार (Indian Government) ने इन मामलों की जांच के लिए एक स्पेशल कमिटी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट के आधार पर रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मिनिस्ट्री (MoRTH) ने बैटरी की क्वालीटी को लेकर नए नियम और चालकों के लिए कुछ एडिशनल सेफ्टी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए नियम लाने के लिए 1 अक्टूबर, 2022 तक का समय दिया था.
लेकिन अब सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर इसे दो चरणों में लागू करने की बात कही है. सरकार ने बैटरी टेस्टिंग के अनिवार्य नियम लागू करने की सीमा बढ़ाने का फैसला किया है. इसके साथ ही इन नियमों को अब दो चरणों में लागू करने की योजना है. इसकी तारीखें भी तय की गई हैं. पहले चरण में ये नियम 1 दिसंबर, 2022 को लागू होंगे. वहीं, दूसरे चरण की योजना 1 मार्च, 2023 को लागू होगी. यानी इस योजना को लागू किए जाने की तारीख को दो महीना आगे बढ़ाया गया है. यह नियम टू-व्हीलर्स के साथ-साथ थ्री-व्हीलर्स, क्वाड्रिसाइकिल और कारों पर भी लागू होंगे.
जानकारी के मुताबिक पहले चरण में जिन नियमों को लागू किया जाएगा उनमें रिचार्जेबल बैटरी में प्रेशर रिलीज वेंट से जुडे़ पैरामीटर्स होंगे. इनके अलावा रिचार्जेबल बैटरी के अंदर सेल टू सेल स्पेसिंग से जुडे मानदंड, रिचार्जेबल बैटरी के अंदर सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फ्यूज और बैटरी को ओवर चार्ज होने से बचाने के लिए वोल्टेज कट-ऑफ वाले जार्चर जैसे नियमों को लागू किया जा सकता है. साथ ही बैट्री पैक के डिजाइन, उसके सैल, बीएमएस, चार्जर और थर्मल प्रॉपोगेशन को लेकर टेस्टिंग के नॉर्म्स में बदलाव किया गया था. साथ ही EV की टेस्टिंग पर भी जोर दिया गया था.
इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी की सुरक्षा के लिए सारे टेस्टींग और नए मानदंडो के पालन करने के लिए सरकार की तरफ से दिए गए वक़्त को बढ़ने के फैसले को ईवी मैन्यूफैक्चरर्स ने स्वागत किया है क्योंकि नए डिजाइन को बनाने और टेस्ट करने के लिए उन्हें समय मिल सकेगा.
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