भारत में बायोटेक स्टार्टअप बीते 8 वर्षों में 100 गुणा बढ़कर 5300+ : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में “International Conference on Emerging Trends in Biosciences and Chemical Technology- 2022” को संबोधित किया.
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 8 वर्षों में भारत की जैव-अर्थव्यवस्था (India's bio-economy) 2014 में 10 अरब डॉलर से बढ़कर 2022 में 80 अरब डॉलर से अधिक हो गई है.
जम्मू में "International Conference on Emerging Trends in Biosciences and Chemical Technology- 2022" को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बायोटेक स्टार्टअप (BioTech Startups) पिछले 8 वर्षों में बायोटेक स्टार्टअप्स 100 गुना बढ़कर 2014 में 52 विषम स्टार्टअप से 2022 में 5300 से अधिक हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 3 बायोटेक स्टार्टअप्स को 2021 में हर दिन शामिल किया गया और अकेले 2021 में कुल 1,128 बायोटेक स्टार्टअप्स की स्थापना की गई, जो भारत में इस क्षेत्र के तेजी से विकास का द्योतक है.
इस सम्मेलन का आयोजन श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय, जम्मू के स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद – भारतीय समवेत औषधि संस्थान (CSIR-IIIM) जम्मू और द बायोटेक रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से आज 3 से 5 दिसंबर 2022 तक किया जा रहा है.
संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रीस, दक्षिण कोरिया, स्कॉटलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड, अर्जेंटीना, ब्राजील, मैक्सिको, मलेशिया और वियतनाम जैसे 14 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी हैं और भारत के लगभग हर राज्य से 24 राष्ट्रीय मुख्य वक्ता और आमंत्रित वक्ता और लगभग 300 प्रतिभागी हैं जो मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के रूप में अपना काम प्रस्तुत कर रहे हैं.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2014 में बायो-इकोनॉमी में 10 करोड़ रुपये के मामूली निवेश से, 2022 में इसके कोष की वृद्धि 400 गुना बढ़कर 4200 करोड़ रुपये हो गई, जिससे 25,000 से अधिक उच्च कुशल नौकरियों का सृजन हुआ. उन्होंने कहा कि बायो टेक इन्क्यूबेटर्स की संख्या 2014 में 6 से बढ़कर अब 75 हो गई है, जबकि बायोटेक प्रोडक्ट 10 प्रोडक्ट्स से बढ़कर आज 700 से अधिक हो गए हैं.
भारत जैव अर्थव्यवस्था के विकास पर चर्चा करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत ने प्रति दिन लगभग 40 लाख कोविड-19 टीकों की खुराक दी और 2021 में कुल 1.45 अरब खुराक दी है. इसी तरह, हमने 2021 में प्रत्येक दिन 1.3 अरब कोविड-19 परीक्षण किए और 2021 में कुल मिलाकर 50 करोड़ 70 लाख परीक्षण किए गए.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि कोविड अर्थव्यवस्था के कारण बायोटेक उद्योग एक अरब डॉलर के अनुसंधान एवं विकास व्यय को पार कर गया है और यह एक वर्ष के भीतर लगभग तिगुना होकर 2020 में 32 करोड़ डॉलर से 2021 में 1,02 अरब डॉलर हो गया है. मंत्री ने कहा कि भारत शीघ्र ही बायोटेक के ग्लोबल इकोसिस्टम के शीर्ष पांच देशों की सूची में आ जाएगा.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए उन पांच बड़े कारणों की ओर इशारा किया कि क्यों भारत को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अवसरों की भूमि माना जा रहा है. पहला- वैविध्यपूर्ण जनसंख्या और विविधता वाले जलवायु क्षेत्र, दूसरा- भारत का प्रतिभाशाली मानव पूंजी पूल, तीसरा- भारत में व्यवसाय में सुगमता के लिए बढ़ते प्रयास. चौथा- भारत में बायो-प्रोडक्ट्स की मांग लगातार बढ़ रही है, और पांचवां- भारत का बायोटेक सेक्टर और इसकी सफलता के शानदार उदाहरण (ट्रैक रिकॉर्ड).
वैश्विक मंच पर भारतीय पेशेवरों की बढ़ती प्रतिष्ठा और प्रोफ़ाइल का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, दुनिया में भारतीय आईटी पेशेवरों के कौशल और नवाचार में विश्वास बढ़ रहा है और इस जैव-अर्थव्यवस्था के दशक में भारत के जैव पेशेवरों के लिए भी यही सच सिद्ध होगा.
सम्मेलन के वैज्ञानिक सत्रों को स्वास्थ्य विज्ञान, एंजाइमोलॉजी और आणविक जीव विज्ञान, सिंथेटिक जीव विज्ञान, सामग्री विज्ञान और नैनो सामग्री, प्राकृतिक उत्पाद और हरित रसायन, पर्यावरण स्थिरता और विकास तथा वनस्पतियाँ और पशु विज्ञान पर विभिन्न विषयों के अंतर्गत विभक्त किया गया है.